हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत पोषण युक्त (फोर्टिफाइड) चावल की आपूर्ति को जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक जारी रखने की मंजूरी दी
अप्रैल 2022 में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मार्च 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में पोषण युक्त चावल को उपलब्ध कराने की पहल को लागू करने का निर्णय लिया था।
खाद्य पदार्थों को पोषण युक्त बनाने की प्रक्रिया का उपयोग दुनिया भर में लोगों में एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय के रूप में किया गया है।
राइस फोर्टिफिकेशन
‘राइस फोर्टिफिकेशन’ अथवा ‘चावल पौष्टिकीकरण’ से तात्पर्य चावल में विटामिन या खनिज जैसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने की प्रक्रिया से है
भारतीय में सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए चावल एक आदर्श साधन है
देश की 65 प्रतिशत आबादी चावल का उपयोग मुख्य भोजन के रूप में करती है।
चावल फोर्टिफिकेशन में FSSAI द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार नियमित चावल में सूक्ष्म पोषक तत्वों (आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12) से भरपूर पोषण युक्त हिस्से (राइस कर्नेल) को शामिल किया जाता है।
राइस फोर्टिफिकेशन के लिये ‘कोटिंग’, डस्टिंग’ और ‘एक्सट्रूज़न’ (Extrusion) जैसी विभिन्न प्रौद्योगिकियाँ उपलब्ध हैं।
भारत में चावल फोर्टिफिकेशन के लिये ‘एक्सट्रूज़न’ को सबसे अच्छी प्रौद्योगिकी माना जाता है।
‘एक्सट्रूज़न प्रौद्योगिकी’ के अंतर्गत सूखे चावल के आटे में सूक्ष्म पोषक तत्त्वों को मिश्रित करके जल को मिलाया जाता है।
यह मिश्रण फिर ‘हीटिंग ज़ोन’ के साथ एक ‘ट्विन-स्क्रू एक्सट्रूडर’ में चला जाता है, जो चावल के समान और आकार के दानों का उत्पादन करता है।
इन दानों को सूखा कर ठंडा किया जाता है, फिर प्रयोग के लिये पैक किया जाता है।
फोर्टिफाइड चावल को बैग में पहचान चिह्न (‘+F’) के साथ पैक किया जाता है
प्रश्न - हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पोषण युक्त (फोर्टिफाइड) चावल की आपूर्ति को कब तक जारी रखने की मंजूरी दी ?