संदर्भ
हाल ही में, कर्नाटक ने देश की पहली ‘अभियांत्रिकी अनुसंधान और विकास’ (Engineering Research & Development- ER&D) नीति की घोषणा की है।
उद्देश्य
- इस नीति का उद्देश्य अगले पाँच वर्षों में इस क्षेत्र में कर्नाटक का योगदान बढ़ाकर 45% करना है। साथ ही, इस नीति से ई.आर. एंड डी. में अगले पाँच वर्षों में 50,000 से अधिक रोज़गार अवसरों के सृजित होने का अनुमान है।
- इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य भविष्य में कर्नाटक को इस क्षेत्र में सृजित होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिये तैयार करने के साथ-साथ बौद्धिक संपदा में वृद्धि और कर्नाटक को एक ‘कौशल ज्ञान स्थल’ के रूप में विकसित करना है।
- अनुसंधान उन्मुखी टैलेंट पूल का विकास करना, इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करना, शिक्षा और उद्योग के बीच अंतराल को कम करना तथा उद्योगों का विकेंद्रित विकास करना भी इसके लक्ष्यों में शामिल हैं।
- इस नीति में पाँच फोकस क्षेत्रों की पहचान की गई है, जिनमें एयरोस्पेस एवं रक्षा; ऑटो एवं उसके घटक व इलेक्ट्रिक वाहन; जैव प्रौद्योगिकी, फॉर्मा एवं चिकित्सा उपकरण; अर्धचालक, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (Electonics System Design and Manufacturing- ESDM) और सॉफ्टवेयर उत्पाद शामिल हैं।
संभावनाएँ
- नैस्कॉम के अनुसार, देश में ई.आर. एंड डी. क्षेत्र में अगले पाँच वर्षों के दौरान 100 अरब डॉलर का उद्योग बनने की क्षमता है। साथ ही, भारत में ई.आर. एंड डी. क्षेत्र में वर्ष 2025 तक 5 लाख से अधिक रोज़गार सृजन की उम्मीद है।
- देश में यह क्षेत्र 8% की सी.ए.जी.आर. (Compound Annual Growth Rate: CAGR) के साथ सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला उद्योग है।