चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने तरलता को अवशोषित करने के लिये एक अतिरिक्त उपकरण के रूप में ‘स्थायी जमा सुविधा’ (Standing Deposit Facility : SDF) की शुरुआत की है।
स्थायी जमा सुविधा
- एस.डी.एफ. ऐसा तंत्र है जिसका प्रयोग कोई भी केंद्रीय बैंक व्यवसायिक बैंकों के पास उपलब्ध अतिरिक्त तरलता को अवशोषित करने के लिये करता है।
- एस.डी.एफ. के अंतर्गत कोई बैंक जब अतिरिक्त नकदी रिजर्व बैंक के पास जमा कराएगा तो आर.बी.आइ. को बैंकों के पास सरकारी प्रतिभूति (G-Sec) जैसी किसी प्रकार की कोई जमानत (Collateral) रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
- यह ‘रिवर्स रेपो’ की तरह कार्य करता है किंतु कई मामलों में उससे भिन्न है। आर.बी.आइ. को ‘रिवर्स रेपो दर’ पर बैंकों की धनराशि जमा कराने के लिये जी-सेक जमानत के रूप में रखनी पड़ती है।
- वर्ष 2018 में आर.बी.आई. अधिनियम, 1934 की संशोधित धारा 17 के तहत आर.बी.आई. को एस.डी.एफ. के परिचालन का अधिकार है।
एस.डी.एफ. की वर्तमान दर
- आर.बी.आई. ने 3.75% की ब्याज दर के साथ तत्काल प्रभाव से एस.डी.एफ. के परिचालन का निर्णय लिया है।
- एस.डी.एफ. को रेपो दर से 25 बी.पी.एस. (bps) कम रखी गया है और यह ओवरनाइट आधार पर लागू होगी। यह सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) से 0.50 प्रतिशत कम होगा।
- एस.डी.एफ. का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में 8.5 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त तरलता को अवशोषित करना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है। इस प्रकार, यह तरलता प्रबंधन में सहायक होने के अतिरिक्त एक वित्तीय स्थिरता उपकरण भी है।
- एस.डी.एफ. तरलता समायोजन सुविधा (LAF) के अंतर्गत न्यूनतम दर होगा। एल.ए.एफ. के तहत एम.एस.एफ. दर ऊपरी स्तर होगी जबकि एस.डी.एफ. निचला स्तर होगा।
विशेषता
- एस.डी.एफ. तरलता समायोजन सुविधा के आधार के रूप में ‘फिक्स्ड रिवर्स रेपो रेट’ (FRRR) का स्थान लेगा। हालाँकि, फिक्स्ड रिवर्स रेपो रेट आर.बी.आई. के टूलकिट का हिस्सा बना रहेगा और इसका संचालन समय-समय पर निर्दिष्ट उद्देश्यों के लिये आर.बी.आई. के विवेकाधिकार पर किया जाएगा। एफ.आर.आर.आर. की वर्तमान दर 3.35% है।
- एस.डी.एफ. के साथ एफ.आर.आर.आर. रिज़र्व बैंक के तरलता प्रबंधन ढांचे में लचीलापन प्रदान करने में सहायक है।
- उल्लेखनीय है कि दोनों स्थायी सुविधाएँ- सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) और एस.डी.एफ. सप्ताह के सभी दिन और पूरे वर्ष उपलब्ध रहेंगे।
- एस.डी.एफ. के तहत जमाराशियों को नकद आरक्षित अनुपात (CRR) के रखरखाव के लिये योग्य नहीं माना जाएगा किंतु वैधानिक तरलता अनुपात (SLR) के रखरखाव के लिये इसे पात्र माना जाएगा।