प्रारम्भिक परीक्षा – आकाशगंगा मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
संदर्भ
- खगोलविदों ने आकाशगंगाओं में पहले बुलबुले की खोज की है, जो लगभग कल्पना से बाहर विशाल ब्रह्मांडीय संरचना है। इसे हमारे आकाशगंगा के पीछे महा विस्फोट वाली जगह या बिग-बैंग के ठीक बाद का जीवाश्म अवशेष माना जा रहा है।
- खोजा गया यह बुलबुला एक अरब प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ है, जो मिल्की वे आकाशगंगा से 10,000 गुना अधिक चौड़ा है।
प्रमुख बिंदु
- विशाल बुलबुला, जिसे नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है, हमारी आकाशगंगा से अपेक्षाकृत करीब 82 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है, जिसे खगोलशास्त्री निकटवर्ती ब्रह्मांड कहते हैं।
- प्रकाश वर्ष, लंबाई की एक इकाई होती है जिसका उपयोग खगोलीय दूरियों का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है एक प्रकाश-वर्ष लगभग 9.46 ट्रिलियन किलोमीटर के बराबर होता है।
- फ्रांस के परमाणु ऊर्जा आयोग के खगोलशास्त्री डैनियल पोमारेडे के अनुसार, इस बुलबुले को दिल वाला एक गोलाकार खोल के रूप में कल्पना की जा रही है।
- बुलबुले के अंदर आकाशगंगाओं का एक समूह है जिसे बूट्स सुपरक्लस्टर के नाम से जाना जाता है, जो एक विशाल शून्य से घिरा हुआ है इतना विशाल होने पर भी इसे कुछ नहीं या द ग्रेट नथिंग कहा जाता है।
- बुलबुले में विज्ञान के लिए पहले से ही ज्ञात कई अन्य आकाशगंगा सुपरक्लस्टर शामिल हैं, जिसमें स्लोअन ग्रेट वॉल के नाम से ज्ञात विशाल संरचना भी शामिल है।
- शोधकर्ता पोमारेडे के अनुसार, बुलबुले की खोज, जिसका वर्णन शोध में किया गया है, जो इस सप्ताह द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है, यह एक बहुत लंबी वैज्ञानिक प्रक्रिया का हिस्सा रहा है।
- इस बुलबुले का वर्णन पहली बार 1970 में अमेरिकी ब्रह्मांड विज्ञानी और भविष्य के भौतिकी नोबेल विजेता जिम पीबल्स ने किया था।
- जिम पीबल्स के एक सिद्धांत के तहत आदिम ब्रह्मांड में गर्म प्लाज्मा का एक विचित्र गुरुत्वाकर्षण और विकिरण के मंथन से ध्वनि तरंगें पैदा हुई जिन्हें बैरियन ध्वनिक दोलन (बीएओ) कहा जाता है।
- जैसे ही ध्वनि तरंगें प्लाज्मा के माध्यम से तरंगित हुई, उन्होंने बुलबुले बनाए। बिग बैंग के लगभग 3,80,000 साल बाद यह प्रक्रिया रुक गई क्योंकि ब्रह्मांड ठंडा हो गया था, जिससे बुलबुले का आकार जम गया।
- जैसे-जैसे ब्रह्मांड का विस्तार हुआ, बुलबुले बड़े होते गए, बिग बैंग के बाद के समय के अन्य जीवाश्म अवशेषों के समान हो गए।
- खगोलविदों ने इससे पहले 2005 के आस-पास की आकाशगंगाओं के आंकड़ों को देखते समय बीएओ के संकेतों का पता लगाया।
- शोधकर्ताओं के अनुसार, नया खोजा गया बुलबुला पहला ज्ञात एकल बेरियन ध्वनिक दोलन है।
- खगोलविदों ने उनके बुलबुले को होओलेइलाना कहा। यह नाम हवाईयन सृजन मंत्र से लिया गया है। यह नाम अध्ययन के प्रमुख अध्ययनकर्ता तथा हवाई विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्री ब्रेंट टुली, के नाम से लिया गया है।
आकाशगंगा
ब्रह्मांड की उत्पत्ति से सम्बंधित सिद्धांत
- बिग बैंग सिद्धांत : जॉर्ज लेमैत्रे।
- साम्यावस्था सिद्धांत : थॉमस गोल्ड एवं हर्मन वाडी।
- दोलन सिद्धात : डॉ . एलन संडेजा।
ब्रह्मांड
- एक अनुमान के अनुसार, लगभग 100 अरब आकाशगंगाएँ (Galaxy) मिलकर एक ब्रह्मांड हैं।
- आकाशगंगा असंख्य तारों का एक विशाल पुंज होता है, जिसमें एक केन्द्रीय बल्ज (Bulge) एवं तीन घूर्णनशील भुजाएँ होती हैं। ये तीनों घूर्णनशील भुजाएँ अनेक तारों से निर्मित होती है।
- बल्ज, आकाशगंगा के केन्द्र को कहा जाता है। यहाँ तारों का संकेन्द्रण सर्वाधिक होता है। प्रत्येक आकाशगंगा में लगभग 100 अरब तारे होते हैं।
- लिमन अल्फा ब्लॉब्स, अमीबा के आकार की एवं 20 करोड़ प्रकाश वर्ष चौड़ी विशालकाय आकाशगंगाओं और गैसों का समूह है। इस विशालकाय संरचना की आकाशगंगाएँ ब्रह्मांड में उपस्थित अन्य आकाशगंगाओं की अपेक्षा एक दूसरे से चार गुनी ज्यादा नजदीक है।
- एंड्रोमेडा हमारी आकाशगंगा के सबसे निकट की आकाशगंगा है, जो हमारी आकाशगंगा से 2.2 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
- हमारी आकाशगंगा को मंदाकिनी कहा जाता है। इसकी आकृति 'सर्पिल' (Spiral) है। इस प्रकार की आकाशगंगा में नए एवं पुराने तारे सम्मिलित होते हैं।
- मिल्की वे रात के समय दिखाई पड़ने वाले तारों का समूह है, जो हमारी आकाशगंगा का ही भाग है।
- ऑरियन नेबुला हमारी आकाशगंगा के सबसे शीतल और चमकीले तारों का समूह है।
- हमारी आकाशगंगा का व्यास एक लाख प्रकाश वर्ष है। सूर्य हमारी आकाशगंगा का एक तारा है। यह आकाशगंगा की परिक्रमा 200 मिलियन (बीस करोड़) वर्षों से भी अधिक समय से कर रहा है।
- प्लेनेमस सौरमंडल से बाहर बिल्कुल एक जैसे दिखने वाले जुड़वा पिड़ों का एक समूह है।
- साइरस या डॉग स्टार पृथ्वी से 9 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है तथा सूर्य के दोगुने द्रव्यमान वाला तारा है। यह सूर्य से 20 गुना अधिक चमकीला है एवं यह रात्रि में दिखाई पड़ने वाला सर्वाधिक चमकीला तारा है।
- प्रॉक्सिमा सेन्चुरी सूर्य का निकटतम तारा है। यह सूर्य से 4.3 प्रकाश वर्ष दूर है। गैलीलिओ ने सन् 1609 में पहली बार दूरबीन का इस्तेमाल करते हुए रात में आसमान का अध्ययन किया।
- भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 4 अगस्त, 2015 को राजस्थान के उदयपुर के फतेहसागर स्थित सौर वेधशाला में एशिया की सबसे बड़ी सौर दूरबीन मल्ट एप्लिकेशन सोलर टेलीस्कोप (मास्ट) का शुभारंभ किया इस दूरबीन से सूर्य के प्रति मिनट डिजिटल वेलोसिटी के तस्वीरें प्राप्त कर सूर्य के बारे में अधिक-से-अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी तथा इससे दिन में आकाशीय गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकती है।
- चीन विश्व की सबसे बड़ी रेडियो दूरबीन फास्ट' (फाइव हंड्रेड मीटर अपार्चर रिफयरिकल रेडियो टेलीस्कोप) का निर्माण कर रहा है। इस दूरबीन के निर्मित होने के पश्चात् नासा की 'केपलर' दूरबीन पीछे छूट जाएगी।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न: निम्नलिखित में से साम्यावस्था सिद्धांत का संबंध किससे है?
(a) पृथ्वी की उत्पत्ति से
(b) तारों की उत्पत्ति से
(c) ब्रम्हांड की उत्पत्ति से
(d) क्षुद्र ग्रहों की उत्पत्ति से
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - ब्रह्मांड किसे कहते हैं? इसकी उत्पति के संबंध में दिए गए सिद्धांतों की व्याख्या कीजिए।
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स्रोत : THE HINDU