चर्चा में क्यों
केंद्र सरकार के अनुसार, ई.ओ.एस.-02 (EOS-02) उपग्रह को वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।
ई.ओ.एस.-02 उपग्रह
- ई.ओ.एस. (Earth Observation Satellite : EOS) एक ‘पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह’ है। उल्लेखनीय है कि इसरो ने नवंबर 2020 में पी.एस.एल.वी. रॉकेट (51वीं उड़ान) के एक नए संस्करण से ई.ओ.एस.-01 (EOS-01) उपग्रह को प्रक्षेपित किया था।
- ई.ओ.एस.-02 उपग्रह विभिन्न नई प्रौद्योगिकियों के लिये प्रौद्योगिकी प्रदर्शन उपग्रह है, जिसमें कृषि, वानिकी, भूविज्ञान, जल विज्ञान, लघु विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स (Miniaturised Power Electronics), रिएक्शन व्हील (Reaction Wheel) आदि से संबंधित अनुप्रयोग और एस.एस.एल.वी.-1 (SSLV-1) के लिये पेलोड का निर्माण शामिल हैं।
- रिएक्शन व्हील एक प्रकार का फ्लाईव्हील (Flywheel) है जिसका उपयोग छोटे उपग्रहों के कोणीय संवेग में परिवर्तन करके उनके घूर्णन को नियंत्रित करने के लिये किया जाता है। किसी अंतरिक्ष यान को बहुत कम परिणाम में घुमाने में ये उपयोगी होते हैं।
ई.ओ.एस. श्रृंखला में शामिल अन्य उपग्रह
- ई.ओ.एस.-01 (EOS-01) : कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन में सहयोग के लिये।
- ई.ओ.एस.-03 (EOS-03) : भू-स्थिर कक्षा में पहला ‘एजाइल अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट’ (AEOS) और नियर रियल टाइम इमेजिंग, प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी, कृषि, वानिकी आदि से संबंधित अनुप्रयोगों के लिये।
- ई.ओ.एस.-04 (EOS-04) : रडार इमेजिंग उपग्रह का उद्देश्य कृषि, वानिकी एवं वृक्षारोपण, मृदा की आर्द्रता और जल विज्ञान और बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों के लिये सभी मौसमों में उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्रदान करने के लिये।
- ई.ओ.एस.-05 (EOS-05) : भू-स्थिर कक्षा में पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह।
- ई.ओ.एस.-06 (EOS-06) : अनुप्रयोगों के लिये पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह, जिसमें समुद्र से संबंधित सेवाएं और मछली पकड़ने के संभावित क्षेत्र के लिये पूर्वानुमान सलाह, समुद्र की स्थिति के पूर्वानुमान शामिल हैं।