(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार तथा इनसे उत्पन्न होने वाले विषय)
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संदर्भ
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आयोजित आगामी महाकुंभ 2025 और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को देखते हुए अगले 6 माह के लिए ‘आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम’ (Essential Services Maintenance Act : ESMA) लागू कर दिया है। इसके तहत राज्य सरकार के सभी विभागों, निगमों एवं प्राधिकरणों में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर 6 माह की अवधि के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम के बारे में
- अधिनियमन : उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम राज्य विधायिका द्वारा वर्ष 1966 में पारित किया गया था।
- उद्देश्य : इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य में कुछ आवश्यक सेवाओं (ऐसी सेवाएँ जिनके बाधित होने से सामान्य जन-जीवन प्रभावित होता है, जैसे-सार्वजानिक परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएँ) की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
- प्रमुख कार्य : यह अधिनियम आवश्यक सेवाओं में शामिल नियोजकों एवं श्रमिकों को कार्य करने से मना करने या हड़ताल करने पर प्रतिबंध व उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान भी करता है।
- हालिया अधिसूचना : राज्य सरकार द्वारा जारी हालिया अधिसूचना उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम, 1966 की धारा-3 की उपधारा (1) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी की गई है।
अधिनियम के प्रमुख प्रावधान
- अवैध हड़ताल के लिए जुर्माना : कोई भी व्यक्ति जो इस अधिनियम के लागू होने के बाद अवैध हड़ताल शुरू करता है या हड़ताल में शामिल होता है या अन्यथा भाग लेता है तो उसे 6 महीने तक की अवधि के लिए कारावास या 500 रुपए तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
- भड़काने आदि के लिए दंड : कोई भी व्यक्ति जो अन्य व्यक्तियों को हड़ताल में भाग लेने के लिए उकसाता है या अन्यथा उसे बढ़ावा देता है जो इस अधिनियम के तहत अवैध है या होगी, उसे 1 वर्ष तक की अवधि के कारावास या 1000 रुपए तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकेगा।
- अवैध हड़तालों को वित्तीय सहायता देने पर जुर्माना : कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर हड़ताल को बढ़ावा देने या समर्थन देने के लिए कोई धनराशि खर्च करता है या उपलब्ध कराता है जो इस अधिनियम के अधीन अवैध है या होगी, तो उसे एक वर्ष तक के कारावास या एक हजार रुपए तक के जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सकेगा।
- बिना वारंट के गिरफ्तार करने की शक्ति : कोई भी पुलिस अधिकारी बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है जिसके बारे में यह संदेह हो कि उसने इस अधिनियम के तहत दंडनीय कोई अपराध किया है।
- अन्य राज्य कानूनों को रद्द करने के लिए अधिनियम : इस अधिनियम और इसके अधीन जारी किसी आदेश के उपबंध, तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य उत्तर प्रदेश अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी असंगत बात के होते हुए भी प्रभावी होंगे।
आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम, 1968
- भारतीय संसद ने वर्ष 1968 में आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम पारित किया था, जिसका उद्देश्य सामान्य जन-जीवन के लिए आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
- इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।
- इस अधिनियम का क्रियान्वयन पूरी तरह से राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर है। भारत में प्रत्येक राज्य का अपना अलग ‘आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ है।
अधिनियम के अंतर्गत प्रमुख परिभाषाएँ
आवश्यक सेवा से तात्पर्य
- कोई भी डाक, टेलीग्राफ या टेलीफोन सेवा
- भूमि, जल या वायु द्वारा यात्रियों या माल के लिए परिवहन सेवा
- हवाई अड्डों/वायुयान के संचालन या रखरखाव से संबंधित कोई सेवा
- किसी भी बंदरगाह में माल की आवाजाही या भंडारण से संबंधित कोई भी सेवा
- सीमा शुल्क के माध्यम से माल या यात्रियों की निकासी या तस्करी की रोकथाम से जुड़ी कोई भी सेवा
- किसी भी टकसाल या सुरक्षा प्रेस में कोई भी सेवा
- भारत सरकार के किसी रक्षा प्रतिष्ठान में कोई सेवा
- या ऐसी कोई भी अन्य सेवा, जो ऐसे विषयों से संबंधित है जिनके संबंध में संसद को कानून बनाने की शक्ति है और जिसके संबंध में केंद्रीय सरकार की यह राय है कि उसमें कोई चूक होने से किसी लोक उपयोगिता सेवा के अनुरक्षण, लोक सुरक्षा या समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्तियों एवं सेवाओं के अनुरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
हड़ताल से तात्पर्य
- ‘हड़ताल’ का अर्थ है किसी आवश्यक सेवा में नियोजित व्यक्तियों के समूह द्वारा संयुक्त रूप से कार्य करना बंद कर देना या संगठित रूप से मना कर देना और इसमें शामिल हैं :
- किसी आवश्यक सेवा के रखरखाव के लिए आवश्यक कार्य के लिए ओवरटाइम काम करने से मना करना।
- कोई अन्य आचरण जिसके परिणामस्वरूप किसी आवश्यक सेवा में कार्य बंद हो जाने या उसमें पर्याप्त रूप से मंदता आने की संभावना हो।
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