प्रारंभिक परिक्षा
(राष्ट्रीय घटनाक्रम, पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)
|
संदर्भ
केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 39 श्वेत श्रेणी के उद्योगों को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Board : SPCB) से अनुमति लेने की अनिवार्य आवश्यकता से छूट दे दी है।
छूट प्राप्त उद्योग
- SPCB की अनुमति से छूट प्राप्त करने वाले प्रमुख उद्योगों में शामिल हैं :
- सौर सेल एवं मॉड्यूल बनाने वाली विनिर्माण इकाइयाँ
- पवन एवं जल विद्युत इकाइयाँ
- फ्लाई ऐश ईंटें/ब्लॉक निर्माण
- चमड़े की कटाई एवं सिलाई
- एयर कूलर/कंडीशनर की असेंबलिंग, मरम्मत एवं सर्विसिंग
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board : CPCB) द्वारा वर्ष 2016 के वर्गीकरण के अनुसार इन सभी क्षेत्रों को ‘श्वेत श्रेणी’ के उद्योगों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- श्वेत श्रेणी में वे उद्योग शामिल होते हैं जो प्रकृति में सबसे कम प्रदूषण उत्सर्जित करते हैं।
- CPCB द्वारा यह छूट जल अधिनियम, 1974 और वायु अधिनियम, 1981 के तहत दी गई है।
- पर्यावरण में अपशिष्टों को या प्रदूषकों को उत्सर्जित करने वाले उद्योगों को विनियमित करने के लिए संचालन के लिए सहमति (Consent to Operate : CTO) परमिट के साथ स्थापना के लिए सहमति (Consent to Establish : CTE) परमिट दिया जाता है।
उद्योंगों का रंग-कोडित वर्गीकरण
- CPCB के वर्गीकरण के अनुसार उद्योगों की चार रंग-कोडित श्रेणियाँ हैं :
- लाल श्रेणी : 60 और उससे अधिक प्रदूषण सूचकांक वाले औद्योगिक क्षेत्र
- नारंगी श्रेणी : 41 से 59 प्रदूषण सूचकांक वाले औद्योगिक क्षेत्र
- हरी श्रेणी : 21 से 40 प्रदूषण सूचकांक वाले औद्योगिक क्षेत्र
- सफेद श्रेणी : 0 से 20 तक प्रदूषण सूचकांक वाले औद्योगिक क्षेत्र
- ‘लाल’ श्रेणी के उद्योग सबसे सख्त जांच के दायरे में आते हैं क्योंकि इनके द्वारा निर्मित किए जा रहे सामान से विषाक्त अपशिष्ट उत्सर्जित होते हैं।
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और CPCB ने वर्ष 2016 में उद्योगों के वर्गीकरण की समीक्षा करते हुए उद्योगों की ‘श्वेत श्रेणी’ शुरू की थी।
इसे भी जानिए!
- किसी भी औद्योगिक क्षेत्र का प्रदूषण सूचकांक (Pollution Index : PI) 0 से 100 के मध्य होता है।
- CPCB के मानदंडों के अनुसार PI के मान में वृद्धि औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण भार की बढ़ते स्तर को दर्शाता है।
- प्रदूषण सूचकांक स्कोर उत्सर्जन, अपशिष्ट निर्वहन, खतरनाक अपशिष्ट के उत्पादन और प्राकृतिक संसाधनों की खपत के आधार पर तैयार किए जाते हैं।
|
लाभ
- केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के इस निर्णय से उद्योगों के ‘अनुपालन बोझ’ में कमी आएगी।
- इससे गैर-प्रदूषणकारी श्वेत श्रेणी के उद्योगों की स्थापना एवं संचालन की सहमति लेने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं होगी। इससे अनुमोदन के दोहराव को भी रोका जा सकेगा।