हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने सशस्त्र बलों की कमी से निपटने के लिए फ़ाइव आइज़ एलायंस (Five Eyes Alliance) देशों के नागरिकों को अपने सशस्त्र बलों में शामिल होने की अनुमति देने की बात कही है।
हाल के वर्षों में चीन के प्रभाव को संतुलित करने जैसे साझा हितों ने फाइव आइज़ देशों के बीच घनिष्ठता को बढ़ावा दिया है।
फाइव आइज़ एलायंस के बारे में
क्या है : पांच अंग्रेजी भाषी देशों- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडमऔर अमेरिका एक बहुपक्षीय खुफिया-साझाकरण नेटवर्क
यह 20 से अधिक विभिन्न एजेंसियों द्वारा साझा किया जाता है।
इसमें फाइव आइज़ देशों की गैर-राजनीतिक खुफिया निगरानी, समीक्षा एवं सुरक्षा संस्थाएँ शामिल हैं।
कार्यप्रणाली : सदस्य देशों द्वारा आपसी हितों वाले विचारों का आदान-प्रदान करते हुए सर्वोत्तम प्रथाओं की तुलना करना।
ये पूरे साल कॉन्फ्रेंस कॉल करते हैं और वार्षिक तौर पर व्यक्तिगत रूप से भी मिलते हैं।
पृष्ठभूमि
इस गठबंधन की उत्पत्ति द्वितीय विश्व युद्ध में हुई जब ब्रिटेन एवं अमेरिका ने जर्मन व जापानी गुप्त कोड को सफलतापूर्वक तोड़ने के बाद खुफिया जानकारी साझा करने का फैसला किया।
फाइव आइज़ एलायंस की शुरुआत ब्रिटेन-अमेरिका (Britain-USA : BRUSA) समझौते के रूप में हुई, जो बाद में UK-USA (UKUSA) समझौते में विकसित हुआ।
वर्ष 1949 इसमें कनाडा तथा वर्ष 1956 में न्यूजीलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया शामिल हुए।
UKUSA का उद्देश्य यूरोप में अमेरिकी बलों का समर्थन करने, कर्मियों का आदान-प्रदान करने, अत्यधिक संवेदनशील सामग्री के संचालन एवं वितरण के लिए संयुक्त नियम विकसित करने के लिए दोनों देशों के बीच खुफिया जानकारी साझा करना था।