संदर्भ
हाल ही में, ‘चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद’ (Quadrilateral Security Dialogue : Quad) की राष्ट्राध्यक्ष स्तर की पहली बैठक संपन्न हुई। विदित है की क्वॉड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक अनौपचारिक समूह है।
शिखर सम्मलेन के प्रमुख बिंदु
- सदस्य देशों के प्रमुखों ने कोविड-19 महामारी को समाप्त करने के लिये वैक्सीन पर संयुक्त साझेदारी के साथ-साथ ‘स्वतंत्र’ और ‘खुले’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। इस दौरान ‘दि स्पिरिट ऑफ़ क्वॉड’ शीर्षक से एक संयुक्त बयान जारी किया गया।
- वैक्सीन के अतिरिक्त, आर्थिक सुधार को गति देने और सभी तक समान रूप से वैश्विक स्वास्थ्य लाभ पहुँचाने के लिये प्रयास किया जाएगा। अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मानवाधिकारों के अनुसार शासित किये जाने पर बल दिया।
- साथ ही, इस क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के आधार पर शासित करने, सार्वभौमिक मूल्यों को बनाए रखने और बल के प्रयोग से मुक्त रखने पर भी ज़ोर दिया गया है।
- शिखर सम्मेलन के दौरान ‘वैक्सीन विशेषज्ञ कार्य समूह’, ‘महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी कार्य समूह’, ‘प्रौद्योगिकी के लिये जलवायु कार्य समूह’ और क्षमता निर्माण तथा जलवायु वित्तयन को मंजूरी प्रदान की गई।
- भारत की वैक्सीन मैत्री पहल की सराहना करते हुए जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने इसे वित्त प्रदान करने की बात कही है।
समानताएँ
- ये देश लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत के प्रति प्रतिबद्धता के कारण एकजुट हैं।
- वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे एजेंडे के कारण क्वॉड वैश्विक खुशहाली के लिये प्रयासरत है। क्वॉड इस क्षेत्र में स्थिरता का प्रमुख स्तंभ है।
चीन की प्रतिक्रिया
- चीन ने कहा है कि राष्ट्रों के बीच सहयोग ‘किसी तीसरे पक्ष के हितों या लक्ष्यों को नुकसान पहुँचाने वाला नहीं’ होना चाहिये।
- साथ ही, राष्ट्रों के बीच आदान-प्रदान तथा सहयोग राष्ट्रों के बीच आपसी समझ व विश्वास में योगदान करने वाला होना चाहिये।