प्रारंभिक परीक्षा
(समसामयिक अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)
मुख्य परीक्षा
(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
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संदर्भ
युद्ध एवं संघर्ष की वैश्विक परिस्थितियों के मध्य ब्राज़ील में जी-20 शिखर सम्मेलन के 19वें संस्करण का आयोजन किया गया। इस शिखर सम्मेलन का समापन जलवायु वित्त को बढ़ाने एवं नवीकरणीय ऊर्जा का विस्तार करने के आह्वान के साथ हुआ। साथ ही, गाजा व लेबनान में तत्काल युद्ध विराम और यूक्रेन में व्यापक शांति पर भी जोर दिया गया।
जी-20 शिखर सम्मेलन, 2024 के बारे में
- आयोजन : 18-19 नवंबर, 2024 को रियो डी जेनेरियो (ब्राजील) में
- यह ब्राज़ील में आयोजित होने वाला पहला जी-20 शिखर सम्मेलन था।
- थीम : एक न्यायसंगत विश्व एवं एक संधारणीय ग्रह का निर्माण (Building a Just World and a Sustainable Planet)
- अध्यक्षता : ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा
- संस्करण : 19 वाँ
- भागीदार : 19 सदस्य देश, अफ्रीकी संघ एवं यूरोपीय संघ
- मुख्य एजेंडा प्राथमिकताएँ
- सामाजिक समावेशन एवं भूख के विरुद्ध संघर्ष
- ऊर्जा परिवर्तन एवं सतत विकास
- वैश्विक शासन संस्थाओं में सुधार
- प्रमुख निष्कर्ष : अंत में जी-20 नेताओं में ‘रियो घोषणा पत्र’ पर आम सहमति बनी।
रियो घोषणा पत्र के प्रमुख बिंदु
संघर्ष एवं युद्ध
- इस घोषणा पत्र में सभी राज्यों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों एवं सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करने की मांग की।
- यूक्रेन की तुलना में गाजा युद्ध पर अधिक जोर दिया गया है तथा मध्य पूर्व में युद्ध विराम का प्रस्ताव किया गया।
- लेबनान में भी ब्लू लाइन के दोनों ओर नागरिकों को सुरक्षित रूप से घर लौटने की अनुमति देने के लिए एकजुटता की चर्चा की गई।
- ब्लू लाइन लेबनान को इज़राइल एवं गोलान हाइट्स से अलग करने वाली एक सीमांकन रेखा है। इसे संयुक्त राष्ट्र ने 7 जून, 2000 को निर्धारित किया था।
- गाजा क्षेत्र में मानवीय सहायता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया। इजरायल एवं फिलिस्तीन के द्वि-राज्य समाधान के दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया गया।
अति-धनी व्यक्तियों पर कराधान
- घोषणा पत्र में राजकोषीय संप्रभुता का सम्मान करते हुए अति धनी व्यक्तियों पर प्रभावी रूप से कर लगाने का उल्लेख किया गया है।
- यह घोषणा पत्र अंतर्राष्ट्रीय कर सहयोग पर जी-20 रियो डी जेनेरियो मंत्रिस्तरीय घोषणा का समर्थन करता है और प्रगतिशील कराधान की वकालत करता है।
बहुपक्षीय सहयोग
- दुनिया में बढ़ते राजनीतिक एवं भू-राजनीतिक तनाव विश्व में सतत विकास को बढ़ावा देने, गरीबी को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने जैसी चुनौतियों को सुलझाने की क्षमता को खतरे में डालते हैं।
- इन चुनौतियों के समाधान के लिए बहुपक्षीय सहयोग तथा वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के लिए वैश्विक शासन को मजबूत करने की चर्चा की गई।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की तीव्र प्रगति से समृद्धि एवं वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार सुनिश्चित होगा।
- ए.आई. के सुरक्षित एवं भरोसेमंद विकास, तैनाती व उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए मानवाधिकार संरक्षण, पारदर्शिता, निष्पक्षता, जवाबदेही, विनियमन, सुरक्षा, उचित मानव निरीक्षण, नैतिकता, पूर्वाग्रह, गोपनीयता, डाटा संरक्षण तथा डाटा शासन पर ध्यान देने की मांग की गई।
लैंगिक समानता
- जी-20 ने 2030 एजेंडा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि सतत विकास लक्ष्यों के केवल 17% लक्ष्य ही सही दिशा में हैं।
- लैंगिक समानता और सभी महिलाओं के सशक्तीकरण के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया गया है।
जलवायु कार्रवाई और ऊर्जा संक्रमण
- इस घोषणापत्र में सदी के मध्य तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने और 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा एवं वैश्विक ऊर्जा दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है।
- इस शिखर सम्मेलन में जलवायु वित्तपोषण को मजबूत करने के लिए वैश्विक जलवायु परिवर्तन कार्यबल (Global Task Force for Climate Change Mobilization) की शुरुआत की गई।
- सभी देश वनों के लिए सभी स्रोतों से नए एवं अतिरिक्त वित्तपोषण जुटाने का प्रयास करेंगे, जिसमें विकासशील देशों के लिए रियायती वित्तपोषण भी शामिल है।
- यह पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के भुगतान के लिए वित्तपोषण के नए और विविध स्रोतों को जुटाने के उद्देश्य से अभिनव तंत्र को प्रोत्साहित करता है।
- यह वर्ष 2040 तक स्वैच्छिक रूप से भूमि क्षरण को 50% तक कम करने की G20 की महत्वाकांक्षा की भी पुष्टि करता है।
गरीबी एवं भुखमरी
जी-20 शिखर सम्मेलन ने ‘भूख एवं गरीबी के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन’ की शुरुआत की है, जिसमें आय हस्तांतरण, स्कूल भोजन कार्यक्रम और माइक्रोक्रेडिट तक पहुंच जैसी रणनीतियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
वैश्विक व्यापार
- यह दस्तावेज़ विश्व व्यापार संगठन (WTO) के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर बल देता है तथा नियम-आधारित, निष्पक्ष एवं टिकाऊ बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को बढ़ावा देता है।
- जी-20 सभी सदस्यों के लिए सुलभ विवाद समाधान प्रणाली में सुधार का समर्थन करता है तथा समावेशी आर्थिक विकास में व्यापार की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
- इस दस्तावेज में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को 21वीं सदी की वास्तविकताओं एवं मांगों के साथ संरेखित करने और इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक व जवाबदेह बनाने की मांग की गई।
- अफ्रीका, एशिया-प्रशांत और लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले और गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों तथा समूहों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए सुरक्षा परिषद की विस्तारित संरचना की चर्चा की गई।
स्वास्थ्य
- लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों, टिकाऊ वित्तपोषण तथा टीकों, निदान व उपचारों तक समान पहुंच की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है।
जी 20 के बारे में
- स्थापना : वर्ष 1999 में
- उद्देश्य : वैश्विक आर्थिक विकास के लिए सदस्यों के बीच स्थिरता एवं सतत विकास के लिए नीतिगत समन्वय स्थापित करना; वित्तीय संकटों को रोकने वाले नियमों को बढ़ावा देना; एक नई अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना का निर्माण करना
- सदस्य : 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम व अमेरिका) और यूरोपीय संघ एवं अफ़्रीकी संघ
- अध्यक्षता : वार्षिक रूप से रोटेशन के आधार पर
- ट्रोइका : अध्यक्षता को वर्तमान-पिछले-अगले मेजबान देशों के समूह से बने ‘ट्रोइका’ द्वारा समर्थित किया जाता है। (वर्ष 2024 के ट्रोइका में भारत-ब्राज़ील-दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं)
- सम्मेलन : पहला सम्मेलन वर्ष 2008 में वाशिंगटन DC अमेरिका में हुआ था।
- वर्तमान संस्करण 19वां था जिसका आयोजन ब्राजील में किया गया।
- 18वां संस्करण वर्ष 2023 में भारत में आयोजित किया गया था।
- 20वां संस्करण वर्ष 2025 में दक्षिण अफ्रीका में और 21वां संस्करण वर्ष 2026 में संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित किया जाएगा।
- सचिवालय : इस समूह का स्थायी सचिवालय नहीं है।
- वैश्विक प्रतिनिधित्व: जी-20 के सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और दुनिया की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी की ब्राजील यात्रा
- प्रधानमंत्री मोदी ने 18-19 नवंबर 2024 को रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया और 10 विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की।
- इनमें ब्राजील, इंडोनेशिया, पुर्तगाल, इटली, नॉर्वे, फ्रांस, ब्रिटेन, चिली, अर्जेंटीना एवं ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें शामिल हैं।
- ब्राजील में भारतीय समुदाय ने यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संस्कृत मंत्रों के साथ स्वागत किया।
- जी-20 के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की उल्लेखनीय प्रगति और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ विषय के अंतर्गत वैश्विक प्राथमिकताओं के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
जी-20 में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु
- प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 समूह से सभी के लिए स्वच्छ एवं अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के प्रयासों में तेजी लाने का आग्रह किया।
- भारत पहला जी-20 देश है, जिसने पेरिस समझौते के तहत की गई प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा किया है।
- नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धियों में तेजी लाने के लिए वाराणसी कार्य योजना को अपनाया था।
- प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, एक विश्व-एक सूर्य-एक ग्रिड और वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन जैसी पहलों के माध्यम से सभी के लिए अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
- भारत ने वैश्विक स्तर पर टिकाऊ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए मिशन लाइफ या पर्यावरण के लिए जीवनशैली पहल शुरू की है।
भारत की निम्न उपलब्धियों की चर्चा
- पिछले एक दशक में भारत में 40 मिलियन परिवारों के लिए घर निर्माण
- पिछले 5 वर्षों में 12 करोड़ घरों में स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित
- 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकालना
- 800 मिलियन से अधिक नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा
- 550 मिलियन से अधिक नागरिकों के पास किफायती स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच
- 300 मिलियन से अधिक महिला सूक्ष्म उद्यमियों को संस्थागत ऋण तक पहुँच
भारत-ब्राज़ील द्विपक्षीय बैठक
- प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा को वर्ष 2025 में BRICS और CoP-30 में ब्राजील के नेतृत्व के लिए भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।
- बैठक के दौरान भारत-ब्राजील रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, जिसमें कृषि, रक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, पर्यटन, जैव ईंधन, फार्मास्यूटिकल्स और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।