चर्चा में क्यों ?
- दिल्ली में हर जगह लगेगा FRS: राजधानी में बढ़ेगी सुरक्षा, अपराधियों पर रहेगी कड़ी नजर

प्रमुख बिंदु :-
- दिल्ली पुलिस जल्द ही पूरे शहर में फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) से लैस सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाने जा रही है।
- इसका उद्देश्य अपराधियों की धरपकड़ और नागरिकों की सुरक्षा को मजबूत बनाना है।
- इस तकनीक को पहले से ही कई प्रमुख बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे अपराध दर में गिरावट आई है।
कैसे काम करता है FRS?

FRS एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित तकनीक है, जो अपराधियों की पहचान और ट्रैकिंग में बेहद कारगर है।
इसका कार्यप्रणाली कुछ इस प्रकार है:
- बेहतर क्वालिटी वाले सीसीटीवी कैमरों में FRS सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाता है।
- सॉफ्टवेयर में अपराधियों और संदिग्धों का डेटा फीड किया जाता है।
- जैसे ही कोई अपराधी कैमरे के सामने आता है, यह सॉफ्टवेयर तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजता है।
- पुलिस अलर्ट मिलते ही कार्रवाई कर अपराधी को तुरंत गिरफ्तार कर सकती है।
- यह तकनीक भीड़भाड़ वाले इलाकों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों में बेहद उपयोगी साबित हो रही है।
दिल्ली में हर थाने को मिलेगा FRS कैमरा
दिल्ली पुलिस ने सभी थाना प्रभारियों से उन स्थानों की सूची मांगी है, जहां FRS से लैस कैमरे लगाए जा सकते हैं।
पुलिस मुख्यालय को यह सूची भेज दी गई है, और जल्द ही इन स्थानों पर FRS सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाएगा।
- किन स्थानों पर होंगे ये कैमरे?
- मुख्य बाजार (चांदनी चौक, करोल बाग, सरोजिनी नगर आदि)।
- रेलवे स्टेशन और बस अड्डे।
- मेट्रो स्टेशन और अन्य सार्वजनिक स्थल।
- संवेदनशील इलाकों में महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों के बाहर।
- भीड़भाड़ वाले चौराहे और सड़कें।
- कैमरों की ऊंचाई और प्रभाव
- रिपोर्ट के अनुसार, FRS केवल 8-10 फुट की ऊंचाई पर लगे कैमरों में बेहतर काम करता है।
- इसीलिए अब दिल्ली में कम ऊंचाई पर अधिक संख्या में कैमरे लगाए जा रहे हैं।
FRS की मदद से सुलझे बड़े अपराध
इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से दिल्ली पुलिस ने कई संगीन मामलों को सुलझाया है। कुछ प्रमुख केस इस प्रकार हैं:
- चांदनी चौक लूट केस – 80 लाख रुपये की लूट करने वाले अपराधियों को FRS की मदद से गिरफ्तार किया गया।
- सरोजिनी नगर स्नैचिंग केस – एक महिला और उसके भतीजे को सोने की चेन झपटने के मामले में गिरफ्तार किया गया।
- नौरोजी नगर बाइक चोरी केस – एक अपराधी दीपक को FRS के जरिए पहचाना गया और गिरफ्तार किया गया।
बड़े आयोजनों में FRS का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस FRS तकनीक का पहले से ही कई बड़े आयोजनों में इस्तेमाल कर रही है, जिससे सुरक्षा चाक-चौबंद बनी हुई है।
- गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय आयोजनों में यह तकनीक पहले से ही सफलतापूर्वक इस्तेमाल की जा रही है।
- भीड़भाड़ वाले धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में भी इस तकनीक से अपराधियों की पहचान की जाती है।
- इससे आतंकी गतिविधियों और संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने में भी मदद मिली है।
FRS से क्या फायदे होंगे?
अपराध पर रोकथाम
- FRS तकनीक से चोरी, स्नैचिंग, लूट और अन्य अपराधों पर लगाम लगेगी।
- अपराधी कैमरों की नजर से बच नहीं पाएंगे।
- अपराध के तुरंत बाद पुलिस को तुरंत अपराधी की पहचान मिल जाएगी।
तेज और प्रभावी पुलिस कार्रवाई
- अपराधियों को पकड़ने में लगने वाला समय कम होगा।
- पुलिस को फर्जी पहचान और नकली दस्तावेजों से बचाव मिलेगा।
- चोरी हुए वाहन और लूटपाट के मामलों में तेजी से जांच हो सकेगी।
आम नागरिकों की सुरक्षा में बढ़ोतरी
- महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा में सुधार होगा।
- बाजारों और मॉल जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर सुरक्षित माहौल बनेगा।
- मेट्रो, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर सुरक्षा बढ़ेगी।