प्रारंभिक परीक्षा – दुर्लभ बीमारी (Rare diseases) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चार दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए जेनेरिक दवाएं 24 नवंबर, 2023 को लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु
- भारत सरकार ने पहली बार दुर्लभ बीमारियों के लिए चार प्रकार की घरेलू 'मेड इन इंडिया' दवाओं का निर्माण करके एक गेम-चेंजर पहल शुरू की है।
- भारत में अन्य देशों के सफल मॉडलों का अध्ययन करने के बाद दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए कम लागत वाली दवाएं शुरू की गई हैं।
- यह पहल जुलाई 2022 में शिक्षा जगत, फार्मा उद्योगों, संगठनों और सीडीएससीओ फार्मास्यूटिकल्स विभाग के साथ चर्चा के बाद प्रारंभ किया गया था।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार फार्मा कंपनियों, वैज्ञानिकों, दवा नियामकों और शिक्षाविदों के साथ चर्चा के बाद दवाओं को वितरितकरने के लिए विनिर्माण शुरू करने का फैसला किया।
- इसमें 13 दुर्लभ बीमारियों और सिकल सेल रोग के लिए भी दवाओं को प्राथमिकता दी गई।
- इसके लागत में भारी अंतर के साथ यह एक क्रांतिकारी बदलाव है। अगर किसी दवा की कीमत 2.5 करोड़ है तो भारत में इसकी कीमत 2.5 लाख होगी।
- दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली सभी दवाएं अब तक आयात की जा रही थीं जो काफी महंगी थीं।
- वर्तमान में आठ प्रकार की जेनेरिक दवाएं हैं और इसमें से चार प्रकार की दवाएं भारत में उपलब्ध हैं जैसे: टायरोसिनेमिया-टाइप 1 (Tyrosinemia-Type 1), गौचर्स रोग (Gauchers Disease), विल्सन रोग(Wilson’s Disease) और ड्रेवेट-लेनोक्स गैस्टॉट सिंड्रोम (Dravet-Lennox Gastaut Syndrome) के लिए उपलब्ध हैं।
- अन्य चार प्रकार की दवाएं अगले वर्ष उपलब्ध कराने की योजना है।
दुर्लभ बीमारी (Rare diseases)
- दुर्लभ बीमारी विशेष रूप से कम प्रसार वाली एक स्वास्थ्य स्थिति है जो कम संख्या में लोगों को प्रभावित करती है।
- मंत्रालय के अनुसार यह किसी भी देश में किसी भी समय सामूहिक रूप से 6-8% आबादी को प्रभावित करता है, इसलिए भारत में ऐसे 8.4 करोड़ से 10 करोड़ मामले हो सकते हैं।
- इनमें से लगभग 80% प्रतिशत बीमारियाँ आनुवंशिक प्रकृति की होती हैं।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चार दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए जेनेरिक दवाएं 24 नवंबर, 2023 को लॉन्च किया।
- दुर्लभ बीमारियां किसी भी देश में किसी भी समय सामूहिक रूप से 6-8% आबादी को प्रभावित करता है।
- दुर्लभ बीमारियों में से लगभग 80% प्रतिशत बीमारियाँ आनुवंशिक प्रकृति की होती हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: दुर्लभ बीमारियों से क्या आशय है ? दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाली प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।
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स्रोत:the hindu