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फॉरएवर केमिकल्स

संदर्भ

अमेरिका में हुए शोध से पता चला है कि शहरों के सीवेज से बनी खाद जिसे दशकों से लाखों एकड़ खेत में उपयोग किया जा रहा है, इसमें उच्च स्तर के जहरीले पदार्थ जिन्हें फॉरएवर केमिकल्स भी कहा जाता है, पाए जाते हैं।

फॉरएवर केमिकल्स

  • ‘फॉरएवर केमिकल्स’ शब्द परफ्लुओरोएल्काइल और पॉलीफ्लुओरोएल्काइल पदार्थ (PFLS) लिए प्रयुक्त होता है, जो अत्यधिक विषाक्त, मानव-निर्मित रसायनों का एक समूह है।
    • ये पदार्थ पर्यावरण और मानव शरीर में विघटित होने के प्रति अत्यंत प्रतिरोधी होते हैं।
  • PFAS अणुओं में कार्बन और फ्लोरीन परमाणुओं की एक श्रृंखला होती है। कार्बन-फ्लोरीन बंधन सबसे मजबूत में से एक है, जिससे ये रसायन पर्यावरण में आसानी से विघटित नहीं होते हैं।

फॉरएवर केमिकल्स के प्रकार 

  • फॉरएवर केमिकल्स मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
    • फ्लोरोसर्फेक्टेंट्स (fluorosurfactants) : इसमें परफ्लूरोएल्काइल एसिड, परफ्लूरोऑक्टेनोइक एसिड, या परफ्लूरोऑक्टेनसल्फोनिक एसिड आदि शामिल होते हैं। 
      • इन साबुन जैसे अणुओं का पेंट, वार्निश और अग्निशमन फोम आदि से जुड़े उद्योग में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
    • फ्लोरोपॉलिमर : कार्बन और फ्लोरीन की लंबी, प्लास्टिक जैसी श्रृंखलाएं जिनके व्यापक उपभोक्ता अनुप्रयोग हैं; जैसे- नॉनस्टिक रासायनिक कोटिंग टेफ्लॉन।
    • फ्लोरोकार्बन : गैस या तरल पदार्थ के छोटे-अणु, जिनका उपयोग रेफ्रिजरेटर और एयर-कंडीशनिंग प्रणालियों में किया जाता है।

फॉरएवर केमिकल्स के दुष्प्रभाव

  • स्वास्थ्य जोखिम : पीएफएएस गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, जिनमें कैंसर, प्रजनन और प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान, जन्म दोष आदि शामिल हैं। 
  • दूषित जलापूर्ति : पीएफएएस लैंडफिल, कारखानों और औद्योगिक सुविधाओं से पानी की आपूर्ति में रिसता है। 
  • शरीर में उपस्थिति : ये केमिकल नवजात शिशुओं सहित लगभग सभी लोगों के खून तक पहुँच रहे हैं।

क्या आप जानते हैं ?

  • खतरनाक रसायनों पर स्टॉकहोम कन्वेंशन के तहत PFOA और PFOS (फॉरएवर केमिकल्स) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (पीओपी) पर स्टॉकहोम कन्वेंशन, एक वैश्विक संधि है जिसका मकसद मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरनाक रसायनों से बचाना है। 
  • इस संधि को 17 मई, 2004 को लागू किया गया था
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