(मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
संदर्भ
हाल ही में, नुसा दुआ (बाली, इंडोनेशिया) में जी20 देशों ने ‘रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉन्गर’ (Recover Together, Recover Stronger) थीम के तहत 17वें वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।
घोषणापत्र के महत्त्वपूर्ण बिंदु
रूसी आक्रामकता की निंदा
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर फोकस
खाद्य सुरक्षा
जलवायु परिवर्तन
डिजिटल परिवर्तन
स्वास्थ्य
जी20 |
स्थापना : इस समूह की स्थापना वर्ष 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के पश्चात् वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिये वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा के मंच के रूप में की गई थी। प्रतिनिधित्व : यह विश्व की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 80%, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 75% और विश्व की 60% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। सदस्य देश : इसमें यूरोपीय संघ और 19 देश- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका शामिल हैं। सचिवालय एवं अध्यक्षता : इसका कोई स्थायी सचिवालय या मुख्यालय नहीं है तथा इसकी प्रतिवर्ष रोटेशन के आधार पर सदस्यों द्वारा अध्यक्षता की जाती है। अध्यक्ष पद धारण करने वाला देश, पिछले अध्यक्ष और भावी अध्यक्ष के साथ मिलकर ‘ट्रोइका’ नामक समूह बनाता है जो जी20 एजेंडे की निरंतरता को सुनिश्चित करता है। शेरपा : जी20 प्रक्रिया का नेतृत्व सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है जो नेताओं के व्यक्तिगत दूत होते हैं। शेरपा वर्ष के दौरान वार्ता की देखरेख करते हैं, शिखर सम्मेलन के एजेंडे पर चर्चा करते हैं तथा जी20 के मूल कार्यों का समन्वय करते हैं। जी20 शिखर सम्मेलन : पहला जी20 शिखर सम्मेलन वर्ष 2008 में अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में हुआ था। जबकि इसके आगामी शिखर सम्मेलन वर्ष 2023 में भारत, वर्ष 2024 में ब्राजील और वर्ष 2025 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किये जाएगे। |
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