चर्चा में क्यों
भारत में फ्रांस के राजदूत ने औपनिवेशिक शहर चंद्रनगर में वर्ष 1875 में निर्मित दो मंजिला इमारत- ‘रजिस्ट्री भवन’ के जल्द जीर्णोद्धार की आशा व्यक्त की है।
चंद्रनगर का ऐतिहासिक महत्त्व
- चंद्रनगर या चंदननगर हुगली नदी के पूर्वी तट पर पहली फ्रांसीसी व्यापारिक चौकी थी, जिसे वर्ष 1696 में स्थापित किया गया था।
- वस्तुतः फ्रांसीसियों ने इसे एक भूमि-खंड के रूप में बंगाल के मुगल गवर्नर साइस्ता खान से वर्ष 1673 में क्रय किया था।
- विदित है कि भारत में ‘पहली फ्रांसीसी फैक्ट्री’ वर्ष 1668 में सूरत में तथा बाद में मछलीपट्टनम में स्थापित हुई। इन्हें वर्ष 1720 तक डच और अंग्रेजों ने हड़प लिया था।
- वर्ष 1731 में चंद्रनगर के प्रमुख के रूप में नियुक्त डुप्ले को उपनिवेश का बीजारोपण करने वाला माना जाता है। उसने बंगाल के नवाब के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित किये, जिससे अंग्रेजों को काफी धक्का लगा।
- अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने में यह क्षेत्र सक्रिय रहा एवं कलकत्ता से निकट होने के कारण यह स्वतंत्रता सेनानियों के लिये एक सुरक्षित आश्रय स्थल भी था।
- फ्रांसीसियों ने वर्ष 1947 में चंद्रनगर को स्वतंत्र शहर घोषित किया तथा उनके द्वारा जून 1948 में आयोजित एक जनमत संग्रह में 97% लोगों ने भारत के साथ विलय का विकल्प चुना। अंततः 2 अक्टूबर, 1955 को चंद्रनगर आधिकारिक रूप से भारत गणराज्य का हिस्सा बना।