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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 

(प्रारम्भिक परीक्षा के लिए - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ 

  • ईवाई और सीआईआई की संयुक्त रूप से तैयार रिपोर्ट - 'विजन विकसित भारत - एमएनसी के लिए अवसर और अपेक्षाएं के अनुसार COVID-19 महामारी और भू-राजनीतिक संघर्ष के परिणामस्वरूप निवेशक अनिश्चितता के बावजूद भारत द्वारा सुधारों और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने के कारण अगले पांच वर्षों में 475 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह को आकर्षित करने की क्षमता है।

विजन विकसित भारत रिपोर्ट

  • रिपोर्ट में कहा गया है, कि भारत में एफडीआई में पिछले एक दशक में लगातार वृद्धि देखी गई है, जिसमें वित्त वर्ष 2021-22 में महामारी के प्रभाव के बावजूद 83.57  अरब डॉलर का एफडीआई प्रवाह प्राप्त हुआ है।
  • भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एक उभरते हुए विनिर्माण केंद्र के रूप में, बढ़ते उपभोक्ता बाजार के रूप में और मौजूदा डिजिटल परिवर्तन के लिए एक केंद्र के रूप में देखा जाता है।
  • भारत में काम करने वाली 71% बहुराष्ट्रीय कंपनियां देश को अपने वैश्विक विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य मानती हैं।
  • भारत की क्षमता में विश्वास मजबूत खपत के रुझान, डिजिटलीकरण और बढ़ते सेवा क्षेत्र से उपजा है।
  • कंपनियों  ने जीएसटी लागू किए जाने, विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा डिजिटल प्रथाओं को बढ़ावा देने और कराधान में पारदर्शिता सहित अन्य सुधारों की सराहना की है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

  • किसी एक देश के व्यक्ति या कंपनी द्वारा किसी दूसरे देश में  व्यावसायिक गतिविधियों में किये गए निवेश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कहते है।
  • इसके तहत निवेश की मात्रा कंपनी की कुल हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत से अधिक होती है।
  • यह किसी देश के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण गैर-ऋण मौद्रिक स्रोत है।
  • एफडीआई के माध्यम से विदेशी कंपनियाँ सीधे तौर पर दूसरे देश में रोजमर्रा के कामकाज से जुड़ जाती हैं, जिससे ये निवेश के साथ ज्ञान, कौशल और तकनीक भी लाती हैं।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत विभिन्न प्रकार की गतिविधियां शामिल है -
    • किसी दूसरे देश में एक सहायक कंपनी की स्थापना करना 
    • किसी मौजूदा विदेशी कंपनी का विलय अथवा अधिग्रहण  
    • किसी विदेशी कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम साझेदारी

विदेशी पोर्टफोलियो निवेश 

  • यदि कोई भी विदेशी निवेशक शेयर मार्केट में सूचीबद्ध भारतीय कंपनी के शेयर खरीदता है, परन्तु उसकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से कम होती है, तो उसे एफपीआइ अर्थात विदेशी पोर्टफोलियो निवेश कहते हैं।
  • यह निवेश शेयर और बांड के रूप में होता है।
  • यह आमतौर पर कम समय के लिए होता है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश विदेशी संस्थागत निवेश
  • जब एक देश में स्थित एक कंपनी विदेश में स्थित एक कंपनी में निवेश करती है, तो उसे एफडीआई के रूप में जाना जाता है।
  • एफडीआई में पूंजी का दीर्घकालीन निवेश होता है। 
  • एफडीआई के माध्यम से निवेश का प्रवेश और निकास अपेक्षाकृत   कठिन होता है। 
  • एफडीआई के तहत पूंजी , संसाधन, प्रौद्योगिकी, रणनीतियाँ, ज्ञान आदि का प्रवाह होता है। 
  • इसके माध्यम से किसी कंपनी पर नियंत्रण प्राप्त होता है। 
  • इसके तहत विदेशी कंपनियां किसी देश के शेयर बाजार में निवेश करती हैं।
  • एफआईआई में पूंजी का निवेश, प्राप्त होने वाले लाभ के अनुसार अल्पकालीन या दीर्घकालीन दोनों हो सकता है।
  • एफआईआई के माध्यम से निवेश का प्रवेश और निकास अपेक्षाकृत आसान होता है। 
  • एफआईआई में सिर्फ पूंजी का निवेश किया जाता है। 
  • एफआईआई के माध्यम से किसी कंपनी पर नियंत्रण प्राप्त नहीं  होता है, इसमे निवेश करने का उद्देश सिर्फ लाभ प्राप्त करना होता है। 

 ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

  • जब कोई विदेशी कंपनी भारत में निवेश कर अपना नया कारखाना स्थापित करती है, तो उसे ग्रीनफील्ड एफडीआइ कहते हैं।
  • जब कोई विदेशी कंपनी भारत में नया कारखाना लगाने की जगह पर पहले से ही चल रहे किसी कारखाने में हिस्सेदारी खरीदकर या अधिग्रहण करके उसके प्रबंधन पर अपना नियंत्रण हासिल कर लेती है ,तो उसे ब्राउनफील्ड एफडीआइ कहते हैं।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का स्वचालित मार्ग 

  • ऐसे व्यावसायिक क्षेत्रों में निवेश के लिए सरकार से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सरकारी मार्ग

  • ऐसे व्यावसायिक क्षेत्रों में निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होती है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लाभ  

  • एफडीआई मे वृद्धि से आर्थिक गतिविधियों मे वृद्धि होती है, जिससे रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होती है।
  • विदेशी निवेश के जरिए अपना कारोबार बढ़ाने वाली हर इकाई अपनी पूंजी का एक हिस्सा जरूरी मानव संसाधन विकसित करने में निवेश करती है।
  • विदेशी कंपनियां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ-साथ उन्नत प्रौद्योगिकी और उपकरण भी लाती है।  
  • एफडीआई के माध्यम से आमतौर पर वैश्विक बाजारों को ध्यान में रखते हुए वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है, जिससे निर्यात मे वृद्धि होती है। 
  • एफडीआई के माध्यम से देश में विदेशी मुद्रा का प्रवाह होता है , जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है और विनिमय दर मे स्थितरता आती है।
  • एफडीआई से स्थानीय बाजार में विदेशी संस्थाओं के प्रवेश से प्रतिस्पर्धी बाजार का निर्माण होता है।
  • यह कदम एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धी वातावरण के निर्माण और उसे बनाए रखने में मदद करता है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित चुनौतियाँ 

  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए उपयुक्त नहीं है।
  • देशों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उद्योगों में कंपनियों के विदेशी स्वामित्व की अनुमति नहीं देनी चाहिए,  इससे देश का तुलनात्मक लाभ कम हो सकता है।
  • कभी-कभी एफडीआई घरेलू निवेश में बाधा बन सकता है, एफडीआई की वजह से देशों की स्थानीय कंपनियाँ अपने घरेलू उत्पादों में निवेश करने मे रुचि खो देती हैं।
  • अन्य देशों की राजनीतिक गतिविधियों में लगातार बदलाव प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह को बाधित कर सकता है।

एफडीआई को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल

  • ई-कॉमर्स के संशोधित एफडीआई नियम ई-कॉमर्स के मार्केटप्लेस आधारित मॉडल में शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देते है।
  • रियल एस्टेट ब्रोकिंग सर्विसेज में 100 फीसदी तक एफडीआई के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत को समाप्त कर दिया गया है।
  • भारत में जापानी निवेशकों के लिए तेजी से अनुमोदन प्रक्रियाओं के लिए एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली को मजबूत किया गया है।
  • राजस्व विभाग की मंजूरी को समाप्त करने और आवेदन प्राप्त होने के बाद 10 सप्ताह के भीतर अनुमोदन की आवश्यकता वाले सभी प्रस्तावों की मंजूरी को अनिवार्य किया गया है।
  • सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की है, जो एफडीआई प्रवाह को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देती है।
  • मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं के के कारण भी भारत में एफडीआई प्रवाह मे वृद्धि हुई है।

आगे की राह 

  • सरकार ने एफडीआई के लिए एक उदार और पारदर्शी नीति बनाई है, जिसमें अधिकांश क्षेत्र स्वचालित मार्ग के तहत एफडीआई के लिए खुले हैं।
  • सरकार ने कोयला खनन, अनुबंध निर्माण, डिजिटल मीडिया, एकल ब्रांड खुदरा व्यापार, नागरिक उड्डयन, रक्षा, बीमा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी सुधार किए है ।
  • सरकार को बुनियादी ढांचे और विनिर्माण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • नियामकीय बाधाओं को कम करने के लिए सरकार के निरंतर प्रयास सकारात्मक धारणा को मजबूत कर रहे हैं।

प्रश्न(UPSC-2021) : निम्नलिखित पर विचार कीजिये- 

  1. विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय 
  2. कुछ शर्तों के साथ विदेशी संस्थागत निवेश 
  3. वैश्विक डिपॉज़िटरी रसीदें 
  4. अनिवासी बाहरी जमा

उपर्युक्त में से किसको प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में शामिल किया जा सकता है?

  1. केवल 1, 2 और 3
  2. केवल 3
  3. केवल 2 और 4
  4. केवल 1 और 4
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