संदर्भ
हाल ही में प्रस्तावित यूरोपीय संघ निर्वनीकरण विनियमन (European Union Deforestation Regulation: EUDR) मानदंडों के अनुपालन समय सीमा प्रारंभ होने से पहले यूरोपीय देशों में भारतीय कॉफी की मांग में वृद्धि देखी गयी है।
यूरोपीय संघ निर्वनीकरण विनियमन के बारे में
- दिसंबर 2022 में, यूरोपीय संघ और उसके सदस्य राज्यों ने आयातित उत्पादों के कारण होने वाली वनों की कटाई और वन क्षरण को रोकने के लिए उपाय करने हेतु EUDR समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- EUDR का उद्देश्य वनों की कटाई से जुड़े उत्पादों के आयात को न्यूनतम करना है।
- यूरोपीय संघ के सदस्यों को 30 दिसंबर 2024 से EUDR मानदंड की आवश्यकताओं का अनुपालन करना अनिवार्य किया गया है।
प्रमुख मानदण्ड
- EUDR उत्पादकों और निर्माताओं को अपने उत्पादों को पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ के रूप में प्रमाणित करने के लिए बाध्य करता है, अर्थात उत्पादन, विनिर्माण या वितरण की प्रक्रिया के दौरान, उत्पाद वनों की कटाई की प्रथाओं के परिणामस्वरूप नहीं हुआ है।
- आयातकों को ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए उत्पादन क्षेत्रों का जियोलोकेशन डेटा प्रदान करना आवश्यक है।
- यह डेटा वनों की कटाई-मुक्त आवश्यकताओं के अनुपालन को सत्यापित करने में मदद करता है।
- ट्रेसेबिलिटी उत्पादों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए एक पारदर्शी तरीका भी प्रदान करती है, जिससे बाजार में प्रवेश करने वाले नकली उत्पादों की संख्या कम हो जाती है।
प्रमुख उत्पाद श्रेणियाँ
- वर्तमान में, विनियमन सात उत्पाद श्रेणियों को लक्षित करता है, जो मुख्य रूप से कृषि उत्पादों पर लागू होता है।
- सूची में शामिल उत्पाद है : पशु उत्पाद (मांस सहित), कोको, ताड़ का तेल, सोया, रबड़, लकड़ी, कॉफी।
- इन सात उत्पादों ने अपने व्यापक उपयोग और बाजार की मांग के कारण पर्यावरण क्षरण में बड़े पैमाने पर योगदान दिया है।
भारत में कॉफ़ी उत्पादन
- भारत, कॉफ़ी का सातवाँ सबसे बड़ा उत्पादक देश है तथा ब्राज़ील, वियतनाम, कोलंबिया और इंडोनेशिया के बाद पाँचवाँ सबसे बड़ा निर्यातक भी है।
- भारत में उगाई जाने वाली कॉफ़ी का दो-तिहाई से ज़्यादा निर्यात किया जाता है।
- भारतीय कॉफ़ी निर्यात का लगभग 60% यूरोप को जाता है, जहाँ इटली, जर्मनी और बेल्जियम इस कमोडिटी के प्रमुख खरीदार हैं।
भारत के कॉफ़ी निर्यात में वृद्धि
- EUDR के आने के साथ ही कॉफ़ी की अग्रिम खरीद में काफी वृद्धि हो रही है, क्योंकि यूरोपीय ग्राहक समय सीमा से पहले ही खरीदारी कर रहे हैं।
- इस वर्ष 1 जनवरी से 21 जून की अवधि के दौरान भारत का कॉफी शिपमेंट 16% बढ़कर 2.37 लाख टन से अधिक हो गया, जबकि एक वर्ष पहले इसी अवधि में 2.04 लाख टन था।
- इस अवधि के दौरान भारत में उगाई गई कॉफ़ी की शिपमेंट में 15% की वृद्धि देखी गई है जो एक वर्ष पहले 1.59 लाख टन के मुकाबले 1.83 लाख टन से अधिक है।