(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - फाल्कन रॉकेट, USSF-44 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र : 3 - अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी)
संदर्भ
- स्पेसएक्स (स्पेस एक्सप्लोरेशन) कंपनी, के फाल्कन हैवी रॉकेट को नासा के USSF-44 मिशन के लिए 1 नवंबर को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से पृथ्वी की भू-समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
- स्पेसएक्स द्वारा विकसित फाल्कन हैवी रॉकेट, वर्तमान समय में विश्व का सर्वाधिक शक्तिशाली ऑपरेशनल रॉकेट है।
- इस रॉकेट की ऊंचाई 70 मीटर, चौड़ाई 12.2 मीटर और द्रव्यमान 1,420,788 किलोग्राम है।
- कक्षा में लगभग 64 मीट्रिक टन के पेलोड को स्थापित करने की क्षमता के साथ, फाल्कन हैवी अगले निकटतम परिचालन वाहन डेल्टा-IV हैवी के पेलोड के दोगुने से अधिक भार उठा सकता है।
- स्पेसएक्स के अनुसार यह रॉकेट यात्रियों, सामान और ईंधन के साथ पूरी तरह से लोड किए गए 737 जेटलाइनर विमानों के बराबर भार को कक्षा में ले जा सकता है।
- यह रॉकेट, अपने संचालित लिफ्टऑफ़ के लिए तीन बूस्टर का उपयोग करता है – जिनमे से एक केंद्र में तथा दो अन्य टेकऑफ़ के पहले चरण के लिए उपयोग किए जाते है।
- फाल्कन हैवी, 12 हाइपरसोनिक ग्रिड फिन से लैस है (प्रत्येक बूस्टर पर चार, इंटरस्टेज या नोजकोन के आधार पर स्थित), जो पुन: प्रवेश के दौरान दबाव के केंद्र को स्थानांतरित करके उन्मुख करता है।
- फाल्कन हैवी रॉकेट में 27 मर्लिन इंजन हैं, जो एक साथ लिफ्टऑफ पर पांच मिलियन पाउंड से अधिक बल उत्पन्न करते हैं, जो लगभग 18 बोइंग-747 विमानों के बराबर है।
- मर्लिन इंजन का विकास स्पेसएक्स द्वारा, फाल्कन-1, फाल्कन-9 और फाल्कन हैवी लॉन्च वाहनों पर उपयोग के लिए किया गया है।
- मर्लिन इंजन गैस-जनरेटर पावर चक्र में रॉकेट प्रणोदक के रूप में RP1 और तरल ऑक्सीजन का उपयोग करता है।
- मर्लिन इंजन को मूल रूप से पुनर्प्राप्ति और पुन: उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया था।
- यह 2018 के बाद से फाल्कन हैवी रॉकेट का पहला प्रक्षेपण है। इससे पहले फाल्कन दो अन्य मिशनों में शामिल रहा है- एक अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए प्रायोगिक उपग्रहों को वितरित करने के लिए और दूसरा सऊदी स्थित कंपनी अरबसैट के लिए एक टेलीविजन और फोन सेवा उपग्रह को कक्षा में ले जाने के लिए।
USSF-44 मिशन
- USSF-44 मिशन के बारे में सार्वजनिक रूप से अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
- अमेरिकी सेना के स्पेस सिस्टम्स कमांड के अनुसार, यह मिशन स्पेस सिस्टम कमांड के इनोवेशन और प्रोटोटाइपिंग डेल्टा की ओर से कई उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करेगा, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को तेजी से विकसित करने और अंतरिक्ष में वस्तुओं को ट्रैक करने से संबंधित है।
- इस मिशन में दो अंतरिक्ष यान पेलोड प्रक्षेपित किए गए -
- पहला पेलोड पृथ्वी की भू-समकालिक कक्षा में और उसके आसपास विभिन्न प्रोटोटाइप मिशनों के लिए बनाया गया टेट्रा-1 माइक्रोसैटेलाइट है।
- दूसरा पेलोड राष्ट्रीय रक्षा उद्देश्यों के लिए है, जो स्पेस सिस्टम्स कमांड के इनोवेशन और प्रोटोटाइप उपग्रहों को स्थापित करेगा।
- स्पेस सिस्टम्स कमांड (एसएससी), संयुक्त राज्य अमेरिका के सशस्त्र बलों में सबसे पुराना सैन्य अंतरिक्ष संगठन है।
- यूएसएसएफ-44 मिशन, एलडीपीई कार्यक्रम, के अंतर्गत शामिल तीन मिशनों में से दूसरा है।
- पहला मिशन 2021 में लॉन्च किया गया था, जबकि अंतिम एलडीपीई -3 ए मिशन, दिसंबर में यूएसएसएफ -67 के साथ लॉन्च होगा।
कैनेडी स्पेस सेंटर
- जॉन एफ. कैनेडी स्पेस सेंटर (John F. Kennedy Space Center), फ्लोरिडा के मेरिट द्वीप में स्थित नासा का का अंतरिक्ष केंद्र है।
- इसका प्रयोग उपग्रह को लांच करने में किया जाता है।
- यह नासा के दस प्रमुख अंतरिक्ष केंद्रों में से एक है।
- कैनेडी स्पेस सेंटर रोबोट और वाणिज्यिक क्रू मिशन के लॉन्च के प्रबंधन के साथ, ऑफ-अर्थ एक्सप्लोरेशन के लिए खाद्य उत्पादन और इन-सीटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन पर शोध भी करता है।
- कैनेडी स्पेस सेंटर से हबल स्पेस टेलीस्कोप, मार्स रोवर प्रोजेक्ट और न्यू होराइजन्स जैसे महत्वपूर्ण मिशनों को प्रक्षेपित किया गया।