आनुवंशिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC)
- यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करती है।
- यह पर्यावरण के दृष्टिकोण से अनुसंधान एवं औद्योगिक उत्पादन में सूक्ष्मजीवों और पुनः संयोजकों के उपयोग से जुड़ी गतिविधियों का मूल्यांकन करती है।
- आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों और उनसे प्राप्त उत्पादों के व्यावसायिक प्रयोग से पहले GEAC की मंजूरी अनिवार्य होती है।
- यह भारत में खतरनाक सूक्ष्मजीवों या आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों(LMOs) के उपयोग, निर्माण, भंडारण, आयात और निर्यात को नियंत्रित करती है।
- इस समिति के पास पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम,1986 के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार भी है।
भारत में जीएम फसलों को विनियमित करने वाले अधिनियम और नियम -
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
- जैविक विविधता अधिनियम, 2002
- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006
- औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम (8वां संशोधन), 1988
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