प्रारंभिक परीक्षा – यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ एवं भारत मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (European Free Trade Association,EFTA) के चार देशों के ने 10 मार्च,2024 को एक व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (The Trade and Economic Partnership Agreement ,TEPA) यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) देशों के साथ हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी।
- इन देशों में स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिनसेस्टाइन शामिल हैं
- इस समझौते का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच निवेश को प्रोत्साहित करना और वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार को बढ़ाना है।
- यह एक आधुनिक और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है।
- इस समझौते में 14 अध्याय शामिल हैं
- वर्ष 2014 के बाद से यह भारत का चौथा मुक्त व्यापार समझौता है।
- इससे पहले मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसा समझौता किया गया है
मुख्य फोकस:
- वस्तुओं से संबंधित बाजार पहुंच
- उद्भव के नियम
- व्यापार सुगमीकरण
- व्यापार उपचार
- स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता उपाय
- व्यापार से संबंधित तकनीकी बाधाओं
- निवेश संवर्धन, सेवाओं पर बाजार पहुंच
- बौद्धिक संपदा अधिकार
- व्यापार एवं सतत विकास तथा अन्य कानूनी प्रावधान
व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (The Trade and Economic Partnership Agreement ,TEPA) के उद्देश्य:
- यह दोनों क्षेत्रों के बीच टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करके बाज़ार पहुँच एवं निवेश प्रवाह को बढ़ावा देकर द्विपक्षीय व्यापार तथा आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है।
- इस समझौते से व्यापार उदारीकरण को बढ़ाना और वैश्विक संरक्षणवादी रुझानों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला पर टैरिफ एवं गैर-टैरिफ बाधाओं को समाप्त करके भारत और EFTA के बीच व्यापार एवं निवेश के अवसरों में वृद्धि करना है।
- इसमें सेवा प्रदाताओं और निवेशकों के लिए निष्पक्ष एवं पारदर्शी बाज़ार पहुँच सुनिश्चित करना, बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा और प्रवर्तन पर सहयोग को बढ़ाना है।
- इससे जुड़े विवादों के समाधान के प्रभावी तंत्र के साथ-साथ व्यापार प्रक्रियाओं एवं सीमा शुल्क सहयोग को सुविधाजनक बनाना है।
- इसमें वस्तुओं तथा सेवाओं का व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, प्रतिस्पर्द्धा, सरकारी खरीद, व्यापार सुगमता, व्यापार उपचार, विवाद समाधान और आपसी हित के अन्य क्षेत्र शामिल हैं।
महत्व:
- वैश्विक स्तर पर बढ़ते संरक्षणवाद के सामने यह एफटीए (FTA) व्यापार उदारीकरण और आर्थिक सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
- ईएफटीए (EFTA)दोनों देशों द्वारा वादा किए गए निवेश एवं रोजगार सृजन में भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है जिससे समग्र वृद्धि और विकास को गति मिलेगी।
- यह समझौता चिकित्सा उपकरणों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए विशिष्ट देशों पर निर्भरता को कम करके आयात के विविधीकरण की सुविधा प्रदान करता है, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में लचीलापन को बढ़ावा मिलेगा।
समझौते की मुख्य विशेषताएं:
- इस समझौते में 14 अध्याय शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से वस्तुओं से संबंधित बाजार पहुंच, उत्पत्ति के नियम, व्यापार सुविधा, व्यापार उपचार आदि पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- डेयरी, सोया, कोयला और संवेदनशील कृषि उत्पाद जैसे क्षेत्रों को बहिष्करण सूची में रखा गया है।
- इस समझौते में निवेश को अनिवार्य किया गया है।
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- ये देश अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेंगे।
- इस निवेश में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) शामिल नहीं है।
- इस समझौते से भारत को विदेशी निवेश प्राप्त होगा
- इससे फार्मा, मेडिकल उपकरण, फूड, रिसर्च एंड डिवेलपमेंट जैसे बिज़नेस को लाभ प्राप्त होगा।
- यूरोपीय देशों को भारत के 140 करोड़ लोगों के बाज़ार तक आसान पहुँच मिलेगी।
- इस समझौते के बाद भारत कुछ समय के लिए उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पादों जैसे स्विस घड़ी,चॉकलेट, बिस्कुट जैसी चीज़ों पर कस्टम ड्यूटी हटा देगा
- भारत सोने को छोड़कर, स्विट्जरलैंड से लगभग 95% औद्योगिक आयात पर कस्टम ड्यूटी तुरंत या समय के साथ हटा देगा।
- इससे सीफूड, कॉफ़ी, मिठाइयां और प्रोसेस्ड फूड की क़ीमत भारत में कम होगी।
- जेनेरिक दवाओं में भारत के हितों और पेटेंट की सदाबहारता (एवरग्रीनिंग) यानी सदाबहार की प्रक्रिया में शामिल पेटेंट कानून और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून के विशिष्ट पहलू से संबंधित चिंताओं को पूरी तरह से संबोधित किया गया है।
- यह बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी, विनिर्माण, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और लॉजिस्ट्क्सि, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं और बीमा जैसे क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करके ‘मेक इन इंडिया’ एवं आत्मनिर्भर भारत को गति देगा।
- यह इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा, नवोन्मेषण,अनुसंधान एवं विकास में प्रौद्योगिकी सहयोग और विश्व की अग्रणी प्रौद्योगिकियों तक पहुंच की सुविधा देगा है।
यूरोपीय मुक्त व्यापार समझौता (EFTA):
- यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय समूह है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि करने के लिए निरंतर अवसर बढ़ रहे हैं।
- यह यूरोप में तीन (अन्य दो EU एवं ब्रिटेन) में से एक महत्वपूर्ण आर्थिक ब्लॉक है।
- EFTA देशों में से स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है जिसके बाद नॉर्वे का स्थान आता है।
- EFTA एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसे वर्ष 1960 में उन यूरोपीय राज्यों हेतु एक वैकल्पिक व्यापार ब्लॉक के रूप में स्थापित किया गया था जो यूरोपीय संघ (European Union- EU) में शामिल से अनिच्छुक थे।
- इसमें आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विटज़रलैंड शामिल हैं, जो यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन विभिन्न समझौतों के माध्यम से इसके एकल बाज़ार तक उनकी पहुँच है।
- यह भारत का 9वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जो वर्ष 2020-21 में भारत के कुल व्यापार का लगभग 2.5% हिस्सा है।
- EFTA को भारत द्वारा निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तुएँ वस्त्र, रसायन, रत्न एवं आभूषण, मशीनरी और फार्मास्यूटिकल्स हैं।
- EFTA से भारत द्वारा आयात की जाने वाली मुख्य वस्तुएँ मशीनरी, रसायन, कीमती धातुएँ और चिकित्सा उपकरण हैं।
EFTA देशों के साथ भारत के संबंध:
भारत और स्विट्ज़रलैंड संबंध:
- तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग पर एक अंतर-सरकारी फ्रेमवर्क के समझौते पर हस्ताक्षर किये गए, जिससे ‘भारत-स्विस संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम’ (ISJRP) की शुरुआत हुई।
- भारतीय कौशल विकास परिसर और विश्वविद्यालय, पुणे में इंडो-स्विस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा आंध्र प्रदेश में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र जैसे संस्थानों के माध्यम से दोनों देशों के बीच कौशल प्रशिक्षण सहयोग की सुविधा है।
- स्विट्ज़रलैंडभारत में 12वाँ सबसे बड़ा निवेशक है, अप्रैल 2000 और सितंबर 2019 के बीच यह भारत में हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का लगभग 1.07% था।
भारत और नार्वे संबंध:
- सतत् विकास के लिए नीली अर्थव्यवस्था पर भारत-नॉर्वे टास्क फोर्स का गठन वर्ष 2020 में किया गया था।
- नार्वे की 100 से अधिक कंपनियों ने भारत में कार्यरत है।
- नॉर्वेजियन पेंशन फंड ग्लोबल संभवतः भारत के सबसे बड़े एकल विदेशी निवेशकों में से एक है।
- नॉर्वे के संस्थानों का चेन्नई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास और पवन ऊर्जा संस्थान के बीच अकादमिक सहयोग है।
- नार्वे की कंपनी पिक्ल (Piql) भारतीय स्मारकों के लिये एक डिजिटल संग्रह बनाने में शामिल थी।
भारत और आइसलैंड संबंध:
- भारत और आइसलैंड ने वर्ष 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित किये और वर्ष 2005 से उच्च स्तरीय यात्राओं और आदान-प्रदान के साथ संबंधों को मज़बूत किया है।
- भारत और आइसलैंड लोकतंत्र, कानून के शासन एवं बहुपक्षवाद के साझा मूल्यों को साझा करते हैं।
- आइसलैंड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिये भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
- भारत और आइसलैंड व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, संस्कृति तथा विकास में सहयोग करते हैं।
- आर्थिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए हैं, जैसे- दोहरा कराधान अपवंचन समझौता।
भारत और लिकटेंस्टीन संबंध:
- दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2016-17 में 1.59 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- दोनों देशों ने अपने संबंधों को मज़बूत करने के लिये उच्च स्तरीय बैठकों का आदान-प्रदान किया है।
- दोनों देशों ने दोहरा कराधान अपवंचन समझौते जैसे आर्थिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिये समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- लिकटेंस्टीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारत और चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (European Free Trade Association,EFTA) ने 10 मार्च,2024 को एक आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- यूरोपीय मुक्त व्यापार समझौता (EFTA) एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय समूह है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि करने के लिए निरंतर अवसर बढ़ रहे हैं।
- व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के बीच टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करके बाज़ार पहुँच एवं निवेश प्रवाह को बढ़ावा देकर द्विपक्षीय व्यापार तथा आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: यूरोपीय मुक्त व्यापार समझौता क्या है ? यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के देशों एवं भारत के लिए इसके महत्त्व का उल्लेख कीजिए।
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स्रोत: THE HINDU