चर्चा में क्यों
हाल ही में, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद् (Financial Stability and Development Council : FSDC) की 25वीं बैठक मुंबई में आयोजित की गई।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में एफ.एस.डी.सी. के विभिन्न अधिदेशों और वैश्विक व घरेलू विकास के मद्देनजर उत्पन्न होने वाली प्रमुख मैक्रो-वित्तीय चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया।
- परिषद् के अनुसार सरकार और सभी नियामकों को वित्तीय स्थितियों व महत्त्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों की कार्यप्रणाली पर निरंतर निगरानी रखने की आवश्यकता है।
- परिषद् ने वित्तीय क्षेत्र के विकास और व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ एक समावेशी आर्थिक विकास प्राप्त करने के लिये आवश्यक उपायों पर चर्चा की।
एफ. एस. डी. सी.
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद् की स्थापना सरकार द्वारा वित्तीय बाज़ार नियामकों के परामर्श से वित्तीय स्थिरता बनाए रखने, अंतर-नियामक समन्वय को बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये तंत्र को मजबूत और संस्थागत बनाने के लिये की गई है।
कार्य
- नियामकों की स्वायत्तता के पूर्वाग्रह के बिना, परिषद् बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था के मैक्रो-विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण की निगरानी करना।
- अंतर-नियामक समन्वय और वित्तीय क्षेत्र के विकास के मुद्दों को संबोधित करना।
- सरकार का वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन पर भी ध्यान केंद्रित करना।