गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य को चीतों के नये निवास स्थान के रूप में विकसित किया जायेगा।
वर्ष 2022 में नामीबिया से कुल चीतों को कुनो नेशनल पार्क में लाया गया था.
वर्ष 2023 में दक्षिण अफ़्रीका से 12 चीते कुनो नेशनल पार्क में लाए गए
चीता
वर्तमान में चीते की दो मान्यता प्राप्त उप-प्रजातियाँ– एशियाई चीता (Acinonyx jubatus venaticus) और अफ़्रीकी चीता (Acinonyx jubatus jubatus) मौजूद हैं।
एशियाई चीते सिर्फ ईरान में ही पाए जाते हैं।
अफ्रीकी चीते का आकार व क्षमता ‘एशियाई चीते’ की तुलना में अधिक होती है।
अफ्रीकी चीता पृथ्वी पर सबसे तेज़ रफ्तार वाला जीव है।
यह प्राकृतिक रूप से पूर्वी व दक्षिणी अफ्रीका के निचले भू-भाग (सवाना घास के मैदान, कालाहारी मरुस्थल इत्यादि) में पाया जाता है।
चीता को ‘लुप्तप्राय वन्यजीव एवं वनस्पति प्रजाति अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अभिसमय’ (CITIES) के परिशिष्ट-I के तहत संरक्षित किया गया है और
वाणिज्यिक प्रयोग के लिये इसका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रतिबंधित है।
अफ्रीकी चीता को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची में संवेदनशील (Vulnerable) तथा एशियाई चीते को गम्भीर संकटापन्न (Critically Endangered) के रूप में अधिसूचित किया गया है।
गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य
गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य, उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश (मंदसौर और नीमच जिलों) में राजस्थान की सीमा के पास स्थित है।
इसे वर्ष 1974 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया।
चंबल नदी, गांधीसागर अभयारण्य से होकर बहती है और इसे दो भागों में विभाजित करती है।
खैर, सलाई, करधई, धावड़ा, तेंदू और पलाश आदि यहां पाई जाने वाली प्रमुख वृक्ष प्रजातियां हैं।
इस वन्यजीव अभयारण्य में चिंकारा, नीलगाय और चित्तीदार हिरण, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा और सियार जैसे जानवर पाए जाते हैं।
गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य में ऐतिहासिक, पुरातत्व और धार्मिक महत्व के कई स्थान हैं जैसे - चौरासीगढ़, चतुर्भुजनाथ मंदिर, भड़काजी रॉक पेंटिंग, नरसिंहझर हिंगलाजगढ़ किला, करकेश्वर मंदिर।
प्रश्न - गांधी सागर अभयारण्य किस राज्य में स्थित है ?