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पहली स्वदेशी एंटीबायोटिक दवा: नैफिथ्रोमाइसिन

  • हाल ही में, नैफिथ्रोमाइसिन नामक पहली स्वदेशी एंटीबायोटिक दवा लॉन्च की गई।
  • इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में लॉन्च किया गया।
  • इसका प्रयोग प्रतिरोधी संक्रमणों के लिए किया जाएगा।
  • इसको जैव प्रौद्योगिकी विभाग की एक इकाई के सहयोग से विकसित किया गया है।
    • यह इकाई जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) है।
  • इसे मिक्नाफ नाम से बाजार में उतारा गया है। 
  • इसका उद्देश्य एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) से निपटना है।

एंटीबायोटिक:

  • एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरियल संक्रमणों के इलाज में इस्तेमाल की जाती हैं।
  • ये बैक्टीरिया को मारती हैं या उनके प्रजनन को रोकती हैं।

नैफिथ्रोमाइसिन:

  • यह एक एंटीबायोटिक दवा है।
  • इसको विशेष रूप से सामुदायिक-अधिग्रहित जीवाणु निमोनिया के इलाज के लिए डिज़ाइन किया गया है।

निमोनिया:

  • यह गंभीर बीमारी दवा-प्रतिरोधी बैक्टीरिया के कारण होती है। 
  • यह बच्चों, बुजुर्गों और मधुमेह या कैंसर के रोगियों जैसे कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को असमान रूप से प्रभावित करती है।
  • इसमें फेफड़े सर्वाधिक प्रभावित होते है।

प्रश्न- नैफिथ्रोमाइसिन दवा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-

  1. यह भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित एंटीबायोटिक है।
  2. इसे मिक्नाफ नाम से बाजार में उतारा गया है। 
  3. इसको विशेष रूप से निमोनिया के इलाज के लिए डिज़ाइन किया गया है।

उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

(a) 1 और 2 

(b) 1 और 3 

(c) 1,2 और 3

(d) 2 और 3 

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