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लद्दाख में 5 नए जिलों का गठन

प्रारंभिक परीक्षा 

(भारतीय राज्यतंत्र एवं शासन, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ)

संदर्भ 

गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 5 नए जिले बनाने की घोषणा की है। पहले केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में दो जिले ‘लेह’ एवं ‘कारगिल’ ही थे। 5 नए जिलों के साथ लद्दाख में अब 7 जिले हो जाएंगे। 

नए जिलों का गठन 

  • गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार 5 नए जिले निम्नलिखित हैं : 
    • ज़ांस्कर
    • द्रास
    • शाम
    • नुब्रा
    • चांगथांग 
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से लद्दाख एक बहुत बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है। यह भारत के सबसे कम आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। 

नए जिलों के गठन की प्रक्रिया 

  • 5 नए जिलों के गठन के लिए ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ देने के साथ ही गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन को नए जिलों के गठन से संबंधित विभिन्न पहलुओं, जैसे- मुख्यालय, सीमाएं, संरचना, पदों का सृजन और जिलों के गठन से संबंधित किसी भी अन्य पहलू का आकलन करने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। 
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लद्दाख प्रशासन को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। 
  • समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद लद्दाख इस रिपोर्ट के आधार पर नए जिलों के निर्माण के संबंध में अंतिम प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित करेगा।
  • वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा प्रदान किया गया था और यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रत्यक्ष प्रशासनिक नियंत्रण में आ गया। 

लद्दाख में नए जिलों के गठन की आवश्यकता 

  • अत्यंत कठिन एवं दुर्गम होने के कारण वर्तमान में जिला प्रशासन को जमीनी स्तर तक पहुँचने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। 
  • इन जिलों के गठन के बाद अब केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन की सभी जन कल्याणकारी योजनाएं लोगों तक आसानी से पहुंच सकेंगी।

लद्दाख में विकासात्मक योजनाएँ

  • प्रधानमंत्री मोदी ने तत्कालीन जम्मू एवं कश्मीर के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री विकास पैकेज की घोषणा की थी। 
    • यह 80,068 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली 63 परियोजनाओं से युक्त एक विकास पैकेज था। 
    • इन 63 परियोजनाओं में से 21,441 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली 9 परियोजनाएं विशेष रूप से लद्दाख के लिए हैं।

केंद्रशासित प्रदेशों में जिले के गठन के चरण 

भारत में, केंद्र शासित प्रदेशों में नए जिलों का गठन एक प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। यह प्रक्रिया विशिष्ट केंद्र शासित प्रदेश और नए जिले के निर्माण की परिस्थितियों के आधार पर थोड़ी भिन्न हो सकती है।

प्रस्ताव

  • केंद्र शासित प्रदेश का स्थानीय प्रशासन या सरकार नए जिले के निर्माण का प्रस्ताव करती है। 
  • यह सामान्यत: जनसंख्या वृद्धि, प्रशासनिक सुविधा या भौगोलिक विशेषताओं जैसे कारकों के आधार पर किया जाता है।

परामर्श

प्रस्ताव पर स्थानीय प्रतिनिधियों, अधिकारियों और जनता सहित विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा की जाती है।

अधिसूचना

केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन कोई नया जिला बनाने के उद्देश्य की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी करता है।

परिसीमन

नए जिले की सीमाओं को परिभाषित किए जाने के साथ ही क्षेत्र का सीमांकन किया जाता है।

अनुमोदन 

प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार/गृह मंत्रालय को भेजा जाता है।

राजपत्र अधिसूचना

एक बार अनुमोदित होने के बाद एक राजपत्र अधिसूचना जारी की जाती है, जिसमें औपचारिक रूप से नए जिले के निर्माण की घोषणा की जाती है।

कार्यान्वयन

आवश्यक प्रशासनिक व्यवस्था और बुनियादी ढाँचे के साथ नया जिला कार्यात्मक हो जाता है। यह प्रक्रिया विशिष्ट केंद्र शासित प्रदेश और नए जिले के निर्माण के आसपास की परिस्थितियों के आधार पर थोड़ी भिन्न हो सकती है।

राज्यों में नए जिलों का गठन

  • नए जिले बनाने या मौजूदा जिलों को (नाम आदि) बदलने या खत्म करने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है। 
  • यह कार्यकारी आदेश के ज़रिए या राज्य विधानसभा में कानून पारित करके किया जा सकता है। 
  • अधिकांश राज्य आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करके कार्यकारी मार्ग को प्राथमिकता देते हैं।

केंद्र सरकार की भूमिका 

  • जिलों के नाम बदलने या नए जिले बनाने में केंद्र की कोई भूमिका नहीं होती है। राज्य इस संबंध में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। 
  • हालाँकि, जब कोई राज्य किसी जिले या रेलवे स्टेशन का नाम बदलना चाहता है तो गृह मंत्रालय इसमें शामिल होता है। 
    • राज्य सरकार का अनुरोध पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो, डाक विभाग, भारतीय भौगोलिक विज्ञान सर्वेक्षण और रेल मंत्रालय जैसे अन्य विभागों एवं एजेंसियों को मंजूरी के लिए भेजा जाता है। 
    • उनके जवाबों की जांच के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है।
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