प्रारंभिक परीक्षा – FSSAI मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 – खाद्य प्रसंस्करण, कृषि संबद्ध क्षेत्र |
संदर्भ:
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी जिलों में संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में दूध और दुग्ध उत्पादों की मिलावट पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) इस वर्ष से देशव्यापी निगरानी करेगा।
उत्पादन में आई कमी
- यह घोषणा देश में दूध उत्पादन की कमी के खबरों की पृष्ठभूमि में की गई है, जिसके अनुसार सहकारी समितियों ने इस वर्ष उत्पादन में केवल 12% की वृद्धि दर्ज की है और संगठित और असंगठित क्षेत्र उत्पादन में वृद्धि न होने की बात कह रहे हैं।
- डेयरी उद्योग क्षेत्र को कोविड-19 के दौरान हुए नुकसान और हाल ही में त्वचा रोग (lumpy skin disease) (जिसके कारण 1.9 लाख मवेशियों की मौत हुई) और चारे की मुद्रास्फीति 30% से जूझ रहा है।
दुग्ध उत्पादन में भारत की स्थिति
- खाद्य और कृषि संगठन कॉर्पोरेट स्टैटिस्टिकल डेटाबेस (FAOSTAT) के उत्पादन आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन गया है। साल 2021-22 में भारत ने दुनिया की कुल हिस्से का 24 फीसदी योगदान देकर पहले स्थान प्राप्त किया है।
- भारत के दुग्ध उत्पादन में पिछले आठ वर्षों के दौरान यानी वर्ष 2014-15 और 2021-22 के दौरान 51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2021-22 में देश में दूध उत्पादन 22 करोड़ टन तक पहुंच गया है।
डेयरी विकास के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास:
डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम
- डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य दूध, दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाना, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन की हिस्सेदारी बढ़ाना है।
- इसके साथ ही डेयरी क्षेत्र में बढ़त के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स की आसान खरीद के लिए संगठित क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- फरवरी 2014 के बाद से देशभर में “राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)” नामक केंद्रीय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- जुलाई 2021 में योजना को संशोधित किया गया। संशोधित NPDD योजना को 2021-22 से 2025-26 में कार्यान्वित किया जाएगा।
- इसके लिए 1790 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान है।
अच्छी गुणवत्ता के चारे के लिए योजना
- देश में दूध प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए ‘राष्ट्रीय पशुधन मिशन, फीड और चारा विकास पर उप-मिशन’ की शुरुआत की गई है।
- यह एक अलग से योजना है जिसका उद्देश्य देश में चारे की उपलब्धता को बढ़ाना है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन का कार्यान्वयन
- केंद्र सरकार के प्रयासों से देश में उत्पादकता में सुधार और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के क्रम में राष्ट्रीय गोकुल मिशन चलाया जा रहा है।
- इसमें किसानों के लिए दुग्ध व्यवसाय को ज्यादा लाभकारी बनाने के उद्देश्य से गोवंशियों के अनुवांशिकीय उन्नयन और स्वदेशी नस्लों के विकास एवं संरक्षण किया जा रहा है।
- इस मिशन को दिसंबर 2014 से देशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के लिये लागू किया जा रहा है।
- यह योजना 2400 करोड़ रुपए के बजट परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से 2026 तक अम्ब्रेला योजना राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना के तहत भी जारी है।
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत अब तक 3.08 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
पशुपालन अवसंरचना विकास कोष
- पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund) के तहत, कुल 213 परियोजनाएं स्थापित की गई हैं, जिन्होंने 2020-2021 से लगभग 24,000 लोगों को प्रत्यक्ष और 1 लाख किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है।
बजट में बढ़ोत्तरी
- केंद्र सरकार इस क्षेत्र मे विकास के लिए लगातार पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय का बजट बढ़ा रही है।
- 2004-2005 से 2013-14 की तुलना में 2014-15 से 2023-24 के बीच पशुपालन और डेयरी विभाग के लिए बजट आवंटन में 77.62% की वृद्धि हुई है।
- मंत्रालय को जहां साल 2004 से 2014 से बीच लगभग 18 हजार करोड़ रुपए का बजट मिलता था वहीं अब 2014 से 2024 में के बीच लगभग 34 हजार करोड़ का बजट मिला है।
FSSAI क्या है?
- इसकी स्थापना खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम,2006 के अंतर्गत की गयी थी। FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
- इसका उद्देश्य खाद्य सामग्री के लिए उचित वैज्ञानिक मानकों का निर्माण करना और उन खाद्य पदार्थों के वितरण,उनके भण्डारण और निर्माण,खरीद और बिक्री आदि से सम्बंधित कार्यों को नियंत्रित करना है।
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