प्रारंभिक परीक्षा – समलैंगिक विवाह, विशेष विवाह अधिनियम 1954 मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 – केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र |
सन्दर्भ
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक विवाह पर याचिकाओं की जांच करने के क्रम में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में कहा कि समलैंगिक विवाह से सामाजिक मूल्यों को खतरा हो सकता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- केंद्र सरकार ने कहा कि वैवाहिक संस्था पवित्रता से जुड़ा हुआ मामला है, और विवाह एक जैविक पुरुष और महिला के बीच पवित्र मिलन और संस्कार है।
- केंद्र सरकार के अनुसार "मानवीय संबंध" में स्वीकृत मानदंड से कोई भी "विचलन" केवल विधायिका के माध्यम से हो सकता है, ना कि अदालत के माध्यम से।
- सरकार ने आगे तर्क दिया कि कोर्ट ने नवतेज सिंह जौहर मामले (2018) में केवल समलैंगिक व्यक्तियों के बीच यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया था ना कि इस आचरण को वैध ठहराया था।
- केंद्र सरकार के अनुसार, संसद ने विभिन्न विवाह कानून बनाए हैं, जो विभिन्न धार्मिक समुदायों के रीति-रिवाजों पर आधारित हैं, और इसमें किसी भी तरह के हस्तक्षेप से व्यक्तिगत कानूनों के नाजुक संतुलन को नुकसान होगा।
समलैंगिक विवाह
- समलैंगिक विवाह, दो सामान लिंग के व्यक्तियों (दो पुरुषों या दो महिलाओं) के बीच विवाह को संदर्भित करता है।
समलैंगिक विवाह के पक्ष में तर्क
- अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह करने का अधिकार भारत के संविधान के तहत प्रत्येक व्यक्ति को दिया गया मौलिक अधिकार है।
- किसी व्यक्ति को विवाह करने से रोकना उसके समानता के अधिकार का उल्लंघन करना है।
- 2022 तक लगभग 30 से अधिक देशों में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता प्राप्त है।
समलैंगिक विवाह के विपक्ष में तर्क
- भारत में विवाह को मान्यता तभी दी जाती है, जब वह एक जैविक पुरुष और जैविक महिला के बीच हो।
- केंद्र सरकार के अनुसार व्यक्तिगत कानूनों पर आधारित वैवाहिक क़ानून में अदालत का कोई भी हस्तक्षेप समाज में असंतुलन पैदा करेगा और कानून का निर्माण करने की संसद की इच्छा के विपरीत कार्य भी कर सकता है।
- विवाह करने का मौलिक अधिकार एक निरपेक्ष अधिकार नहीं है और अन्य संवैधानिक सिद्धांतों की अवहेलना नहीं कर सकता।
अन्य देशों में समलैंगिक विवाह संबंधी प्रावधान
- अमेरिका ने 2015 में समलैंगिक विवाह को मान्यता प्रदान की, क्योंकि विवाह को केवल विषमलैंगिक जोड़ों तक सीमित करना कानून के तहत समान सुरक्षा की गारंटी देने वाले 14वें संशोधन का उल्लंघन है।
- एक जनमत संग्रह के बाद, ऑस्ट्रेलिया की संसद ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला कानून पारित किया।
- आयरलैंड और स्विट्ज़रलैंड में भी LGBTQ विवाहों को औपचारिक मान्यता प्रदान की गयी है।
- दक्षिण अफ्रीका 2006 में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला अफ्रीकी देश बन गया।
- ताइवान समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला पहला एशियाई देश बन गया है।
- अर्जेंटीना समलैंगिक विवाह की अनुमति देने वाला पहला लैटिन अमेरिकी देश है ।
- कनाडा में 2005 में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए कानून पारित किया।