प्रारम्भिक परीक्षा – यूरेशियन ओटर ( Eurasian Otter) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
चर्चा में क्यों
केरल के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पहली बार राज्य में यूरेशियन ओटर (लुट्रा लुट्रा) को देखने का दावा किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस वन्यजीव को केरल के इडुक्की में “चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य” में देखा गया।
- केरल कृषि विश्वविद्यालय (KAU) की एक विज्ञप्ति के अनुसार, केरल में ऊदबिलाव की तीन प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें चिकनी-लेपित ऊदबिलाव और छोटे पंजे वाले ऊदबिलाव शामिल हैं।
यूरेशियाई ऊदबिलाव
- यह कॉर्डेटा संघ का स्तनधारी जीव है । इसका वैज्ञानिक नाम लुट्रा लुट्रा है ।
विशेषता:-
- यह चिकने भूरे फर वाला होता है, जिसका शरीर लम्बा एवं पैर छोटा होता है।
- यह स्वभाव से शर्मीला एवं रात्रिचर जीव है। यह सामान्यतःरात के समय शिकार करता है।
- यह तीन महाद्वीपों एशिया, यूरोप और अफ्रीका में पाया जाता है।
- भारत में, यह उत्तरी, पूर्वोत्तर एवं दक्षिणी प्रायद्वीपीय भाग में पाया जाता है।
आवास :-
- यह ऊदबिलाव विभिन्न प्रकार के जलीय आवासों में रहते हैं।
- ये उच्चभूमि, झील, नदी, दलदल, जंगल एवं पहाड़ी आदि तटीय क्षेत्रों में पाये जाते हैं।
- गर्मियों में यह हिमालय क्षेत्र में लगभग 3,660 मीटर तक की ऊँचाई तक चले जाते हैं।
प्रमुख खतरा:
- इन्हें विकासात्मक गतिविधियों से ज्यादा खतरा का सामना करना पड़ता है; जैसे- नदियों के नहरीकरण, बांध निर्माण, आर्द्रभूमि की निकासी और जलीय कृषि गतिविधियों के कारण निवास स्थान का विनाश एवं खाल के लिए अवैध शिकार आदि से इन्हें खतरा रहता है।
- इसे ICUN की ख़तरे की सूची में सूचीबद्ध किया गया है। इसके अतिरिक्त इसे भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची II में भी सूचीबद्ध किया गया है।
चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य (सीडब्ल्यूएस):-
- यह अभयारण्य केरल के इडुक्की जिले में स्थित है।
- यह अभयारण्य अन्नामलाई पहाड़ी पर संरक्षित वनों के 1,187 वर्ग किमी क्षेत्र में स्थित है।
- इस अभयारण्य के उत्तर में इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य तथा दक्षिणी भाग एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।
विशेषता :-
- यह अभयारण्य भारतीय “स्टार कछुओं” के एकमात्र पुनर्वास केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है।
- यह पश्चिमी घाट के वर्षा छाया क्षेत्र में स्थित है, जहाँ बहुत ही कम वर्षा होती है।
वनस्पति :-
- इस अभयारण्य में पर्णपाती वन, सूखी कांटेदार झाड़ियाँ, तटवर्ती वन, मरयूर चंदन वन, शोल वन एवं घास के मैदान पाए जाते हैं।
- अभयारण्य में फूलों की लगभग 1000 प्रजातियाँ तथा औषधीय पौधों की कई प्रजातियां पायी जाती हैं।
- इस अभयारण्य में एंटालम एल्बम, एनोजीसस लैटिफोलिया, रोडोडेंड्रोन, एलियोकार्पस तथा बबूल वृक्ष की कई प्रजातियां जैसे- अरेबिका, ल्यूकोफोलिया ,कॉन्सिना आदि पायी जाती हैं।
वन्यजीव :-
- इस अभयारण्य में पीले गले वाली बुलबुल सहित 225 पक्षियों की प्रजातियाँ, 52 सरीसृप, 14 मछलीयों की, 15 उभयचरों की , 156 तितलियों की तथा 101 मकड़ियों की प्रजातियाँ पायी जाती है।
- इस अभयारण्य में पाए जाने वाले प्रमुख जीव: - लुप्तप्राय ग्रेट ग्रिजल्ड गिलहरी, एल्बिनो गौर या मंजमपट्टी सफेद बाइसन, हाथी, बाघ, तेंदुआ, बोनट मकाक , ग्रे लंगूर, नीलगिरि तहर, ग्वार, कछुआ , मगरमच्छ , सांभर एवं चित्तीदार हिरण आदि पाये जाते हैं।
- मछलियों की प्रमुख प्रजातियां जैसे- गर्रा मुलिया, रिवर-कार्प बारिल, विशाल डैनियो और लुप्तप्राय पहाड़ी स्ट्रीम गेम मछली डेक्कन महाशीर आदि पायी जाती हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में किस वन्यजीव अभयारण्य में यूरेशियन ओटर को देखा गया है?
(a) इडुक्की अंदेशा जीव अभयारण्य
(b) आलम वन्यजीव जीव अभ्यारण
(c) चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य
(d) इंदिरा गांधी वन्यजीव अभयारण्य
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- ओटर क्या है? इसके विलुप्त होने के कारणों की विवेचना कीजिए।
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