चर्चा में क्यों
हाल ही में, यूरोपीय संघ ने बहुप्रतीक्षित ‘यूरोपीय संघ चिप्स अधिनियम’ का अनावरण किया है।
प्रमुख बिंदु
- यूरोपीय संघ चिप्स अधिनियम के तहत वर्ष 2030 तक यूरोप में अर्धचालकों के उत्पादन में वैश्विक बाज़ार हिस्सेदारी को 20% किया जाएगा।
- इसके तहत यूरोपीय संघ ‘सार्वजनिक और निजी निवेश’ के जरिये अधिक धन एकत्र करके इस क्षेत्र में अपनी स्थिति को अधिक मज़बूत बनाएगा।
- चिप्स उत्पादन के वैश्विक बाज़ार हिस्सेदारी का 20% प्राप्त करने के लिये वर्तमान औद्योगिक प्रयासों को चार गुना अधिक करना होगा।
- इस योजना के माध्यम से इलेक्ट्रिक कारों और स्मार्टफोन में उपयोग किये जाने वाले प्रमुख घटक (सेमीकंडक्टर) के लिये एशिया पर यूरोपीय संघ की निर्भरता को सीमित किया जा सकता है।
अधिनियम की आवश्यकता क्यों
- यूरोप के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में चिप्स का उत्पादन एक रणनीतिक प्राथमिकता बन गया है। कोविड-19 महामारी के दौरान यूरोप और दुनिया के अन्य क्षेत्रों में चिप्स की आपूर्ति बाधित हो रही है। यूरोपीय संघ के उद्योग कई प्रकार के उच्च-तकनीकी उत्पादों का निर्माण करते हैं, जिनमें चिप्स एक महत्त्वपूर्ण भाग है।
- ध्यान देने योग्य बात यह है कि वर्तमान में अर्धचालकों एवं चिप्स का निर्माण ताइवान, चीन और दक्षिण कोरिया में बड़े पैमाने पर होता है। वर्तमान में चिप्स की भारी कमी को देखते हुए यूरोपीय संघ चाहता है कि उनके कारखानों और कंपनियों को इस क्षेत्र में बड़ी भूमिका प्राप्त हो सके तथा भविष्य में अन्य देशों पर निर्भरता को कम किया जा सके।