हीराकुंड वन्यजीव विभाग ने हाल ही में ओडिशा के देबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय बाइसन महोत्सव का आयोजन किया।
यह राज्य में अपनी तरह का पहला आयोजन था, जिसका उद्देश्य भारतीय बाइसन (गौर/गयाला) के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदायों को संरक्षण प्रयासों में शामिल करना और भारतीय बाइसन के व्यवहार, आवास और आदतों के बारे में जानकारी प्रदान करना था।
नवंबर 2024 में हुई जनगणना के अनुसार, देबरीगढ़ में कुल 669 भारतीय बाइसन पाए गए।
इनकी आबादी में 30% किशोर बाइसन शामिल हैं, जो प्रजाति की पुनरुत्थान क्षमता का सकारात्मक संकेत है।
देबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य, ओडिशा
यह बरगढ़ जिले में हीराकुंड बांध (महानदी नदी) के पास स्थित है और इसका क्षेत्रफल 346.91 वर्ग किलोमीटर है।
अभयारण्य पूर्व और उत्तर में हीराकुंड जलाशय से घिरा हुआ है।
इसे 8 फरवरी 1985 को वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।
यह ओडिशा में वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवास के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
जैव विविधता
वनस्पति:-शुष्क पर्णपाती वन
जीव-जंतु: भारतीय बाइसन (गौर/गयाला),चार सींग वाला मृग,भारतीय तेंदुआ,भारतीय हाथी,अन्य जीव-जन्तु
भारतीय बाइसन (गौर/गयाला)
भारतीय गौर दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों की पहाड़ियों और घास वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
ये मुख्य रूप से भारत, चीन, थाईलैंड, मलेशिया, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में मिलते हैं।
भारत में गौर मुख्य रूप से पश्चिमी घाट, मध्य भारत और उत्तर-पूर्व के जंगलों में पाए जाते हैं।
संरक्षण स्थिति
यह अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में वर्ष 1986 के बाद से 'सुभेद्य' (Vulnerable) श्रेणी में सूचीबद्ध है।
भारत सरकार ने इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में शामिल किया है।
यह ‘वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय’ (CITES ) की परिशिष्ट-I में सूचीबद्ध है।
प्रश्न - देबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य किस राज्य में स्थित है ?