चर्चा में क्यों
चीन के चांग'ई-5 (Chang'e-5) लूनर लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर जल का पहला ऑन-साइट साक्ष्य (लैंडिंग साइट पर) खोजा है। यह चंद्रमा के सूखने का भी नवीनतम साक्ष्य है।
चंद्रमा पर जल की उपलब्धता
- ‘साइंस एडवांस’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, लैंडिंग साइट पर चंद्रमा की मृदा में 120 भाग-प्रति-मिलियन (ppm) से कम जल पाया गया है, जबकि हल्की वेसिकुलर चट्टान में 180 पी.पी.एम. जल मौजूद है। यह पृथ्वी की तुलना में अत्यंत शुष्क स्थिति है।
- उल्लेखनीय है कि रिमोट ऑब्जर्वेशन से चंद्रमा पर जल की मौजूदगी की पुष्टि हो चुकी है किंतु अब लैंडर पर लगे एक उपकरण ने रेजोलिथ और चट्टान के वर्णक्रमीय परावर्तन को मापकर पहली बार ऑन-साइट जल का पता लगाया।
- शोधकर्ताओं के अनुसार जल के अणु या हाइड्रॉक्सिल लगभग तीन माइक्रोमीटर की आवृत्ति पर अवशोषित होते हैं, जिससे जल की मात्रा का अनुमान लगाया जा सकता है।
- वस्तुतः चंद्रमा की मृदा की आर्द्रता में सर्वाधिक योगदान सौर पवनों का है क्योंकि ये हाइड्रोजन का वाहक होने के कारण जल के निर्माण में उत्तरदायी होती हैं। संभवत: चंद्रमा के मेंटल जलाशय के विलुप्त होने के कारण यह एक निश्चित अवधि के भीतर सूख गया था।
महत्ता
- विदित है कि चांग'ई-5 अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर मध्य-उच्च अक्षांश में स्थित सबसे नवीनतम बेसाल्ट सतह में से एक पर उतरकर उसका नमूना लिया। यह नमूना सतह और नीचे की परतों के रवों का मिश्रण हैं। जबकि स्व-स्थाने परीक्षण चंद्रमा की सतह की सबसे बाह्य परत का ही परीक्षण कर सकती है।
- चंद्रमा पर जल भंडार संबंधी अध्ययन चांग'ई-6 और चांग'ई-7 मिशनों के लिये महत्त्वपूर्ण होने के साथ-साथ मानवयुक्त चंद्र स्टेशनों के लिये भी महत्त्वपूर्ण है।