प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, AMCA, CCS, HAL, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, DRDO मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ:
हाल ही में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी फाइटर जेट के डिज़ाइन और विकास के लिए ₹ 15,000 करोड़ की परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी है।
मुख्य बिंदु:
- इस फाइटर जेट का नाम ‘एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ (Advanced Medium Combat Aircraft - AMCA) है।
- इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाएगा।
- एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) इस कार्यक्रम को क्रियान्वित और विमान को डिजाइन करने के लिए नोडल एजेंसी होगी।
- ADA रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के अंतर्गत आता है।
AMCA की विशेषताएं:
- स्टील्थ:
- यह भारतीय वायु सेना के अन्य लड़ाकू विमानों से बड़ा होगा।
- इसमें दुश्मन के रडार से बचने के लिए उन्नत स्टील्थ विशेषताएं होंगी।
- यह वैश्विक स्तर पर उपयोग में आने वाले पांचवीं पीढ़ी के अन्य स्टील्थ लड़ाकू विमानों के जैसा या उससे भी बेहतर होगा।
- ईंधन और हथियार:
- विमान में 6.5 टन क्षमता का आंतरिक ईंधन टैंक होगा।
- AMCA में 14 हार्डप्वाइंट्स होंगे।
- इसमें 23 मिलीमीटर की GSh-23 कैनन लगी होगी।
- इसमें S8 रॉकेट पॉड्स, अस्त्र मार्क-1, 2, 3, हवा से हवा में मार करने वाली NG-CCM मिसाइल, ब्रह्मोस एनजी (BrahMos-NG), हवा से जमीन पर मार करने वाली रुद्रम मिसाइल लगाई जाएंगी।
- इंजन:
- यह 25 टन का जुड़वां इंजन वाला विमान होगा।
- AMCA Mk1 वेरिएंट में 90 kN (किलोन्यूटन) वर्ग का US-निर्मित GE414 इंजन लगेगा।
- अधिक उन्नत AMCA Mk2 वेरिएंट में अधिक शक्तिशाली 110kN इंजन लगेगा।
- 110kN इंजन को DRDO के ‘गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान’ (GTRE) द्वारा विदेशों के प्रमुख रक्षा कंपनियों के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा।
- इसके लिए भारत फ्रांस के सफरान SA से वार्ता कर रहा है।
- अन्य विशेषताएं;
- इंजनों में हवा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए डायवर्टरलेस सुपरसोनिक इनलेट को लगाया जाएगा।
- इंजनों को रडार उत्सर्जन से बचाने के लिए एक सर्पेन्टाइन एयर इनटेक डक्ट को लगाया जाएगा
AMCA का महत्व:
- AMCA के निर्माण की चर्चा सर्वप्रथम वर्ष, 2007 में हुई थी।
- प्रारंभ में इसे ‘पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (FGFA) कार्यक्रम’ के तहत रूस के साथ संयुक्त रूप से विकसित करने की योजना थी।
- वर्ष, 2018 में भारत FGFA परियोजना से हट गया।
- AMCA को चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों से अलग करने वाली विशेषताएं हैं;
- विमान में कम इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सिग्नेचर होगा, जिससे दुश्मन के रडार को इसका पता लगाना मुश्किल हो जाएगा।
- इसमें शक्तिशाली सेंसर और नए हथियार लगेंगे, जिससे यह दुश्मन के विमानों की पहचान करने और उन्हें बाहर निकालने में सक्षम होगा।
- चौथी पीढ़ी के विमान को सामान्यतः इन विशेषताओं के साथ डिज़ाइन नहीं किया जाता है।
- आंतरिक हथियार कक्ष और एक बड़े आंतरिक ईंधन टैंक जैसी गुप्त विशेषताएं AMCA जैसे पांचवीं पीढ़ी के विमान का हिस्सा हैं।
- बाहरी ईंधन टैंक और बाहरी रूप से जुड़े हथियार का किसी भी रडार द्वारा पता लगाना आसान होता है।
- AMCA की सतह पर जिस विशेष सामग्री का उपयोग किया जाएगा, वह रडार के संकेत को परावर्तित करने के बजाय उसे मोड़ देगी।
- कई संरचनात्मक घटकों पर नज़र रखने और वास्तविक समय में विमान का पता लगाने के लिए एक ‘व्यापक एकीकृत वाहन स्वास्थ्य प्रबंधन’ (IVHM) प्रणाली को लगाया जाएगा।
AMCA के विकास की समय सीमा:
- CCA की मंजूरी मिलने के बाद साढ़े चार से पांच साल में पहले विमान के उड़ान की संभावना है।
- पूर्णतः विकसित विमान बनने में लगभग 10 वर्ष का समय लगेगा।
- HAL द्वारा विमान का निर्माण शुरू करने से पहले इसके पांच प्रोटोटाइप बनाए जाएंगे।
- विमान के निर्माण में निजी क्षेत्रों को भी शामिल होने की उम्मीद है।
पाँचवीं पीढ़ी के अन्य विमान:
- अभी तक केवल कुछ ही देशों ने पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान बनाए हैं।
- अमेरिका का F-22 रैप्टर और F-35A लाइटनिंग II
- चीन का J-20 माइटी ड्रैगन
- रूस का सुखोई Su-57
भारतीय वायुसेना में विमानों घटती संख्या:
- भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में केवल 30 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं, जबकी 42 लड़ाकू स्क्वाड्रन होने चाहिए।
- आने वाले में यह संख्या और कम होने की उम्मीद है;
- मिग-21, मिग-29, जगुआर और मिराज 2000 के स्क्वाड्रन को अगले दशक मध्य तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा।
- भारतीय वायुसेना के अनुसार, प्रारंभ में उसे AMCA के सात स्क्वाड्रन की आवश्यकता है।
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति:
- वर्ष, 2019 में इसका पुनर्गठन किया गया।
- इस समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
- इसके सदस्यों में शामिल हैं- रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त और कार्पोरेट मामलों के मंत्री, विदेश मंत्री।
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति के कार्य:
- रक्षा संबंधी मुद्दों से निपटना।
- कानून और व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटना।
- भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अंतरराष्ट्रीय समझौतों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा।
- देश की सुरक्षा से जुड़े राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र की आवश्यकता का मूल्यांकन करना और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए वांछित परिवर्तन लाना।
- परमाणु ऊर्जा से जुड़े मामलों पर चर्चा।
DRDO:
- भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (TDEs) और रक्षा विज्ञान संगठन (DSO) के तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय (DTDP) का समन्वय कर DRDO का गठन वर्ष, 1958 में किया गया।
- DRDO का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- DRDO विभिन्न रक्षा प्रौद्योगिकियों का विकास करता है;
- वैमानिकी, आयुध, इलेक्ट्रॉनिक्स, लड़ाकू वाहन, इंस्ट्रूमेंटेशन, मिसाइल, उन्नत कंप्यूटिंग और सिमुलेशन आदि।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL):
- इसकी स्थापना 23 दिसंबर 1940 को वालचंद हीराचंद द्वारा हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड के रूप में बंगलुरु में की गई थी।
- HAL एक सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय एयरोस्पेस और रक्षा फर्म है।
- यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- इसका मुख्यालय बंगलुरु में स्थित है।
- HAL विमान, डिजाइन, हेलीकॉप्टर, जेट इंजन और उनके विभिन्न भागों का निर्माण और उत्पादन करता है। अपेक्षित विभिन्न प्रकार के वैमानिकीय पद्धतियों के डिजाइन एवम् विकास में महत्वपूर्ण
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA):
- ADA की स्थापना वर्ष, 1984 में की गई।
- यह DRDO का एक विभाग है।
- इसका मुख्यालय बंगलुरु में है।
- यह हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के डिजाइन और विकास के लिए नोडल एजेंसी है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:
प्रश्न: एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह भारत का तीसरी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है।
- इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाएगा।
- एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इस विमान को डिजाइन करने वाली नोडल एजेंसी होगी।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:
प्रश्न: पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के निर्माण से भारत की सुरक्षा की स्थिति मजबूत होगी। व्याख्या कीजिए।
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