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नैट्रॉन झील असंतुलन से फ्लेमिंगो को खतरा

(प्रारंभिक अध्ययन : भूगोल और पर्यावरण पारिस्थितिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : पर्यावरण पारिस्थितिकी से संबंधित मुद्दे)

संदर्भ

जलवायु परिवर्तन के कारण तंजानिया की नैट्रॉन झील (Lake Natron) के संतुलन के प्रभावित होने से लाखों फ्लेमिंगो को खतरे का सामना करना पड़ रहा हैं। 

नैट्रॉन झील के बारे में 

  • अवस्थिति : तंजानिया-केन्या सीमा पर 
    • यह ग्रेगरी रिफ्ट (Gregory Rift) में स्थित है, जो पूर्वी अफ्रीकी रिफ्ट की पूर्वी शाखा है।
  • रामसर साइट : वर्ष 2001 में तंजानिया की लेक नैट्रॉन बेसिन रामसर सूची में शामिल
  • विशिष्टता : लेक नैट्रॉन में गर्म पानी, लवण, कास्टिक सोडा एवं मैग्नेसाइट जमाव की एक अनूठी संरचना विद्यमान 
  • पर्यावरणीय महत्त्व : अफ्रीका के लेसर फ्लेमिंगो के लिए एकमात्र नियमित प्रजनन क्षेत्र
    • हालांकि, यह आवास संरक्षित नहीं है और नियोजित विकास परियोजनाओं से खतरे में है।

Kenya

नैट्रॉन झील में असंतुलन के कारण

  • खराब मौसम एवं अतिक्रमण 
  • कृषि एवं अवसरंचना विकास 
  • बार-बार बाढ़ आने के कारण झील की लवणता में कमी 
  • लंबे समय तक शुष्क मौसम के कारण जल स्तर में खतरनाक रूप से गिरावट
  • जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ पौधों की आक्रामक प्रजातियाँ के कारण आवास बाधित

झील संरक्षण के लिए सुझाव 

  • स्थानीय समुदाय को शामिल करते हुए सक्रिय रूप से सरंक्षण पर जोर देना 
  • चरवाहे समुदायों को टिकाऊ जल प्रथाओं के बारे में सिखाकर प्रकृति के सरंक्षण को सुनिश्चित करना 
  • व्यापक वैश्विक पैटर्न को अपनाना 
  • फ्लेमिंगो को बचाने के लिए व्यापक एवं समन्वित प्रयासों की आवश्यकता 
  • संरक्षणवादी सख्त पर्यावरण नियमों और जन-जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता
  • पक्षियों आदि की सुरक्षा के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता 
    • इसमें आवास को संरक्षित करना, प्रदूषण को नियंत्रित करना और झील के आसपास केवल टिकाऊ विकास को सुनिश्चित करना शामिल है।

ग्रेट रिफ़्ट घाटी (Great Rift Valley)

  • ग्रेट रिफ्ट वैली भू-पृष्ठ पर एक फॉल्ट लाइन या दरार (भ्रंश) है जो पूर्वी अफ्रीका के हिस्से से होकर गुजरती है। 
  • यह घाटी पूर्वी अफ्रीका रिफ्ट प्रणाली नामक एक बड़ी संरचना का हिस्सा है। यह पूर्वी अफ्रीका में महाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग से लेकर दक्षिणी क्षेत्र तक स्थित है। 
  • ग्रेट रिफ्ट वैली का निर्माण अफ्रीकी प्लेट से जुड़ी अलग-अलग टेक्टोनिक प्लेट कंपन के कारण हुआ था। 
    • अफ्रीकी प्लेट दो भागों में विभाजित हो रही है : पश्चिम में न्युबियन प्लेट और पूर्व में सोमाली प्लेट। 
    • विभाजन की इस प्रक्रिया को ‘रिफ्टिंग’ के रूप में जाना जाता है, जो लगभग 25 से 30 मिलियन वर्ष पहले मियोसीन युग में शुरू हुई थी।
  • ग्रेट रिफ्ट वैली उत्तर में इथोपिया से शुरू होकर दक्षिण की ओर मोजाम्बिक तक विस्तृत है। यह पृथ्वी की सतह पर सबसे व्यापक रिफ्ट (भ्रंश) में से एक है।
  • पूर्वी अफ्रीकी रिफ्ट और ग्रेट रिफ्ट घाटी कई देशों में विस्तृत है : इरिट्रिया, जिबूती, इथियोपिया, केन्या, तंजानिया, युगांडा, रवांडा, बुरुंडी, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC), मलावी, जाम्बिया एवं मोजाम्बिक। 
  • अफ्रीका की ग्रेट रिफ्ट वैली में दुनिया की कुछ सबसे खतरनाक झीलें पाई जाती हैं। तंजानिया में नैट्रॉन झील और केन्या में बोगोरिया झील इसमें प्रमुख हैं। ये झीलें जीवन के अधिकांश रूपों के लिए प्रतिकूल हैं क्योंकि इनकी सतह का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। हालाँकि, ये फ्लेमिंगों के लिए आदर्श आवास हैं।

DRC

लेसर फ्लेमिंगो (Lesser Flamingo) के बारे में

Lesser-Flamingo

  • शारीरिक संरचना : फ्लेमिंगो की सबसे छोटी प्रजाति 
    • शरीर का रंग हल्का गुलाबी और पैर व चोंच गहरे लाल रंग की होती है। 
    • ग्रेटर फ्लेमिंगो गुजरात का राज्य पक्षी हैं।
  • वर्ग : पक्षी (Aves) 
  • वैज्ञानिक नाम : फोनीकोनायस माइनर (Phoeniconaias minor)
  • संरक्षण स्थिति :
    • IUCN : निकट संकटग्रस्त (Near Threatened : NT)
    • CITES : परिशिष्ट II
  • जीवनकाल : लगभग 50 वर्ष तक
  • आहार पैटर्न : सामान्यतया शाकाहारी 
    • लेसर फ्लेमिंगो ज़्यादातर नील-हरित शैवाल खाते हैं किंतु कभी-कभी क्रस्टेशियन और छोटे कीड़े भी खा लेते हैं। 
  • खतरे : जलवायु परिवर्तन; कृषि, औद्योगिक एवं अवसरंचना विकास; मानवीय व्यवधान और भारी धातुओं व कीटनाशकों से जल प्रदूषण आदि
  • प्रसार क्षेत्र : मुख्यतः पूर्वी एवं दक्षिणी अफ्रीका; मेडागास्कर, यमन, पाकिस्तान व पश्चिमी भारत
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