(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3; विषय: पर्यावरण सुरक्षा एवं जैव विविधता का संरक्षण) |
संदर्भ
- केरल राज्य वन सुरक्षा कर्मचारी संगठन के एक अध्ययन में कहा गया है कि “वन क्षेत्रों से विदेशी पौधों को हटाने से जंगली जानवरों के लिए भोजन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी”।
- इस अध्ययन में केरल में मुन्नार के चिन्नाक्कनाल क्षेत्र में जंगली हाथियों के लिए भोजन की सुरक्षा एवं इस क्षेत्र में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष के बारे में जमीनी स्तर पर शोध कर रिपोर्ट तैयार की गई है।
विदेशी पौधे (Exotic Plants)
- विदेशी पौधे, जिन्हें गैर-देशी या आक्रामक प्रजातियों के रूप में भी जाना जाता है, ‘ये ऐसी प्रजातियाँ हैं जिन्हें या तो जानबूझकर या अनजाने में उनकी मूल सीमा के बाहर एक पारिस्थितिकी तंत्र में पेश किया गया है, और तब से उन्होंने स्वयं को अपने नए परिवेश में अनुकूलित और स्थापित कर लिया है’।
- विदेशी पौधे अक्सर सौंदर्य की दृष्टि से सुखदायक हो सकते हैं और कई प्रकार के लाभ प्रदान कर सकते हैं, लेकिन वे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकते हैं, जिसमें देशी पौधों का विस्थापन और वन्यजीव आवास में व्यवधान शामिल है।
वन्य जीवों के जीवन पर प्रभाव
- वन्यजीवों के लिए खाद्य संकट : विदेशो पौधों की प्रजातियों का व्यापक आक्रमण तेजी से स्वदेशी वनस्पति को विस्थापित कर देता है, जिससे गहरा पारिस्थितिक असंतुलन पैदा हो जाता है। यह कपटपूर्ण अतिक्रमण एक गंभीर खाद्य संकट को जन्म देता है क्योंकि आक्रामक पौधे महत्वपूर्ण शिकार प्रजातियों के प्राकृतिक आवास को बाधित कर देते हैं।
- मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि : स्थानिक खाद्य पौधों में कमी वन्यजीवों को मानव बस्तियों में जाने के लिए मजबूर करती है, जिससे समुदायों और जानवरों के बीच संघर्ष तेज हो जाता है।
- पानी की उपलब्धता में कमी : कुछ विदेशी पौधों को पानी की अधिक आवश्यकता होती है और वे मिट्टी की नमी को ख़त्म कर सकते हैं, जिससे देशी पौधों के जीवित रहने और पनपने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे वन्यजीवों के लिए पानी की उपलब्धता पर भी असर पड़ सकता है जो जीवित रहने के लिए इन संसाधनों पर निर्भर हैं।
- वन्यजीव आवास में परिवर्तन : विदेशी पौधे जंगलों और घास के मैदानों की संरचना को बदल सकते हैं, जो पक्षियों और अन्य वन्यजीवों के लिए घोंसले के शिकार स्थलों, भोजन स्रोतों और आश्रय की उपलब्धता को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
वन्यजीवों के लिए उत्पन्न खाद्य संकट मनुष्यों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को बढ़ावा दे सकता है, जिससे जानवरों को मानव बस्तियों में जाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इसके लिए नई तकनीकों के माध्यम से विदेशी पौधों की प्रजातियों के प्रसार को चिन्हित कर, उसे समूल नष्ट करने की आवश्यकता है। इससे न केवल वन्यजीवों को अपने स्थानीय खाद्य पौधों का लाभ मिलेगा, साथ ही जंगल के पर्यावरण एवं जैव विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा।