चर्चा में क्यों?
हाल ही में, केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने भारत में मौज़ूद सभी वाहन निर्माताओं से बी.एस.- 6 मानकों पर आधारित फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल का उत्पादन करने को कहा है।
प्रमुख बिंदु
- यह ‘फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल’ (Flexible Fuel Vehicles- FFV) का संक्षिप्त रूप है।
- ये वाहन 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत जैव-इथेनॉल या दोनों के संयोजन पर चलने में सक्षम हैं।
- वर्तमान मोटर वाहनों में कार्यरत ईंजन एक समय में एक ही ईंधन का उपयोग कर सकते हैं, जबकि एफ़.एफ़.वी. इस प्रणाली के वाहनों में एक ही समय पर कई ईंधनों का प्रयोग किया जा सकता है।
- इस प्रणाली से ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में कमी आएगी। साथ ही, इससे भारत को वर्ष 2030 तक अपने कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करने की कॉप-26 में की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।