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इथोपिया में नृजातीय संकट और गृहयुद्ध

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र– 2 : अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)

चर्चा में क्यों ?

इथोपिया में सरकार और तिग्रे/टाइग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (TPLF) के बीच गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। अभी तक हज़ारों लोगों की मौत हो चुकी है और अब देश के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।

पृष्ठभूमि

  • वर्ष 1974 की क्रांति के दौरान इथोपिया के राजा हेली सेलासी को सत्ता से हटा दिया गया था। इसके बाद मेनगिस्तु हाइले मरियम के नेतृत्व में मिलिट्री डर्ग/सेना ने कमान संभाली। इसके बाद इथोपिया में 'लाल आतंक' शुरू हो गया जब सेना ने हज़ारों युवाओं की हत्या कर दी और देश में गृह युद्ध प्रारंभ हो गया।
  • वर्ष 1988 में सेना द्वारा हुए एक हवाई हमले में हॉसियान शहर में 1800 लोग मारे गए थे। वर्ष 1991 में TPLF के नेतृत्व वाले इथोपियन पीपल्स रेवलूशनरी डेमोक्रैटिक फ्रंट (EPRDF) ने सेना की सरकार को हरा दिया।

वर्तमान गतिरोध

  • वर्ष 2018 में बढ़ते विरोध के कारण EPRDF ने सरकार का नेतृत्त्व करने के लिये पूर्व सैन्य खुफिया अधिकारी और ओरोमो समुदाय के अबी अहमद को चुना।
  • वर्ष 2018 में इथोपिया के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने टाइग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (TPLF) के प्रभाव को कम करने के लिये कई बड़े कदम उठाए। उन्होंने न सिर्फ TPLF के सदस्यों को मुख्य सरकारी पदों से हटाया बल्कि उन कैदियों को भी रिहा कर दिया जिन्हें TPLF द्वारा कैद किया गया था।
  • उन्होंने EPRDF को खत्म कर नई प्रॉस्पैरिटी पार्टी (Prosperity Party) की स्थापना की। अबी ने इरिट्रिया के साथ शांति समझौता भी किया, जिसके लिये उन्हें विगत वर्ष नोबेल का शांति पुरस्कार भी मिला। जबकि TPLF के सम्बंध इरिट्रिया के साथ अच्छे नहीं थे।
  • इसी वर्ष सितम्बर में स्थानीय चुनावों को लेकर TPLF और प्रॉस्पैरिटी पार्टी के बीच गहरे मतभेद उत्पन्न हो गए और प्रॉस्पैरिटी पार्टी ने आरोप लगाया कि उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया गया।
  • इथोपिया के संविधान में संघीय व्यवस्था का प्रावधान है, जिसके तहत स्थानीय समूह अपने क्षेत्र की सरकार चलाते हैं। इसे EPRDF के सरकार में आने के बाद अपनाया गया था जिसे प्रधानमंत्री अबी समाप्त करना चाहते हैं।
  • देश के क्षेत्रीय राज्यों को अपने चुनाव कराने का अधिकार है। यह प्रावधान इसलिये किया गया था कि अगर केंद्र में लोकतांत्रिक सरकार गिर जाए तो क्षेत्र अपने दम पर चलते रहें। इसकी मांग टिगरायन समूह के साथ-साथ ओरोमो जैसे समूहों ने भी की।
  • TPLF अलग होने की माँग नहीं कर रहा लेकिन मौजूदा विवाद से कुछ ऐसा ही हो सकता है। ध्यातव्य है कि ओरोमो गायक हचालू हुंडेसा की हत्या के बाद हुए दंगों में 150 लोगों की मौत हो गई और 10 हज़ार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • इथोपिया की कुला आबादी का 6% टाइग्रे लोग हैं जबकि ओरोमो (34%) और अम्हार (27%) हैं। चूँकि वर्ष 2018 से पूर्व सत्ता में TPLF और टाइग्रे लोगों की संख्या ज़्यादा थी अतः ओरोमो लोगों द्वारा उनके खिलाफ पक्षपात के आरोप लगाए जाते थे और अब ओरोमो समुदाय के अबी अहमद के सत्ता में आने के बाद टाइग्रे लोग उग्र हो गए हैं।

प्री फैक्ट्स :

टाइग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट

  • इस फ्रंट की स्थापना इथोपिया की सैन्य तानाशाही के विरुद्ध वर्ष 1975 में टाइग्रे क्षेत्र के लोगों के हितों की रक्षा करने के लिये की गई थी।
  • वर्ष 1991 में यह संगठन सैन्य तानाशाही सरकार को सत्ता से हटाने में सफल रहा और इसके बाद इसने इथोपिया में लोकतंत्र की स्थापना के साथ ही कई सुधार कार्य किये।
  • वर्ष 1991 में ही TPLF के नेता मेल्स ज़ेनावी पहले अंतरिम राष्ट्रपति और फिर वर्ष 1995 में प्रधानमंत्री चुने गए और वर्ष 2012 तक सत्ता में रहे।

इथोपिया

  • इथोपिया अफ़्रीका का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और क्षेत्रफल की दृष्टि से अफ़्रीका का दसवाँ सबसे बड़ा देश है। इसकी राजधानी अदिस अबाबा है।
  • इथोपिया, सूडान के दक्षिण-पूर्व में, इरिट्रिया के दक्षिण में, जिबूती और सोमालिया के पश्चिम में, केन्या के उत्तर में और दक्षिण सूडान के पूर्व में स्थित है। यह विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला स्थल-रुद्ध देश है। 
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