प्रारम्भिक परीक्षा - वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 - सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय |
सन्दर्भ
- हाल ही में, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की 27वीं बैठक का आयोजन किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
- केन्द्रीय वित्त मंत्री ने इस बैठक की अध्यक्षता की।
- बैठक में वित्तीय सुविधाओं तक जनता की पहुंच बढ़ाने बल्कि उनकी समग्र आर्थिक बेहतरी के लिये वित्तीय क्षेत्र को और विकसित बनाने के लिए नीतिगत और विधायी सुधार उपायों की चर्चा की गयी।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद
- वित्तीय बाजार नियामकों के परामर्श के बाद वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की स्थापना दिसंबर, 2010 में की गयी।
- रघुराम राजन समिति ने 2008 में इस तरह के निकाय के निर्माण का प्रस्ताव दिया था।
- इसका उद्देश्य वित्तीय स्थिरता बनाए रखना, अंतर-नियामक समन्वय को बढ़ाना और वित्तीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए तंत्र को मजबूत करना और इसे संस्थागत बनाना है।
- नियामकों की स्वायत्तता के पूर्वाग्रह के बिना यह परिषद बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था के विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण की निगरानी करती है और अंतर-नियामक समन्वय और वित्तीय क्षेत्र के विकास के मुद्दों पर विचार करती है।
- परिषद, वित्तीय स्थिरता, वित्तीय क्षेत्र के विकास, अंतर-नियामक समन्वय, वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेशन और बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था के मैक्रो विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण से संबंधित मुद्दों पर भी विचार करती है।
- FSDC की गतिविधियों के लिए अलग से कोई धनराशि आवंटित नहीं की जाती है।
- परिषद और इसकी उप-समिति परिषद के किसी भी सदस्य द्वारा प्रस्तावित कार्यसूची मदों पर विचार-विमर्श करती है जिसमें मोटे तौर पर वित्तीय स्थिरता, अंतर-नियामक समन्वय और वित्तीय क्षेत्र के विकास से संबंधित मामले शामिल होते हैं।
- यह वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन पर भी ध्यान देती है।
संरचना
- अध्यक्ष - केंद्रीय वित्त मंत्री।
- सदस्य –
- वित्तीय क्षेत्र के नियामकों (SEBI, PFRDA, IRDA, और FMC) के प्रमुख।
- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर।
- वित्त सचिव।
- आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव।
- वित्तीय सेवा विभाग के सचिव।
- मुख्य आर्थिक सलाहकार।
- राजस्व सचिव।
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सचिव।
- आर्थिक मामलों के विभाग के राज्य मंत्री।
- भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) के अध्यक्ष।
- यदि आवश्यक हो, तो परिषद विशेषज्ञों को अपनी बैठक में आमंत्रित कर सकती है।
- FSDC की उप-समिति की अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा की जाती है।