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डिजिटल अर्थव्यवस्था का अनुमान एवं माप रिपोर्ट

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, आर्थिक एवं सामाजिक विकास)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय) 

संदर्भ 

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने ‘भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का अनुमान एवं माप’ (Estimation and Measurement of India’s Digital Economy) रिपोर्ट जारी किया है। 

रिपोर्ट का आधार 

  • भारत, डिजिटल अर्थव्यवस्था का अनुमान लगाने के लिए आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) फ्रेमवर्क का उपयोग करने वाले पहले विकासशील देशों में से एक है।
  • रिपोर्ट में एशियाई विकास बैंक (ADB) के इनपुट-आउटपुट दृष्टिकोण का उपयोग करके वैकल्पिक अनुमान भी शामिल किया गया है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष 

  • डिजिटल अर्थव्यवस्था में वृद्धि : भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। यह वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय आय का 11.74% है (~ INR 31.64 लाख करोड़ या USD 402 बिलियन)।
    • अनुमानत: भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था समग्र अर्थव्यवस्था की तुलना में लगभग दोगुनी गति से बढ़ सकती है जो वर्ष 2030 तक राष्ट्रीय आय का लगभग पाँचवां हिस्सा होगी। 
  • डिजिटल-सक्षम उद्योग : यह सकल मूल्य वर्धन (GVA) का 7.83% हिस्सा है। इसमें सूचना एवं संचार संबंधी सेवाएं, दूरसंचार व इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र शामिल हैं।
  • नए डिजिटल उद्योग: यह GVA का लगभग 2% हिस्सा है। इसमें बड़ी टेक कंपनियाँ, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और मध्यवर्ती संस्थाएँ शामिल हैं।
  • पारंपरिक उद्योग : इसमें BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ एवं बीमा), व्यापार और शिक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं जो राष्ट्रीय GVA में लगभग 2% का योगदान देते हैं।
  • रोज़गार प्रभाव : वर्ष 2022-23 में डिजिटल अर्थव्यवस्था में 14.67 मिलियन कर्मचारी या भारत के कार्यबल का 2.55% हिस्सा शामिल था।

भविष्य का अनुमान

  • अल्पावधि में सर्वाधिक वृद्धि डिजिटल मध्यस्थों एवं प्लेटफ़ॉर्म से अपेक्षित है।
  • दीर्घावधि वृद्धि उच्च डिजिटल प्रसार और पारंपरिक उद्योगों के डिजिटलीकरण से आएगी।

रिपोर्ट का महत्व

  • यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं को डाटा-संचालित निर्णय लेने और उचित विकास रणनीतियों को अपनाने के लिए सूक्ष्म दृष्टि प्रदान करती है।
  • व्यवसायों के लिए डिजिटल योगदान को समझना रणनीतिक निर्णयों को सूचित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में मदद करता है।
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