चर्चा में क्यों?
पिछले कुछ समय से चुनाव आयोग डिजिटल मतदाता पहचान पत्र या एलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) की उपलब्धता पर विचार कर रहा है। इस प्रणाली को वर्ष 2021 तक लागू कर दिये जाने की सम्भावना है।
प्रमुख बिंदु
- ई.पी.आई.सी. एक पी.डी.एफ. फाइल के रूप में उपलब्ध होगा, जिसे किसी मोबाइल फोन या कम्प्यूटर पर डाउनलोड किया जा सकता है।
- इस सुविधा का लाभ उठाने के लिये पात्र मतदाता को मतदाता सूची में नामांकन हेतु चुनाव आयोग को अपना मोबाइल नम्बर या ई.मेल पता देना होगा।
- एक बार उसका नाम मतदाता सूची में शामिल हो जाने के बाद उसे एस.एम.एस. या ई.मेल के माध्यम से सूचित किया जाएगा। मतदाता ओ.टी.पी. (वन टाइम पासवर्ड) प्रमाणीकरण के माध्यम से मतदाता पहचान पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
- मौजूदा मतदाताओं को चुनाव आयोग के साथ बैंक के.वाई.सी. प्रक्रिया के समान अपने विवरण को पुनः सत्यापित करना पड़ सकता है और इलेक्ट्रॉनिक रूप में अपना कार्ड प्राप्त करने के लिये अपना ई.मेल या मोबाइल फोन नम्बर प्रदान करना होगा।
- मतदाता पहचान पत्र की सॉफ्ट कॉपी में एक क्यू.आर. कोड भी होगा, जिसे स्कैन करने पर मतदाता के नामांकन विवरण, जैसे- नाम और जन्मतिथि से सम्बंधित जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।
लाभ
- डिजिटल मतदाता पहचान पत्र से चुनाव आयोग द्वारा पहचान पत्र को मुद्रित और वितरित करने सम्बंधी लागत को कम करने में मदद मिलेगी।
- इस प्रणाली के लागू होने पर मतदाताओं को अपने फोन पर मतदाता कार्ड की पी.डी.एफ. फाइल रखना आवश्यक होगा। यह मतदान के दिन मतदाता पर्ची की आवश्यकता को समाप्त करेगा।
सम्बंधित चुनौतियाँ
- डिजिटल मतदाता पहचान पत्र को प्राप्त करने के लिये स्मार्ट फोन, कम्प्यूटर या अन्य डिजिटल उपकरण आवश्यक हैं। भारत जैसे विकासशील देश में सभी लोगों तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की पहुँच अभी तक सुनिश्चित नहीं सकी है, जिससे नीतिगत लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
- भारत में अभी भी व्यापक स्तर पर अंकीय विभाजन (Digital Devide) की स्थिति बनी हुई है। इसलिये डिजिटल मतदाता पहचान पत्र प्रणाली को पूर्ण रूप से लागू किया जाना एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है।
- इस प्रणाली को लागू करने में गोपनीयता से सम्बंधित कई चुनौतियों को भी ध्यान में रखना होगा।
अन्य तथ्य
- वर्तमान में ई.पी.आई.सी. केवल भौतिक (हार्ड कॉपी) रूप में उपलब्ध है और चुनावों में वोट डालने के लिये मतदाता को इसकी मूल प्रति साथ ले जाना अनिवार्य है।
- ई.पी.आई.सी. डाउनलोड या प्राप्त करने में असक्षम व्यक्ति चुनाव आयोग द्वारा अनुमति प्राप्त वैकल्पिक फोटो पहचान पत्र दिखाकर मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
- फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र वर्ष 1993 में पहली बार लाया गया था। वर्तमान में यह पहचान और पते के साक्ष्य के तौर पर स्वीकार्य है।