प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ-
- चीन ने 11 सितंबर,2023 को जी-20 शिखर सम्मेलन पर अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि वह ‘नई दिल्ली घोषणा-पत्र’ का स्वागत करता है, जिसमें पुनः पुष्टि की गई है कि जी-20 "आर्थिक सहयोग" का एक मंच है न कि "भू-राजनीतिक और सुरक्षा को हल करने का।"
मुख्य बिंदु-
- चीन ने कहा कि वह भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ द्वारा घोषित महत्वाकांक्षी नई ‘भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’ (IMEC) योजना का भी "स्वागत" करता है।
- जबकि इसे चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) के जवाब के रूप में देखा जा रहा है,किंतु इसे "भूराजनीतिक उपकरण" नहीं बनाना चाहिए।
- IMEC में भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक पूर्वी गलियारा तथा खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक उत्तरी गलियारा शामिल है और इसमें रेलवे, जहाज-रेल पारगमन नेटवर्क तथा सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगे।
- विदेश मंत्रालय ने कहा, "चीन ने उन सभी पहलुओं का स्वागत किया है, जो वास्तव में विकासशील देशों को बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करते हैं और कनेक्टिविटी तथा सामूहिक विकास को बढ़ावा देने के ईमानदार प्रयासों का स्वागत करते हैं।"
- विदेश मंत्रालय के अनुसार," हम इस बात की वकालत करते हैं कि कोई भी कनेक्टिविटी पहल खुली, समावेशी और तालमेल बनाने वाली होनी चाहिए न कि उसे भू-राजनीतिक उपकरण बनाना चाहिए।"
रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रति चीन की नीति-
- ‘जी-20 नई दिल्ली घोषणा-पत्र’ में ‘बाली घोषणा-पत्र’ के विपरीत यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता का उल्लेख नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, "यूक्रेन मुद्दे पर चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है।"
- सुश्री माओ ने कहा, “हम मानते हैं कि यूक्रेन संकट के अंतिम समाधान की कुंजी शीत युद्ध की मानसिकता को त्यागने, सभी पक्षों की वैध सुरक्षा चिंताओं को महत्व देने,उनका सम्मान करने और बातचीत के माध्यम से राजनीतिक समाधान खोजने में निहित है। चीन शांति वार्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा और यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करेगा।“
रचनात्मक भूमिका-
- चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि,दिल्ली घोषणा-पत्र चीन के प्रस्ताव को प्रतिबिंबित करता है और उनके अनुसार जी-20 साझेदारी के माध्यम से ठोस तरीकों से कार्य करेगा, जिससे वैश्विक चुनौतियों से निपटने, वैश्विक आर्थिक सुधार और वैश्विक विकास को बढ़ावा देने के लिए जी-20 के साथ मिलकर काम करने का सकारात्मक संकेत भेजा जाएगा।
- उन्होंने कहा, "नई दिल्ली शिखर सम्मेलन की तैयारी की प्रक्रिया में चीन ने रचनात्मक भूमिका निभाई और विकासशील देशों की चिंताओं को महत्व देने और सामूहिक विकास के समर्थन में फलदायी परिणामों तक पहुंचने में हमेशा शिखर सम्मेलन का समर्थन किया।"
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि श्री ली ने "कार्यस्थल पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन सहित अन्य देशों के नेताओं के साथ संक्षिप्त बातचीत की"।
- “राष्ट्रपति बिडेन के साथ संक्षिप्त बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री ली ने इस बात पर जोर दिया कि चीन का विकास अमेरिका के लिए एक अवसर है, न कि चुनौती और दोनों देशों को आदान-प्रदान बढ़ाना चाहिए।”
- श्री ली ने कहा, “राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि अमेरिका चीन की अर्थव्यवस्था को बढ़ते हुए देखना चाहता है और अमेरिका इसकी वृद्धि को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।''
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा में कौन-सा देश शामिल नहीं है?
(a) अमेरिका
(b) सऊदी अरब
(c) फ़्रांस
(d) रूस
उत्तर- (d)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- जी-20 "आर्थिक सहयोग" का एक मंच है न कि "भू-राजनीतिक और सुरक्षा को हल करने का।" समीक्षा कीजिए।
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