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ऊर्जा प्रगति रिपोर्ट 2024

संदर्भ

हाल ही में जारी ऊर्जा प्रगति रिपोर्ट, 2024 के अनुसार, दुनिया वर्ष 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा के लिए सतत विकास लक्ष्य (SDG) 7 को प्राप्त करने के रास्ते से दूर है। SDG 7 का उद्देश्य किफायती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना है।

ऊर्जा प्रगति रिपोर्ट, 2024 के बारे में 

  • जारीकर्ता :  यह रिपोर्ट लक्ष्य की दिशा में प्रगति पर नज़र रखने के लिए जिम्मेदार पाँच संरक्षक एजेंसियों द्वारा प्रतिवर्ष तैयार की जाती है, जिनमें शामिल हैं: 
      • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)
      • अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (IRENA)
      • संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (UNSD)
      • विश्व बैंक (WB) 
      • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
  • रिपोर्ट में चेतावनी
      • मौजूदा नीतियों के कारण वर्ष 2030 तक 660 मिलियन लोग बिजली की पहुँच से वंचित रह सकते हैं और लगभग 1.8 बिलियन लोगों के पास स्वच्छ खाना पकाने की तकनीक और ईंधन तक पहुंच नहीं होगी।
      • ऊर्जा दक्षता दर की प्रगति भी धीमी है, जो केवल 2.3% ही है। यह एसडीजी 7 की प्राप्ति के लिए आवश्यक स्तर से काफी नीचे है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • विद्युत अनुपलब्धता में वृद्धि : विद्युत ऊर्जा के बिना रहने वाले लोगों की संख्या में एक दशक से भी ज़्यादा समय में पहली बार वृद्धि हुई है।
      • वर्तमान में 685 मिलियन लोग विद्युत ऊर्जा के बिना रह रहे हैं, जो वर्ष 2021 की तुलना में 10 मिलियन ज़्यादा है।
      • वर्ष 2022 में, उप-सहारा अफ़्रीका में 570 मिलियन लोगों तक विद्युत ऊर्जा की पहुँच नहीं थी, जो विद्युत ऊर्जा के बिना रहने वाली वैश्विक आबादी का 80% से ज़्यादा हिस्सा है।
      • वस्तुतः इस क्षेत्र में विद्युत ऊर्जा की कमी में वर्ष 2010 के स्तर की तुलना में वृद्धि देखी गई है।
  • भोजन पकाने में प्रदूषणकारी ईंधन का प्रयोग : 2.1 बिलियन लोग अभी भी खाना पकाने के लिए प्रदूषणकारी ईंधन और तकनीकों का उपयोग करते हैं, मुख्य रूप से उप-सहारा अफ्रीका और एशिया में।
      • खाना पकाने के लिए प्रदूषित ईंधन और प्रौद्योगिकियों के उपयोग से उत्पन्न घरेलू वायु प्रदूषण के परिणामस्वरूप हर साल 3.2 मिलियन लोगों की समय से पहले ही मृत्यु हो जाती है।
  • नवीकरणीय विद्युत ऊर्जा की खपत में वृद्धि : नवीकरणीय विद्युत ऊर्जा की खपत वर्ष 2021 में साल-दर-साल 6% से अधिक बढ़ी, जिससे वैश्विक विद्युत ऊर्जा खपत में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 28.2% हो गई।
      • प्रति व्यक्ति स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता वर्ष 2022 में वैश्विक स्तर पर 424 वाट प्रति व्यक्ति के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई।
      • हालांकि, काफी असमानताएं मौजूद हैं, जैसे विकसित देशों में विकासशील देशों की तुलना में 3.7 गुना अधिक स्थापित क्षमता है।
  • ऊर्जा गहनता सुधार की दर में मामूली वृद्धि : ऊर्जा गहनता सुधार की दर में 2021 में 0.8% की मामूली वृद्धि देखी गई। 
      • रिपोर्ट के अनुसार, SDG 7.3 लक्ष्य को पूरा करने के लिए वर्ष 2030 तक औसत वार्षिक सुधार अब 3.8 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए।
  • वित्तीय प्रवाह में वृद्धि : विकासशील देशों में स्वच्छ ऊर्जा के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक वित्तीय प्रवाह वर्ष 2022 में बढ़कर 15.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो वर्ष 2021 की तुलना में 25% अधिक है। 
      • हालाँकि, यह अभी भी वर्ष 2016 के 28.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के शिखर का लगभग आधा है। 

भारत की स्थिति

  • वर्ष 2010 और 2021 के बीच, भारत ने चीन और इंडोनेशिया के साथ मिलकर आधुनिक नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है।
      • इस अवधि के दौरान, भारत में कुल अंतिम ऊर्जा खपत (TFEC) में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी लगभग 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • भारत के नवीकरणीय ऊर्जा में परिवर्तन को पर्याप्त अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सहायता से बल मिला है।
  • वर्ष 2022 में, देश को 47 नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए उल्लेखनीय 627 मिलियन अमरीकी डॉलर मिले।
      • इस फंडिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा जर्मनी और अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) से आया है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की भूमिका परिवहन क्षेत्र तक फैली हुई है, जहाँ यह संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राज़ील, यूरोप और चीन के साथ मिलकर अक्षय ऊर्जा के उपयोग का 85 प्रतिशत हिस्सा है।
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