सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने वार्षिक प्रकाशन "ऊर्जा सांख्यिकी भारत 2025" जारी किया है।
इस प्रकाशन में भारत की सभी ऊर्जा वस्तुओं (जैसे कोयला, लिग्नाइट, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, आदि) के भंडार, क्षमता, उत्पादन, खपत और आयात/निर्यात के संदर्भ में विविध महत्वपूर्ण जानकारी युक्त एकीकृत डेटासेट शामिल है।
प्रकाशन में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विभिन्न तालिकाएं (जैसे ऊर्जा संतुलन), ग्राफ़ (जैसे सैंकी आरेख) और सतत ऊर्जा संकेतक भी शामिल हैं।
मुख्य विशेषताएँ
भारत की ऊर्जा आपूर्ति और खपत में वृद्धि
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल प्राथमिक ऊर्जा आपूर्ति (TPES) में 7.8% की वृद्धि दर्ज की गई, जो 9,03,158 KTOE (किलो टन तेल समतुल्य) तक पहुंच गई।
भारत ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य की दिशा में ऊर्जा आपूर्ति और खपत में निरंतर वृद्धि दर्ज की है।
नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएँ
31 मार्च 2024 तक भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 21,09,655 मेगावाट रही।
मुख्य स्रोत:
पवन ऊर्जा: 11,63,856 मेगावाट (55%)
सौर ऊर्जा: 7,48,990 मेगावाट
बड़ी पनबिजली: 1,33,410 मेगावाट
नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की 50% से अधिक क्षमता चार राज्यों में केंद्रित है:
राजस्थान (20.3%)
महाराष्ट्र (11.8%)
गुजरात (10.5%)
कर्नाटक (9.8%)
नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में निरंतर वृद्धि
नवीकरणीय ऊर्जा (उपयोगिता और गैर-उपयोगिता दोनों) की स्थापित क्षमता
2015: 81,593 मेगावाट
2024: 1,98,213 मेगावाट
CAGR: 10.36%
नवीकरणीय ऊर्जा से कुल बिजली उत्पादन
2014-15: 2,05,608 GWh
2023-24: 3,70,320 GWh
CAGR: 6.76%
प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत में वृद्धि
2014-15: 14,682 मेगा जूल/व्यक्ति
2023-24: 18,410 मेगा जूल/व्यक्ति
CAGR: 2.55%
ट्रांसमिशन और वितरण नुकसान में कमी
2014-15: 23%
2023-24: 17%
बिजली उपयोग में सुधार और बर्बादी को कम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
उद्योग क्षेत्र में ऊर्जा खपत का विस्तार
2014-15: 2,42,418 KTOE
2023-24: 3,11,822 KTOE
उद्योग क्षेत्र के अलावा, वाणिज्यिक, सार्वजनिक सेवा, आवासीय, कृषि और वानिकी क्षेत्रों में भी ऊर्जा खपत में वृद्धि हुई है।
प्रश्न – भारत में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की अधिक क्षमता किस राज्य में है ?