प्रारंभिक परीक्षा – एंबेडेड सिम मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
26 मार्च, 2024 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 'मशीन-टू-मशीन (M2M) संचार के लिए एंबेडेड सिम के उपयोग' पर सिफारिशें जारी की।
प्रमुख बिंदु:
- दूरसंचार विभाग ने नवंबर 2021 में 'मशीन-टू-मशीन (M2M) संचार के लिए एंबेडेड सिम के उपयोग पर ट्राई अधिनियम, 1997 के तहत ट्राई से सिफारिशें मांगी थीं।
- इस संबंध में ट्राई ने सभी हितधारकों से टिप्पणियां/प्रतिटिप्पणियां प्राप्त करने के लिए 25 जुलाई 2022 को ‘मशीन-टू-मशीन संचार के लिए एंबेडेड सिम' पर एक परामर्श पत्र जारी किया था।
- प्रमुख हितधारकों से प्राप्त टिप्पणियों/इनपुट के आधार पर इस विषय पर व्यापक विचार-विमर्श एवं विश्लेषण के आधार पर ट्राई ने सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है।
- इससे देश में 5जी सेवाओं के शुरू होने के साथ मशीन-टू-मशीन इकोसिस्टम के अवसरों में व्यापक विस्तार हुआ है, जिससे कृषि, परिवहन, स्वास्थ्य देखभाल और औद्योगिक स्वचालन जैसे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों का दायरा बढ़ा है।
- इन सिफारिशों का उद्देश्य भारत में मशीन-टू-मशीन एम्बेडेड सिम (ई-सिम) के नियामक परिदृश्य को सुव्यवस्थित करना है।
- इन सिफारिशों के माध्यम से प्राधिकरण ने अपने ग्राहक को जानें (KYC) के माध्यम से सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया है, जो नेटवर्क सुरक्षा सुनिश्चित करने, धोखाधड़ी के जोखिमों को कम करने और मशीन-टू-मशीन ई-सिम इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
- प्राधिकरण ने ई-सिम की प्रोफ़ाइल स्विचिंग और एसएम-एसआर(SM-SR- Subscription Manager-Secure Routing) की स्वैपिंग के लिए एक ढांचे की भी सिफारिश की है।
- यह मशीन-टू-मशीन ई-सिम उपयोगकर्ताओं को महत्वपूर्ण लचीलापन प्रदान करेगा जिससे इस क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
- सरकार द्वारा इन सिफारिशों को लागू करने से भारत में दूरसंचार क्षेत्र के मशीन-टू-मशीन eSIM खंड में व्यवस्थित विकास को बढ़ावा मिलेगा
- इससे आधुनिक मशीन-टू-मशीन संचार का बेहतर विकास होगा।
प्रमुख सिफारिशें:
- भारत में अंतरराष्ट्रीय रोमिंग पर आयातित डिवाइस में लगे किसी भी M2M eSIM पर सभी संचार प्रोफाइल को अंतरराष्ट्रीय सक्रियण की तारीख से छः महीने की अवधि के भीतर अनिवार्य रूप से भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) के संचार प्रोफाइल में परिवर्तित किया जाना चाहिए।
- यूनिफाइड एक्सेस सर्विस लाइसेंस धारक, यूनिफाइड लाइसेंस (एक्सेस सर्विस ऑथराइजेशन) धारक, यूनिफाइड लाइसेंस (मशीन-टू-मशीन ऑथराइजेशन) धारक आदि को भारत में सब्सक्रिप्शन मैनेजर सिक्योर रूटिंग (SM-SR) के स्वामित्व और प्रबंधन के लिए अलग अनुमति के साथ M2M सेवा प्रदाता (M2MSP) पंजीकरण रखने वाली कंपनियों को देश में सब्सक्रिप्शन मैनेजर सिक्योर रूटिंग (SM-SR) के स्वामित्व तथा प्रबंधन की अनुमति दी जानी चाहिए।
- भारत में आयातित उपकरणों में लगे M2M eSIM पर भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाता की प्रोफाइल की स्थापना के लिए संबंधित मूल उपकरण निर्माता (OEM) और M2M सेवा प्रदाता को निम्न में से चयन करने की छूट दी जानी चाहिए
- (ⅰ) मौजूदा (विदेशी) सब्सक्रिप्शन मैनेजर सिक्योर रूटिंग (SM-SR) के माध्यम से भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाता के सब्सक्रिप्शन मैनेजर डेटा प्रिपरेशन (SM-DP) से M2M eSIM में प्रोफाइल डाउनलोड या
- (ii) सब्सक्रिप्शन मैनेजर सिक्योर रूटिंग (SM-SR) के विदेशी से भारतीय में स्विच करने के बाद नए (भारतीय) सब्सक्रिप्शन मैनेजर सिक्योर रूटिंग (SM-SR) के माध्यम से भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदाता के सब्सक्रिप्शन मैनेजर डेटा प्रिपरेशन (SM-DP) से M2M eSIM में प्रोफाइल डाउनलोड करने पर।
- संबंधित मूल उपकरण निर्माता (OEM)/ M2M सेवा प्रदाता के अनुरोध पर M2M सेवा प्रदाता पंजीकरणकर्ता / दूरसंचार सेवा लाइसेंसधारी जिसका सब्सक्रिप्शन मैनेजर सिक्योर रूटिंग (SM-SR) भारत में M2M eSIMs को नियंत्रित करता है, को लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार सेवा प्रदाता के सब्सक्रिप्शन मैनेजर डेटा प्रिपरेशन (SM-DP) के साथ सब्सक्रिप्शन मैनेजर सिक्योर रूटिंग (SM-SR) के एकीकरण से इनकार नहीं करना चाहिए।
- सब्सक्रिप्शन मैनेजर सिक्योर रूटिंग (SM-SR) का सब्सक्रिप्शन मैनेजर डेटा प्रिपरेशन (SM-DP) के साथ एकीकरण GSMA के विनिर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिए और संबंधित मूल उपकरण निर्माता (OEM)/ M2M सेवा प्रदाता से अनुरोध प्राप्त होने की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
- इसके कार्यान्वयन में चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा भारतीय संस्थाओं को आवंटित 901.XX IMSI श्रृंखला के उपयोग को इस स्तर पर भारत में M2M सेवाएं प्रदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
e-SIM Card:
- e-SIM Card का अभिप्राय एंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल से है।
- यह कोई इलेक्ट्रॉनिक-सिम नहीं है। बल्कि इसे एम्बेडेड-सिम के रूप में जाना जाता है।
- eSIM तकनीक फोन के मदरबोर्ड में एम्बेडेड होता है।
- यह एम्बेडेड या डिजिटल सिम यूजर्स को भौतिक नैनो-सिम का उपयोग किए बिना एक सेलुलर प्लान को एक्टिव करने की अनुमति देता है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)
- भारत में दूरसंचार सेवाओं और टैरिफ को विनियमित करने के लिए संसद के एक अधिनियम द्वारा 20 फरवरी 1997 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की स्थापना की गई थी।
- इसमें एक अध्यक्ष और दो से अधिक पूर्णकालिक सदस्य हैं।
- यह दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य करता है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- ट्राई का मिशन भारत में दूरसंचार के विकास के लिए परिस्थितियों का निर्माण और पोषण करना है।
- इसका मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष एवं पारदर्शी वातावरण प्रदान करना है और बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की सुविधा प्रदान करता है।
- ट्राई नियमित रूप से टैरिफ, इंटरकनेक्शन, सेवा की गुणवत्ता, डायरेक्ट टू होम सेवाओं और मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी जैसे विभिन्न विषयों पर आदेश और निर्देश जारी करता है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 26 मार्च, 2024 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने 'मशीन-टू-मशीन संचार के लिए एंबेडेड सिम के उपयोग' पर सिफारिशें जारी की।
- इन सिफारिशों का उद्देश्य भारत में मशीन-टू-मशीन एम्बेडेड सिम (ई-सिम) के नियामक परिदृश्य को सुव्यवस्थित करना है।
- भारत में दूरसंचार सेवाओं और टैरिफ को विनियमित करने के लिए संसद के एक अधिनियम द्वारा 20 फरवरी 1997 को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की स्थापना की गई थी।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: हाल के भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के 'मशीन-टू-मशीन (M2M) संचार के लिए एंबेडेड सिम के उपयोग' पर सिफारिशों के महत्त्व का उल्लेख कीजिए।
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स्रोत: pib