New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124

एथेरियम 

[ प्रारंभिक परीक्षा के लिए –  ब्लॉकचैन , क्रिप्टोकरेंसी , प्रूफ ऑफ़ वर्क , प्रूफ ऑफ़ स्टेक, डिजिटल करेंसी ]
[ मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन पेपर-3  - विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी : विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव ]

 चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में एथेरियम ने ब्लॉकचैन पर लेनदेन की पुष्टि के तरीके को प्रूफ ऑफ़ वर्क से बदलकर प्रूफ ऑफ़ स्टेक कर दिया है, जिसे एथेरियम मर्ज का नाम दिया गया है।

एथेरियम 

  • एथेरियम एक केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किए बिना ऐप्स और संगठनों के निर्माण, संपत्ति रखने, लेनदेन करने और संचार करने की एक तकनीक है।
  • डेवलपर्स द्वारा विकेंद्रीकृत एप्स [d-apps] तथा क्रिप्टोकरेंसी के निर्माण के लिए एथेरियम सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला प्लेटफॉर्म है।
  • एथेरियम प्लेटफॉर्म की करेंसी का नाम ईथर है, जिसका उपयोग एथेरियम नेटवर्क पर गतिविधियों के लिए भुगतान करने के लिए किया जाता है। यह  बाजार पूंजीकरण [ market capitalisation ] के मामले में बिटकॉइन के बाद दूसरे स्थान पर है।
  • एथेरियम का उपयोग करने के लिए अपने सभी व्यक्तिगत विवरण सौंपने की आवश्यकता नहीं है - आप अपने स्वयं के डेटा और जो साझा किया जा रहा है, उस पर नियंत्रण रखते हैं।

प्रूफ ऑफ़ वर्क तथा प्रूफ ऑफ़ स्टेक में अंतर

  • ब्लॉकचैन की दुनिया में जितने भी लेनदेन होते है वो सबसे पहले माइनर्स के द्वारा प्रमाणित किये जाते है, उसके बाद ही ये ब्लॉकचैन में जोड़े जाते हैं। 
  • इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दो प्रकार की तकनीकी  होती हैं, प्रूफ ऑफ़ वर्क तथा प्रूफ ऑफ़ स्टेक।
  • प्रूफ ऑफ़ वर्क में ब्लॉकचैन पर लेनदेन की पुष्टि करने के लिए माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटरों की मदद से ब्लॉक्स को सुलझाकर प्रमाणित करते है, जिसके बदले में उन्हें क्रिप्टोकरेंसी मिलती है।
  • प्रूफ ऑफ़ स्टेक में ब्लॉकचैन पर लेनदेन की पुष्टि करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी के मालिक अपने स्टेक दांव पर लगा सकते है, जो उन्हें लेनदेन के नए ब्लॉक को देखने और उन्हें जोड़ने का अधिकार देता है।
  • प्रूफ ऑफ़ वर्क के अंतर्गत माईनर को माईनिंग करने के लिए रिवॉर्ड दिया जाता है, जबकि प्रूफ ऑफ़ स्टेक तकनीकी के अंतर्गत माईनर को सिर्फ लेनदेन की फीस मिलती है।
  • प्रूफ ऑफ़ वर्क तकनीकी के अंतर्गत बड़े-बड़े कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इसमें काफी मात्रा में ऊष्मा पैदा होती है। जो पर्यावरण के लिए काफी ज्यादा हानिकारक होती है। जबकि प्रूफ ऑफ़ स्टेक टेक्नोलॉजी के अंतर्गत ऐसा देखने को नहीं मिलता है।

लाभ 

  • प्रूफ ऑफ़ स्टेक तकनीकी में प्रूफ ऑफ़ वर्क की तुलना में काफी कम शक्तिशाली कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके कारण इसमें बहुत ही कम बिजली की आवश्यकता होती है।
  • प्रूफ ऑफ़ स्टेक तकनीकी की मदद से एथेरियम की बिजली खपत में 99.95 प्रतिशत तक की कमी आ जायेगी।
  • अभी एथेरियम की बार्षिक बिजली खपत फ़िनलैंड के बराबर तथा कार्बन फुटप्रिंट स्विट्ज़रलैंड के बराबर है, प्रूफ ऑफ़ स्टेक तकनीकी की मदद से इसको कम करने में मदद मिलेगी।
  • प्रूफ ऑफ़ वर्क की तुलना में प्रूफ ऑफ़ स्टेक ज्यादा सुरक्षित है।
  • यदि कोई हैकर प्रूफ ऑफ़ वर्क सिस्टम हैक करना चाहता है, तो उसके पास उस नेटवर्क का 51 प्रतिशत माईनिंग पावर होना चाहिए। तभी वह इस कार्य में सफल हो पाएगा। लेकिन वहीँ प्रूफ ऑफ़ स्टेक सिस्टम को हैक करने के लिये हैकर के पास नेटवर्क का कम से कम 51 प्रतिशत कॉइन स्टेक होना चाहिये, जो स्टेक करना लगभग नामुमकिन है क्योकि जब हैकर अधिक मात्रा मे कॉइन खरीदेगा तो कॉइन  की कीमत बढ़ेगी और उसे बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेगे कॉइन को खरीदने के लिए।
  • प्रूफ ऑफ़ स्टेक में ब्लॉकों के बीच कम अंतर होने के कारण लेनदेन के समय में भी कमी आयेगी।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR