चर्चा में क्यों
हाल ही में, वार्षिक सूचना विनिमय (Annual Information Exchange) के तहत भारत को अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक खातों के विवरण का चौथा सेट प्राप्त हुआ।
प्रमुख बिंदु
- जनवरी 2018 में भारत-स्विट्जरलैंड के बीच सूचनाओं के स्वत: विनिमय (Automatic Exchange Of Information: AEOI) संबंधी समझौता हुआ था। इसके तहत भारत को स्विट्जरलैंड से चौथी बार खातों का विवरण प्राप्त हुआ है। इस तरह का पहला आदान-प्रदान वर्ष 2019 में किया गया था।
- ए.ई.ओ.आई. विनिमय का उपयोग केवल कर उद्देश्यों के लिये होता है तथा भारत में इसे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की अभिरक्षा और कार्रवाई के अधीन रखा गया है।
- भारत वर्तमान में 78 देशों के साथ वित्तीय और बैंकिंग जानकारी साझा करता है जबकि 107 देशों से ऐसी जानकारी प्राप्त करता है।
ए.ई.ओ.आई.
विवरण साझाकरण
- स्विस संघीय कार्यालय ने वित्तीय पारदर्शिता लाने और धन शोधन को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से ए.ई.ओ.आई. 2022 विनिमय अभ्यास के तहत स्विट्ज़रलैंड ने 101 देशों के लगभग 34 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है।
- तुर्की, पेरू और नाइजीरिया जैसे देशों को पहली बार स्विस ए.ई.ओ.आई. सूची में जोड़ा गया है। स्विस संघीय कर प्रशासन कार्यालय के अनुसार इन 101 देशों में से 74 देशों के साथ सूचनाओं का पारस्परिक आदान-प्रदान हुआ था।
- इस वित्तीय जानकारी में नाम, पता, निवास का देश, कर पहचान संख्या, रिपोर्टिंग वित्तीय संस्थान से संबंधित जानकारी और खाते की शेष राशि और पूँजी की जानकारी शामिल हैं।
मानदंड
- सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के लिये दिशानिर्देश और मानदंड पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।
- ओ.ई.सी.डी. के दिशानिर्देशों के तहत धन की मात्रा या खाताधारकों के नाम का कोई विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
- वर्ष 2014 में ओ.ई.सी.डी. ने सामान्य रिपोर्टिंग मानक (CRS) विकसित किया जो प्रत्येक देश को वित्तीय संस्थानों से डाटा प्राप्त करने और स्वचालित रूप से उन देशों के साथ आदान-प्रदान की अनुमति देता है जिनके साथ ए.ई.ओ.आई. समझौते हुए हैं।