यूरोपीय संघ आवश्यक औद्योगिक उपयोगों को छोड़कर उपभोक्ता उत्पादों में फॉरएवर केमिकल्स पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है। पी.एफ.ए.एस. (PFAS) को फॉरएवर केमिकल कहते हैं।
फॉरएवर केमिकल्स के बारे में
- पी.एफ.ए.एस. या परफ्लूरोएल्काइल एवं पॉलीफ्लूरोएल्काइल (Perfluoroalkyl and Polyfluoroalkyl) पदार्थ सिंथेटिक रसायनों का एक समूह है जो पर्यावरण में विघटित नहीं होते हैं। इससे पारिस्थितिकी तंत्र, पेयजल और मानव शरीर में इनके संचित होने के परिणामों के बारे में चिंताएँ उत्पन्न होती हैं।
- पी.एफ.ए.एस. के विघित न होने का कारण इनका कार्बन-फ्लोराइड बॉन्ड है जो कार्बनिक रसायन विज्ञान में सबसे मजबूत प्रकार के बॉन्ड में से एक है।
फॉरएवर केमिकल्स का उपयोग
- रोजमर्रा के उत्पादों, जैसे- खाद्य पैकेजिंग, जल प्रतिरोधी (Water Proof) या दाग प्रतिरोधी कोटिंग्स और औद्योगिक सामग्री में
- अत्यधिक तापमान और संक्षारण के प्रति प्रतिरोध के कारण नॉन-स्टिक कुकवेयर में
- अस्थमा इन्हेलर और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी हरित प्रौद्योगिकियों में उपयोग किए जाने वाले सेमीकंडक्टर में
- जेट इंजन, चिकित्सा उपकरणों, प्रशीतन प्रणालियों, निर्माण उद्योग व विद्युत उपकरणों में
- फ्लोरोपॉलिमर्स नामक पी.एफ.ए.एस. का उपयोग जलरोधी कपड़ों से लेकर सौर फोटोवोल्टिक सेल में
तीन मुख्य प्रकार के फॉरएवर केमिकल्स
- फ्लोरोसर्फेक्टेंट्स : साबुन जैसे अणु जो उद्योग में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं और कुछ पेंट, वार्निश और अग्निशमन फोम में भी मिलाए जाते हैं।
- फ्लोरोपॉलिमर : कार्बन और फ्लोरीन की लंबी, प्लास्टिक जैसी श्रृंखलाएं जिनका उपभोक्ता अनुप्रयोगों की विस्तृत श्रृंखला में उपयोग होता है (सबसे प्रसिद्ध नॉनस्टिक रासायनिक कोटिंग टेफ्लॉन है)।
- फ्लोरोकार्बन : छोटे-अणु वाले गैस या तरल पदार्थ, जिनका उपयोग रेफ्रिजरेटर और एयर-कंडीशनिंग प्रणालियों में किया जाता है।
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