हाल ही में गंगा नदी डॉल्फिन की पहली बार असम में टैगिंग की गई।
भारतीय वन्यजीव संस्थान ने असम वन विभाग के सहयोग से एक स्वस्थ नर डॉल्फिन को टैग किया और उसे पशु चिकित्सा देखभाल के तहत छोड़ दिया।
गंगा नदी डॉल्फिन के निवास स्थान की जरूरतों, आवाजाही के पैटर्न या घर-सीमा की जानकारी की कमी को देखते हुए इसके फैलाव सीमा में डॉल्फिन की उपग्रह टैगिंग करने का निर्णय लिया गया।
टैगिंग से डॉल्फिन के मौसमी और प्रवासी पैटर्न, सीमा, वितरण और आवास उपयोग को समझने में मदद मिलेगी
विशेष रूप से वहां जहां मानव गतिविधि द्वारा नदी का स्वरूप बदल दिया गया है, जो प्रजातियों की आवाजाही को बाधित करती है।
गंगा नदी डॉल्फिन
इसका वैज्ञानिक नाम प्लैटनिस्टा गैंगेटिका है।
यह भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है।
यह डॉल्फ़िन अंधी होती हैं
यह सिर्फ मीठे पानी में ही रह सकती हैं
यह पानी में सांस नहीं ले सकती इसीलिए इसे साँस लेने के लिये पानी से बाहर आना पड़ता है
साँस लेते समय निकलने वाली ध्वनि के कारण इसे 'सुसु' भी कहा जाता है
यह भारत, नेपाल और बांग्लादेश में पाई जाती है।
भारत में यह गंगा नदी और उसकी सहायक घाघरा, कोसी, गंडक, चंबल, और यमुना आदि नदियों में पाई जाती है।
बिहार में विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य स्थापित किया गया है।
5 अक्टूबर को राष्ट्रीय गंगा नदी डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वर्ष 2009 में भारत सरकार ने गंगा डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय पशु के रूप में मान्यता दी।
संरक्षण स्थिति
यह वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I में सूचीबद्ध है
प्रकृति के संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) - संकटग्रस्त (Endangered)
लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES) - परिशिष्ट-I
प्रश्न - राष्ट्रीय गंगा नदी डॉल्फिन दिवस कब मनाया जाता है ?