प्रारम्भिक परीक्षा – ओडिशा में मेलेनिस्टिक टाइगर सफारी की स्थापना मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण) |
संदर्भ
- ओडिशा सरकार ने 24 जनवरी को दुनिया में अपनी तरह की पहली मेलानिस्टिक टाइगर सफारी स्थापित करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- इस टाइगर सफारी की स्थापना ओडिशा के मयूरभंज जिला के मुख्यालय शहर बारीपदा के पास किया जा रहा है।
- ओडिशा में टाइगर सफारी स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की तकनीकी समिति द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है।
- यह टाइगर सफारी राष्ट्रीय राजमार्ग-18 से सटे 200 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत होगा।
- यह टाइगर सफारी स्थल सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (STR) से लगभग 15 किमी दूर है।
मेलानिस्टिक टाइगर सफारी स्थापित करने का उद्देश्य:-
- टाइगर सफारी को स्थापित करने का उद्देश्य ओडिशा में वन्यजीव पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है।
- यह वन्यजीव पर्यटन क्षेत्र अपनी अनूठी जैव विविधता के संरक्षण और प्रदर्शन के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को उजागर करेगा।
महत्व:-
- यह पहल संरक्षणवादियों, शोधकर्ताओं और आम जनता को इन राजसी प्राणियों की दुर्लभ सुंदरता को करीब से देखने और उनके संरक्षण आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाएगी।
- इस टाइगर सफारी का राष्ट्रीय राजमार्ग और बारीपदा शहर के निकट स्थित होने के कारण पर्यटकों की प्रभावशाली संख्या आने की उम्मीद है।
- नंदनकानन चिड़ियाघर से बचाए गए या अनाथ बाघों को सफारी में एक खुले बाड़े में रखा जाएगा।
मेलानिस्टिक (Melanistic):-
- मेलेनिन नामक वर्णक (रंग देने वाला पदार्थ ) या जेनेटिक म्यूटेशन या आनुवंशिक उत्परिवर्तन के कारण जिन जीव-जंतुओं की त्वचा या बाल बहुत गहरे काले रंग के हो जाते हैं, उन्हें मेलानिस्टिक जीव कहा जाता है; जैसे - ब्लैक पैंथर्स, तेंदुओं आदि।
- ओडिशा के सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में इसके संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है।
- 'अखिल भारतीय बाघ अनुमान' रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (STR) में लगभग 20 बाघ हैं, जिनमें से 10 मेलेनिस्टिक बाघ हैं।
|
सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (STR):-
- यह राष्ट्रीय उद्यान ओडिशा के मयूरभंज जिले में अवस्थित है।जिसका क्षेत्रफल 4374 वर्ग किलोमीटर है।
- इसे वर्ष 1956 में ' टाइगर रिजर्व ' को घोषित किया गया और वर्ष 1973 में राष्ट्रीय संरक्षण कार्यक्रम ' प्रोजेक्ट टाइगर ' के अंतर्गत शामिल किया गया।
- यह राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1994 में भारत सरकार द्वारा जैव मण्डल रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया।
- इसे वर्ष 2009 में यूनेस्को के विश्व नेटवर्क ऑफ़ बायोस्फीयर रिजर्व में शामिल किया गया।
जैव विविधता:-
- यह राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में उष्णकटिबंधीय, अर्द्ध-सदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वन, शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में फूलों की 1076 प्रजातियाँ और आर्किड की 96 प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
वन्यजीव :-
- इस राष्ट्रीय उद्यान में स्तनधारियों की 55, पक्षियों की 361, सरीसृपों की 62, उभयचरों की 21 प्रजातियाँ और कीड़ों एवं सूक्ष्म जीवों की कई प्रजातियाँ पायी जाती हैं।
- यह विश्व में मेलेनिस्टिक बाघों की एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में हाथी, बाघ , तेंदुआ, बिल्ली (प्रियोनाइलुरस विवरिनस), भेड़िया (कैनिस ल्यूपस), मगर (क्रोकोडायलस पलुस्ट्रिस) आदि पाए जाते हैं।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाने वाली प्रमुख अंग्युलेट प्रजातियां :-सांभर (रूसा यूनिकलर), चीतल (एक्सिस एक्सिस), बार्किंग हिरण (मंटियाकस वेजिनेलिस), गौर (बोस गौरस) और माउस हिरण (मोशियोला इंडिका) हैं।
खुरदार या अंग्युलेट (ungulate):-
- ऐसे स्तनधारी जीव जो चलते समय अपना भार अपने पाऊँ की उँगलियों/ खुरों पर उठाते/रखते हैं। उन्हें खुरदार या अंग्युलेट जीव/प्राणी कहते हैं।
- इस श्रेणी में घोड़ा, गधा, ज़ेब्रा, गाय, गेंडा, ऊँट, दरियाई घोड़ा, सूअर, बकरी, तापीर, हिरन, जिराफ़, ओकापी, साइगा और रेनडियर आदि आते हैं।
|
ओडिशा के प्रमुख उद्यान: –
- भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान,
- नंदनकानन वन्यजीव अभयारण्य (सफ़ेद बाघों के लिए प्रसिद्ध),
- गहिरमाथा वन्यजीव अभ्यारण्य- ओलिव रिडले कछुओं का प्रमुख प्रजनन केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है।
- चिलिका वन्यजीव अभ्यारण्य:- यह एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
- इसके अतिरिक्त ओडिशा में बदरमा, लखारी घाटी, हदगढ़, बैसीपल्ली और कोटगढ़ अन्य वन्यजीव अभयारण्य स्थित हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में किस राज्य सरकार ने विश्व की पहली मेलानिस्टिक टाइगर सफारी स्थापित करने की घोषणा की है?
(a) केरल
(b) ओडिशा
(c) मध्यप्रदेश
(d) अरुणाचल प्रदेश
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- मेलानिस्टिक क्या है? ओडिशा में मेलेनिस्टिक टाइगर सफारी की स्थापना के उद्देश्यों एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
|