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राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना: कारण और महत्त्व

(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, विभिन्न निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व, शिक्षा और मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास तथा प्रबंधन से सम्बंधित विषय, पारदर्शिता)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की सेवाओं के लिये ‘राष्ट्रीय भर्ती संस्था’ (National Recruitment Agency- NRA) के गठन को अनुमोदित कर दिया है।

पृष्ठभूमि

प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ केंद्र सरकार की विभिन्न भर्तियों के लिये एक सामान्य प्रारम्भिक परीक्षा आयोजित करेगी। सरकार ने एन.आर.ए. के लिये रु 1517.57 करोड़ स्वीकृत किये हैं। इस धन का व्यय तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगा। एन.आर.ए. को पहली बार केंद्रीय बजट 2020 में प्रस्तावित किया गया था। उल्लेखनीय है कि इस बार के बजट में तीन प्रमुख विषयों को आधार बनाया गया है। इसमें पहला विषय ‘आकांक्षी भारत’, दूसरा ‘सभी के लिये आर्थिक विकास’ और तीसरा ‘देखभाल करने वाले समाज का निर्माण’ है। आकांक्षी भारत में तीन मदों, ‘कृषि सिंचाई व ग्रामीण विकास’ और ‘कल्याण, जल व स्वच्छता’ के साथ-साथ ‘शिक्षा और कौशल’ से सम्बंधित योजनाओं को शामिल किया गया है।

एन.आर.ए. की आवश्यकताcommon-eligibility-test

  • वर्ष 2030 तक, भारत में विश्व की सबसे अधिक कार्यशील आयु की आबादी होने की उम्मीद है। उन्हें साक्षरता के साथ-साथ नौकरी तथा जीवन कौशल दोनों की आवश्यकता है।
  • अभी तक केंद्र सरकार की नौकरियों के लिये उम्मीदवारों को विभिन्न एजेंसियों द्वारा आयोजित अलग-अलग परीक्षाएँ देनी होती हैं। केंद्र सरकार की नौकरियों में प्रत्येक वर्ष लगभग 1.25 लाख रिक्त पदों के लिये औसतन 2.5 करोड़ से 3 करोड़ प्रतियोगी हिस्सा लेते हैं।
  • एन.आर.ए. द्वारा एक ‘सामान्य पात्रता परीक्षा’ का आयोजन किया जाएगा और सी.ई.टी. स्कोर के आधार पर उम्मीदवार सम्बंधित एजेंसी में रिक्तियों के लिये आवेदन कर सकता है।

एन.आर.ए. : प्रमुख बिंदु

  • एन.आर.ए, ‘सोसायटी पंजीकरण अधिनियम’ के तहत पंजीकृत एक स्वायत्त्व सोसायटी होगी। एन.आर.ए. का प्रमुख, केंद्रीय सचिव के स्तर का एक अधिकारी होगा और इसके शासी निकाय  में  रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग के साथ-साथ एस.एस.सी, आर.आर.बी. तथा आई.बी.पी.एस. के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
  • एन.आर.ए. एक आधुनिक संस्था होगी, जो केंद्र सरकार की भर्ती परीक्षाओं में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रथाओं की नींव रखेगी।
  • यह एजेंसी समूह ‘ख’ और ‘ग’ के गैर-तकनीकी तथा अराजपत्रित पदों के लिये उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करने हेतु एक ‘सामान्य पात्रता परीक्षा’ (Common Eligibility Test- सी.ई.टी.) का संचालन करेगी। यह परीक्षा 10वीं, 12वीं और स्नातक पास उम्मींदवारों के लिये अलग-अलग कम्प्यूटर आधारित ऑनलाइन माध्यम से सम्पन्न की जाएगी।
  • एन.आर.ए. एक बहु-एजेंसी निकाय है, जो प्रारम्भ में कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्डों और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान की प्रथम स्तर की परीक्षा को सम्मिलित रूप से आयोजित करेगी। अन्य आयोगों और परीक्षाओं को भी बाद में इसके अंतर्गत लाया जा सकता है।
  • सी.ई.टी. के अंक स्तर पर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर, भर्ती के लिये अंतिम चयन पृथक विशे‍षीकृत टियर (II, III इत्यादि) परीक्षा के माध्यम से किये जाएँगे, जिसे सम्बंधित भर्ती एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा।

प्रत्येक जिले में परीक्षा अवसंरचना और परीक्षा केंद्र की स्थापना

  • उम्मीदवारों की सुविधा के लिये, देश के प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। देश के 117 ‘आकांक्षी ज़िलों’ में परीक्षा के बुनियादी ढाँचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • इस कदम से गरीब उम्मीदवारों को लाभ होगा, क्योंकि वर्तमान प्रणाली में उन्हें कई एजेंसियों द्वारा आयोजित कई परीक्षाओं में उपस्थित होना पड़ता है, जिससे परीक्षा शुल्क, यात्रा, बोर्डिंग, लॉजिंग और अन्य चीजों पर खर्च करना पड़ता है। एकल परीक्षा से ऐसे उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ कम होने की उम्मीद है।
  • इससे दूर-दराज़ के इलाकों में रहने वाले ग्रामीण उम्मीदवारों को भी परीक्षा देने के लिये प्रेरित किया जाएगा, जिससे केंद्र सरकार की नौकरियों में उनका प्रतिनिधित्त्व बढ़ेगा।
  • विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उम्मीदवारों को कई परीक्षाओं में शामिल होने में अड़चनों का सामना करना पड़ता है क्योंकि दूर स्थित परीक्षा केन्द्रों के लिये उन्हें परिवहन और रहने के स्थान की व्यवस्था करनी होती है।
  • एन.आर.ए. के माध्यम से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है।

सी.ई.टी. स्कोर की वैधता

  • सी.ई.टी. का स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों के लिये वैध होगा और उस दौरान प्राप्त किये गए अंकों में से सबसे उच्चतम वैध स्कोर को उम्मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा।
  • प्रारम्भ में इस व्यवस्था को तीन केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अपनाया जाएगा। हालाँकि, ऐसी उम्मीद है कि कुछ समय पश्चात केंद्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियाँ भी इसे अपनाएंगी।
  • यह स्कोर सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य एजेंसियों के साथ-साथ निजी डोमेन के लिये भी उपलब्ध रहेगा, यदि वे इसका चुनाव करतीं हैं।
  • इस प्रकार, लम्बे समय में, सी.ई.टी. स्कोर को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी क्षेत्र में अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है।
  • इससे इन संगठनों के लागत और भर्ती में लगने वाले समय की बचत होगी।
  • उम्मीदवारों को इस परीक्षा में भाग लेने के लिये अवसरों की कोई सीमा नहीं होगी। हालाँकि, इसके लिये ऊपरी आयु सीमा का निर्धारण किया जाएगा।
  • साथ ही ऊपरी आयु सीमा में छूट अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार दी जाएगी।

सी.ई.टी. परीक्षा का माध्यम

  • यह परीक्षा एक सामान्य और मानक पाठ्यक्रम पर आधारित होगी, जो संविधान की 8वीं अनुसूची की प्रमुख 12 भाषाओं में आयोजित की जाएगी।
  • इससे देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों को परीक्षा देने में बहुत सुविधा होगी और उन्हें चयनित होने का एक समान अवसर मिलेगा।
  • इसका आयोजन प्रतिवर्ष दो बार किया जाएगा।

लाभ

  • वर्तमान में, उम्मीदवारों को कई भर्ती एजेंसियों द्वारा आयोजित अलग-अलग परीक्षाओं के लिये उपस्थित होना पड़ता है, चाहे इन भर्तियों के लिये समान पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हों। इस व्यवस्था के माध्यम से तैयारी में लगने वाले समय, ख़र्च, आवागमन में लगने वाले समय से निज़ात मिलेगी।
  • केंद्र की सरकारी नौकरियों के लिये भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार का मार्ग प्रशस्त होगा। यह एक अग्रणी सुधार होगा।
  • इससे ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और वंचित उम्मीदवारों द्वारा परीक्षाओं और सेवाओं तक पहुँच में आसानी होगी।
  • साथ ही, परीक्षाओं की बहुलता से भी छुटकारा प्राप्त होगा। कदाचार और भ्रष्टाचार की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिये आई.सी.टी. का मजबूत उपयोग किया जाएगा।
  • सी.ई.टी. भर्ती परीक्षाओं के चक्र को कम करने में सहायक होगी। एन.आर.ए. ग्रामीण युवाओं के लिये मॉक टेस्ट का भी आयोजन करेगा। इसके अतिरिक्त 24x7 हेल्पलाइन और शिकायत निवारण पोर्टल की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • कई भर्ती परीक्षायें उम्मीदवारों के साथ-साथ सम्बंधित भर्ती एजेंसियों पर एक बोझ हैं। एन.आर.ए. से खर्च के दोहराव, कानून और व्यवस्था/सुरक्षा से सम्बंधित मुद्दों और स्थान से सम्बंधित समस्याओं का भी समाधान होगा।
    § कुछ विभागों ने टियर II या अन्य परीक्षण स्तर को ख़त्म करने और सी.ई.टी. स्कोर के आधार पर भर्ती प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने का संकेत दिया है।

निष्कर्ष

धीरे-धीरे केंद्र सरकार की सभी भर्ती एजेंसियों को एन.आर.ए. के तहत लाया जाएगा। एकल पात्रता परीक्षा भर्ती प्रक्रिया के चक्र को कम करते हुए इसकी गति को त्वरित करेगी। इसका अंतिम उद्देश्य एक ऐसे चरण तक पहुँचना है, जहाँ उम्मीदवार अपनी पसंद के केंद्रों पर स्वयं के परीक्षा का निर्धारित कर सकें। वास्तव में यह सभी उम्मीदवारों के लिये एक वरदान सिद्ध होगी।

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