प्रारंभिक परीक्षा- जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट, जीनोम अनुक्रमण, मानव जीनोम प्रोजेक्ट, अर्थ बायोजीनोम प्रोजेक्ट मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 3, बायो-टैक्नोलॉजी |
चर्चा में क्यों-
जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने 27 फरवरी, 2024 को एक डेटाबेस बनाने के लिए विभिन्न समुदायों के 10,000 भारतीयों के जीनोम को अनुक्रमित कर लिया है।
मुख्य बिंदु-
- यह एक क्रांतिकारी कदम है, लेकिन आगे अधिक दुर्लभ उत्परिवर्तनों का पता लगाने के लिए हजारों जीनोम का नमूना लेने की आवश्यकता होगी।
- भारत ने पहली बार वर्ष, 2006 में एक पूर्ण मानव जीनोम का अनुक्रम किया था।
जीनोम अनुक्रमण-
- जीनोम, किसी जीव के डीएनए का पूरा सेट होता है, जिसमें उसके सभी जीन शामिल होते हैं।
- जीनोम अनुक्रमण, किसी जीव के जीनोम के पूर्ण डीएनए अनुक्रम को निर्धारित करने की प्रक्रिया है।
- जीनोम अनुक्रमण में किसी जीव के DNA के भीतर न्यूक्लियोटाइड के क्रम का पता लगाया जाता है।
- इसके अंतर्गत DNA में मौज़ूद चारों क्षार - एडानीन (A), ग्वानीन (G), साइटोसीन (C) और थायमीन (T) के क्रम का आकलन किया जाता है।
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट-
- जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट, जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्वीकृत एक जीन मैपिंग परियोजना है।
- इसे भारतीय आबादी के बीच आनुवंशिक भिन्नताओं का एक व्यापक डेटाबेस बनाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया।
- इस परियोजना का उद्देश्य, देश के विभिन्न क्षेत्रों के 10,000 से अधिक भारतीयों के जीनोम को अनुक्रमित करना और भारतीय आबादी के लिए एक संदर्भ जीनोम बैंक स्थापित करना है।
- इसे भारतीय जनसंख्या के आनुवंशिक वेरिएंट के बारे में जानने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट का उद्देश्य-
- इस प्रोजेक्ट के उद्देश्य प्रमुखतः हैं;
- भारत की जनसंख्या विविधता का निरीक्षण करना
- निदान विधियों और चिकित्सा परामर्श में सुधार करना
- रोग के लिए आनुवंशिक प्रवृत्तियों का पता लगाना
- व्यक्तिगत और शारीर के अनुकूलन योग्य दवाएं विकसित करना
- जीन थेरेपी में सुधार करना
- संक्रामक रोग के प्रति व्यक्तिगत संवेदनशीलता पर अधिक प्रकाश डालना
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट की सफलताएं-
- भारत में लगभग 20 संस्थाएं इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही हैं।
- भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु और सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, हैदराबाद इस प्रोजेक्ट का समन्वय करने वाले प्रमुख संस्थान हैं।
- सेंटर फॉर ब्रेन रिसर्च में 20,000 रक्त नमूनों (जिनमें से जीनोम अनुक्रमित किए गए थे) के ‘बायोबैंक’ का निर्माण और ‘भारतीय जैविक डेटा केंद्र’ में डेटा संग्रह कर इस परियोजना को पूरा किया किया गया है।
- सभी डेटा को जैव प्रौद्योगिकी विभाग के क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, फ़रीदाबाद में स्थापित भारतीय जैविक डेटा केंद्र में संग्रहीत किया जा रहा है।
भारत की जनसांख्यिकी विविधताएँ-
- भारत की 1.3 अरब की आबादी में 4,600 से अधिक जनसंख्या समूह शामिल हैं।
- इनमें से कई अंतर्विवाही (endogamous)हैं।
- इन कारकों ने वर्तमान जनसंख्या की आनुवंशिक विविधता बढ़ाने में योगदान दिया है।
- इनमें से अनेक समूहों में कुछ रोग पैदा करने वाले उत्परिवर्तन (mutations) बढ़ जाते हैं।
- ये ऐसे हानिकारक उत्परिवर्तन हैं जो दुनिया में बहुत कम पाए जाते हैं, लेकिन भारत के अंतर्विवाही समूहों [जनसंख्या के सापेक्ष] में उनकी उच्च आवृत्ति है।
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मानव जीनोम प्रोजेक्ट-
- मानव जीनोम प्रोजेक्ट एक सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी अनुसंधान परियोजना है।
- इस प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष, 1990 में अमेरिका ने की थी, जिसे कई अन्य देशों का सहयोग प्राप्त हुआ।
- वर्ष, 2003 में यह प्रोजेक्ट पूर्ण हुआ।
- इसका उद्देश्य, मानव डीएनए बनाने वाले रासायनिक आधार जोड़े के अनुक्रम का निर्धारण करना और मानव जीनोम के सभी जीनों की पहचान और मानचित्रण करना है।
अर्थ बायोजीनोम प्रोजेक्ट-
- यह एक वैश्विक प्रयास है, जिसके तहत पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी पादपों, वन्य जीवों, कवक तथा अन्य सूक्ष्म जीवों की डी.एन.ए. मैपिंग की जाती है।
- इसे वर्ष 2018 में प्रारंभ किया गया था।
- इसमें 10 वर्षों में 1.8 मिलियन ज्ञात प्रजातियों की डी.एन.ए. मैपिंग तथा वर्ष 2022 तक लगभग 3000 प्रजातियों के आनुवंशिक अनुक्रमण (Genome sequencing) का लक्ष्य रखा गया है।
- आनुवंशिक अनुक्रमण से जैव विविधता की क्षति को कम करने, खाद्य फसलों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने तथा एक-कोशिकीय जीवों के अनुक्रमण में मदद मिलेगी।
- विभिन्न रिपोर्टों में, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापन के कारण इस शताब्दी के अंत तक लगभग 50% जैव विविधता के क्षरण का अनुमान व्यक्त किया गया है।
- वन्य जीवों एवं वनस्पतियों के डी.एन.ए. अनुक्रमण की डिजिटल लाइब्रेरी आवश्यक है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने एक डेटाबेस बनाने के लिए विभिन्न समुदायों के 10,000 भारतीयों के जीनोम को अनुक्रमित कर लिया है।
- सभी डेटा को जैव प्रौद्योगिकी विभाग के क्षेत्रीय जैव प्रौद्योगिकी केंद्र, फ़रीदाबाद में स्थापित भारतीय जैविक डेटा केंद्र में संग्रहीत किया जा रहा है।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- भारत ने जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट के तहत एक डेटाबेस बनाने के लिए विभिन्न समुदायों के 10,000 भारतीयों के जीनोम को अनुक्रमित कर लिया है। जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट के उद्देश्य एवं लाभ बताएं।
उत्तर- (a)
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