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हरित ऊर्जा क्षेत्र में रोज़गार की संभावनाएँ 

संदर्भ

नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक रोज़गार सृजन के लिये कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अधीन ‘हरित रोज़गार कौशल परिषद्’ ने एक पोर्टल का विकास किया है।

पोर्टल के बारे में

  • नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी ‘आजीविका अनुप्रयोगों में विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना’ नामक घोषणापत्र के अनुसरण में इस पोर्टल का विकास किया गया है। इस घोषणापत्र में हरित ऊर्जा क्षेत्र में रोज़गार के अवसर सृजित करने पर बल दिया गया है।
  • इसमें सौर स्ट्रीट लाइट, स्टैंडअलोन स्ट्रीट पंप, बायोगैस संयंत्र और सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना या संचालन के क्षेत्र में लोगों को रोज़गार देना शामिल है। यह पोर्टल नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में रोज़गार के अवसर की जानकारी देगा।

आवश्यकता

  • ‘हरित रोज़गार कौशल परिषद्’, ‘प्राकृतिक संसाधन रक्षा परिषद्’ और ‘ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद्’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2021 में 48% कम रोज़गार के अवसरों का सृजन हुआ।
  • भारत के पास वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म विद्युत् उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के लिये लगभग 3.4 मिलियन रोज़गार सृजन की संभावना है।

हरित रोज़गार सृजन के समक्ष चुनौतियाँ

  • इस क्षेत्र की तकनीकी क्षमता और रोज़गार के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिये डाटा की कमी है।
  • इस क्षेत्र में सृजित अधिकांश रोज़गार अस्थायी हैं, जो परिसंपत्ति निर्माण के अंत में समाप्त हो जाते हैं।
  • अकुशल श्रम का मशीनीकरण अकुशल श्रमबल के क्षेत्र में रोज़गार के अवसर को सीमित करता है। अभी तक इस क्षेत्र से संबंधित कोई विश्वसनीय डाटा उपलब्ध नहीं है जिसके माध्यम से इस क्षेत्र में रोज़गार सृजन की क्षमता का निर्धारण किया जा सके।

निष्कर्ष

नवीन पोर्टल के माध्यम से इस क्षेत्र में सृजित रोज़गार के संबंध में जागरूकता का प्रसार होगा, जिससे इस क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन आकर्षित होंगे। साथ ही, इसके माध्यम से भारत कॉप-26 सम्मेलन में घोषित लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में सफ़ल होगा।

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